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ALL THINGS TRENDING इसविविसेकरेंगेपूजातोहोगीक ृ पा भोलेनाथहरलेंगेसारेदु:खददद BY MOHIT-KUMAR-SHARMA JUL 06, 2023 10:42 पूजाएकधार्मिकऔरआध्यात्मिकप्रर्ियाहै, र्जसमेंहमदेवी-देवताओंकोअर्िनाकरतेहैंऔरउनसे संबंधस्थार्पतकरतेहैं।र्हंदूधमिमेंपूजाकोअत्यंतमहत्वपूर्िमानाजाताहै, औरभगवानर्िवकीपूजा भारतीयसंस्क ृ र्तमेंर्विेषरृपसेप्रिस्तहै।र्िवपूजाकरनेसेमान्यताहैर्कभगवानर्िवहमारेसभी दु:खोंकोहरलेतेहैंऔरहमेंिांर्तऔरसमृत्मिप्रदानकरतेहैं।इसलेखमें, हमदेखेंगेर्कक ै सेभगिान वििकोप्रसन्नकरनेक ेवलएएकवििेषपूजाविविकापालनवकयाजासकताहै। र्िवपूजाक ेर्लएआवश्यकसामग्री: 1. र्िवर्लंग 2. जलऔरदूध 3. धूपबत्तीऔरअगरबत्ती 4. पंर्ामृत (दूध, दही, घी, िहद, औरगन्ध) 5. फ ू ल (नीलक ं ठीफ ू लऔरजाई) 6. बेलपत्र 7. सुपारी
8. फल (नमिदाजलक ेसाथ) 9. धातुकाकटोरी 10. कलि 11. रूद्राक्षमाला 12. पूजनीयपत्नी/पर्तक ेसहायतासेकोईमाहेश्वरीर्ीजोंकोप्राप्तकरसकतेहैं। र्िवपूजाकीर्वर्ध: 13. पूजास्थलकोसजाएं: एकिुिऔरसाफ़स्थानर्ुनें, जहांआपपूजाकरनार्ाहतेहैं। पूजास्थलपरएकर्ौकीयाआसनस्थार्पतकरें। उसपरर्िवर्लंगरखें। 14. पूजाकीतैयारीकरें: पूजाक ेर्लएपंर्ामृततैयारकरें, इसमेंदूध, दही, घी, िहदऔरगन्धकार्मश्रर्होताहै। एककलिलेंऔरउसेपूर्िकरेंनीर (जल) औरपुष्प। फ ू ल, धूपबत्ती, अगरबत्ती, बेलपत्र, सुपारी, औरधातुकीकटोरीकीभीतैयारीकरें। 15. पूजाकाआरंभकरें: पूजाकोगंगाजलयापर्वत्रजलसेसंप्राप्तकरें। र्िवर्लंगकोजलसेस्नानकराएं। उसक ेबाद, उसेधूपबत्तीऔरअगरबत्तीसेसुगंर्धतकरें। 16. मन्त्ोंकाजापकरें: र्िवपूजामेंमहत्वपूर्िहैर्कआपवििमंत्ोंकाजापकरें। र्िवमंत्रोंक ेमध्यमसेभगिानवििकीस्तुवतकरेंऔरउनसेक ृ पापाएं।यहक ु छप्रमुखवििमंत् हैंर्जनकाजापकरसकतेहैं: "ॐनमःवििाय" (१०८बारजापकरें) "ॐत्र्यम्बक ंयजामहे, सुगन्धंपुविििदनम्।उिादरूकवमिबधनान्, मृत्योमुदक्षीयमामृतात्॥" (१०८बारजापकरें) प्रसादकोअर्पितकरें: पूजाक ेबाद, पंर्ामृतकोर्िवर्लंगपरर्ढाएं। फ ू ल, बेलपत्र, सुपारी, औरफलकोभीर्ढाएं। आरतीकरेंऔरधूपबत्तीऔरअगरबत्तीजलाएं।
