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राष्टीय युवा दिवस 2023: थीम, इतिहास, महत्व और उद्देश्य

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राष्टीय युवा दिवस 2023: थीम, इतिहास, महत्व और उद्देश्य

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Presentation Transcript


  1. राष्टीय युवा दिवस 2023: थीम, इतिहास, महत्व और उद्देश्य

  2. POST HIGHLIGHT उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक आपको मंजिल प्राप्त न हो जाए जैसा बेहतरीन संदेश देने वाले युवाओं के प्रेरणास्त्रो‍त और समाज सुधारक स्वामी विवेकानंद Swami Vivekanandका जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता में हुआ था।  स्वामी विवेकानंद की जयंती के दिन पूरे भारत में राष्टीय युवा दिवस National Youth Dayमनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद Swami Vivekanandकी जयंती के दिन इस खास दिन को इसीलिए मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने बहुत ही कम उम्र में अध्यात्म के मार्ग पर चलते हुए कई युवाओं को सदमार्ग दिखाने का काम किया था। किसी भी देश के गौरवशाली एवं उज्जवल भविष्य की नींव रखते वक्त, अगर किसी का सबसे अहम किरदार होता है तो वह उस देश के युवाओं का होता है। ऐसा इसीलिए है क्योंकि जब तक किसी देश का युवा सूझबूझ से फैसले करने वाला, देश के लिए कुछ कर गुजरने की चाहत रखने वाला और सबको एक साथ लेकर चलने वाला नहीं होगा तब तक वह देश तरक्की की सीढ़ियों पर नहीं चढ़ पाएगा।  स्वामी विवेकानंद के विचार कुछ ऐसे ही थे। उन्होंने अपने इन विचारों से ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया भर के लोगों को प्रेरित किया था। इन्हीं कारणों की वजह से उनकी जयंती के अवसर पर भारत में युवाओं के जज्बे और जुनून का उत्सव राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। #NationalYouthDay2023 #SwamiVivekananda CONTINUE READING.. भारत देश में सबसे अधिक आबादी युवाओं की है और यह बात हर कोई जानता है कि किसी भी देश का भविष्य उस देश के युवाओं youth पर ही निर्भर करता है। नई प्रतिभा की मदद से देश को तरक्की मिलती है और उस देश का विकास भी होता है। युवाओं के सही मार्ग दर्शन के लिए देश में हर साल युवा दिवस मनाया जाता है। 

  3. युवा शक्ति देश की और समाज की रीढ़ होती है। देश के युवा देश को और समाज को नए शिखर पर ले जाते हैं। युवा देश का ना सिर्फ वर्तमान हैं बल्कि भविष्य के सेतु भी हैं। युवा समाज और देश के जीवन मूल्यों के प्रतीक होते हैं। समाज को बेहतर बनाने में और राष्ट्र के निर्माण में सर्वाधिक योगदान देश के युवाओं का ही होता है। देश के स्वतंत्रता आंदोलन में भी युवाओं ने अपनी शक्ति का परिचय दिया था।  राष्टीय युवा दिवस National Youth Day 2023 "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक आपको मंजिल प्राप्त न हो जाए" जैसा बेहतरीन संदेश देने वाले युवाओं के प्रेरणास्त्रो‍त और समाज सुधारक स्वामी विवेकानंद Swami Vivekanandका जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता में हुआ था।  स्वामी विवेकानंद की जयंती के दिन पूरे भारत में राष्टीय युवा दिवस National Youth Day मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद की जयंती Swami Vivekananda's birth anniversaryके दिन इस खास दिन को इसीलिए मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने बहुत ही कम उम्र में अध्यात्म के मार्ग पर चलते हुए कई युवाओं को सदमार्ग दिखाने का काम किया था। किसी भी देश के गौरवशाली एवं उज्जवल भविष्य की नींव रखते वक्त, अगर किसी का सबसे अहम किरदार होता है तो वह उस देश के युवाओं का होता है। ऐसा इसीलिए है क्योंकि जब तक किसी देश का युवा सूझबूझ से फैसले करने वाला, देश के लिए कुछ कर गुजरने की चाहत रखने वाला और सबको एक साथ लेकर चलने वाला नहीं होगा तब तक वह देश तरक्की की सीढ़ियों पर नहीं चढ़ पाएगा।  स्वामी विवेकानंद के विचार कुछ ऐसे ही थे। उन्होंने अपने इन विचारों से ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया भर के लोगों को प्रेरित किया था। इन्हीं कारणों की वजह से उनकी जयंती के अवसर पर भारत में युवाओं के जज्बे और जुनून का उत्सव राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

