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मौद्रिक नीति 2011-12 की पहली तिमाही समीक्षा. रूपरेखा. पृष्ठभूमि मौद्रिक नीति अपेक्षित प्रभाव. पृष्ठभूमि – (1) वैश्विक आर्थिक गतिविधियॉं. उच्चतर तेल और वैश्विक वस्तु (commodity) कीमतें मध्य-पूर्व में राजनीतिक संघर्ष जापान का भूकंप वैश्विक ऋण समस्याएं
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मौद्रिक नीति 2011-12 की पहली तिमाही समीक्षा
रूपरेखा • पृष्ठभूमि • मौद्रिक नीति • अपेक्षित प्रभाव
पृष्ठभूमि – (1) वैश्विक आर्थिक गतिविधियॉं • उच्चतर तेल और वैश्विक वस्तु (commodity) कीमतें • मध्य-पूर्व में राजनीतिक संघर्ष • जापान का भूकंप • वैश्विक ऋण समस्याएं • संयुक्त राज्य अमरीका में गतिरोध
(2) भारतीय अर्थव्यवस्था • वर्ष 2010-11 में उत्पादन में तेज़ी के बाद नरमी के संकेत • निवेश मॉंग कम हुई, निजी उपभोग मॉंग मज़बूत बनी रही • भुगतान संतुलन संभावना स्थिर • जमा वृद्धि और ऋण वृद्धि दोनों के बीच विविधता में कमी
मौद्रिक नीति 2011-12 की पहली तिमाही समीक्षा के प्रमुख बिन्दु • चलनिधि समायोजन सुविधा (LAF) के अंतर्गत रिपो दर को 50 आधार अंको तक बढाया गया • इसके परिणाम स्वरुप रिवर्स रिपो दर स्वत: 7.0 प्रतिशत पर समायोजित हो गई। • सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) 9.0 प्रतिशत पर समायोजित हो गई है ।
कारण • बढती हुई मुद्रास्फीति
मुद्रास्फीति अपेक्षाओं के नियंत्रण हेतु उच्च ब्याज दर के वातावरण को बनाये रखना • मौद्रिक अंतरण व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए तरलता प्रबंधन सुनिश्चित करना • सामान्य स्थिति से मानसून का पलायन
अपेक्षित परिणाम • मांग पर पूर्व में की गई कार्रवाईयो का संचयी प्रभाव (cumulative effect)प्रबल होगा • मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने की प्रतिबद्धता को विश्वास मिलेगा एवम मध्यावधि अपेक्षाएँ नियंत्रित रहेंगी • मांग और आपूर्ति पर मजबूत मौद्रिक नीति कार्रवाईयो की आवश्यकता को सहयोग मिलेगा