  4. अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस International youth day भारत की तरह पूरी विश्व में भी युवा दिवस मनाया जाता है। अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर की बात करें तो हर साल १२ अगस्त को संयुक्त राष्ट्र United Nations द्वारा युवा दिवस मनाने के लिए चुना गया है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने 1985 में की थी लेकिन दुनिया में पहली बार यह दिवस साल 2000 में मनाया गया था।  स्वामी विवेकानंद कौन थे? Who was Swami Vivekananda? स्वामी विवेकानंद जी का नाम उनके माता-पिता ने नरेंद्रनाथ दत्त रखा गया था। सन् 1863 में कोलकाता शहर के एक धनी परिवार में जन्मे नरेंद्रनाथ दत्त के गुरु का नाम श्री रामकृष्ण परमहंस था। विवेकानंद ने अपने गुरू श्री रामकृष्ण परमहंस से ही आध्यात्मिक शिक्षा हासिल की थी और इसके बाद दुनियाभर में उन्होंने हिन्दुत्व के विचारों को फैलाया था।  साल 1893 में अमेरिका में उनके द्वारा दिए गए भाषण को आज भी लोगों ने याद रखा है। अपने भाषण में विवेकानंद ने भारत, हिंदुत्व और अपने गुरु श्री रामकृष्ण परमहंसSri Ramakrishna Paramhansaके विचारों को दुनिया के सामने रखा था। इतना ही नहीं उन्होंने अपने जीवनकाल में कई देशों का दौरा किया था और दुनिया भर में वेदांत फिलोसॉफी और योग Vedanta Philosophy and Yogaको प्रचलित किया था।  स्वामी विवेकानंद ने पश्चिम संस्कृति और भारतीय संस्कृति के बीच की दूरी को कम करने के लिए भी कई प्रयास किए थे। उन्होंने अपने जीवन को समाज कार्य और समाज को सुधारने और बेहतर बनाने के लिए समर्पित किया था। वह एक साधु जैसा जीवन जीते थे। 

  5. Also Read : डॉ भीमराव अंबेडकर - युवाओं की प्रेरणा • राष्ट्रीय युवा दिवस थीम 2023 National Youth Day Theme 2023 • भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस को अलग-अलग थीम के साथ मनाया जाता है। सबसे पहले इसकी शुरुआत सन् 2011 में हुई थी।  • साल 2011 की थीम - 'सबसे पहले भारत' • साल 2012 की थीम - 'सेलिब्रेट डावर्टिसी इन यूनिटी’  • साल 2013 की थीम - 'अवेकिंग द यूथ पावर’ • साल 2014 की थीम - 'यूथ फॉर ड्रग्स फ्री वर्ल्ड’ • साल 2015 की थीम - 'यंग मंच एंड यूथ फॉर क्लीन, ग्रीन एंड प्रोग्रसिव इंडिया' • साल 2016 की थीम - 'इंडिया यूथ फॉर डेवलपमेंट, स्किल और हार्मोनी’  • साल 2017 की थीम - 'यूथ ऑफ डिजिटल इंडिया’ • साल 2018 की थीम - 'संकल्प में सिद्ध' • साल 2019 की थीम - राष्ट्र निर्माण में युवा शक्ति का इस्तेमाल • साल 2020 की थीम - चैनलाइजिंग यूथ पावर फॉर नेशन बिल्डिंग • साल 2021 की थीम - YUVAAH- उत्सव नए भारत का • साल 2022 की थीम - इट्स ऑल इन द माइंड • साल 2023 की थीम - विकसित युवा, विकसित भारत

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