इसर्वर्धसेर्िवपूजाकरनेसेमान्यताहैर्कभगवानर्िवहमारेसभीदुखोंकोहरलेतेहैंऔरइसर्वर्धसेर्िवपूजाकरनेसेमान्यताहैर्कभगवानर्िवहमारेसभीदुखोंकोहरलेतेहैंऔर हमेंआनंद, िांर्तऔरसमृत्मिप्रदानकरतेहैं।र्िवपूजाकरनेसेहमारेमन, िरीरऔरआिा कापुनजीवनहोताहैऔरहमेंभगवानक ेअनुग्रहकाअनुभवहोताहै। ध्यानदेंर्कयहर्वर्धक े वलएकसाधारर्र्नदेिहैऔरआपअपनीआस्थाऔरर्विेषताओंक े अनुसारर्िवपूजाकाआयोजनकरसकतेहैं।पूजाकरतेसमयमनमेंश्रिा, भत्मिऔर समपिर्क ेसाथकरेंऔरभगवानर्िवक ेप्रर्तअपनीअनन्यभावनाकोव्यिकरें।यर्दआपक े पासकोईर्विेषर्िवपूजार्वर्धहैयाआपकीपरंपरामेंकोईअन्यप्रकारकीपूजाहोतीहै, तो आपउसेभीअपनाएं।महत्वपूर्िहैर्कआपपूजाक ेदौरानअपनेमनकोिुि, ध्यार्नतऔर भत्मिपूर्िरखें।र्िवपूजाकरनेसेआपकीआध्यात्मिकऊजािमेंवृत्मिहोगीऔरआपको आिीवािदप्राप्तहोगा। वििपूजाकोवनयवमतरृपसेकरनेसेआपक ेजीिनमेंन्स्थरताऔरसुखवमलेगा।यह एकऐसीप्रर्ियाहैजोहमेंआत्मिकर्वकास, संतुलनऔरधार्मिकउन्नर्तकीओरलेजातीहै। इसर्लए, र्िवपूजाक ेद्वाराहमर्िवक ेआिीवािदकोप्राप्तकरसकतेहैंऔरअपनेजीवनमें समृत्मि, खुिहालीऔरआनंदकाअनुभवकरसकतेहैं। सबसेमहत्वपूर्िबातयहहैर्कहमर्िवपूजाकोर्सफ िरस्मीकरर्क ेर्लएहीनकरें, बत्मि श्रिा, र्वश्वासऔरसमपिर्क ेसाथकरें।यहआपकीआत्मिकआवाजकोसुन्यंर्त्रतकरेगीऔर भगवानर्िवक ेसाथआपक ेसम्पूर्िजीवनकोआनंदमयबनाएगी।र्िवपूजाएकआध्यात्मिक अनुभवहैजोहमेंअपनेस्वयंक ेऔरउच्छतमआंतररकप्रक ृ र्तक ेसाथर्मलाताहै।इसर्लए, र्िव पूजाकोर्नयर्मतरृपसेअपनेजीवनमेंिार्मलकरेंऔरअपनीआत्मिकयात्राकोमधुरबनाएं। ध्यानदेंर्कयहर्वर्धक े वलसंदभिक ेर्लएहैऔरव्यत्मिगतआस्थाऔरपरंपराक ेअनुसारबदल सकतीहै।पूजाकरनेसेपहलेआपकोसंबंर्धतपूजार्वर्धऔरमंत्रोंकीर्वस्तृतजानकारीतथा पंर्ितयाधार्मिकआदििवादीसेपरामििलेनेकीसलाहदीजातीहै।ध्यानरहेर्कर्िवपूजामें सावधानीबरतनाआवश्यकहैऔरअनुभवीव्यत्मिक ेमागिदििनमेंकरनाउर्र्तहोगा। वििपूजाक ेद्वाराहमवििक ेअनंतआदिोंकाआदिदिादऔरउनकीआनंदमयीक ृ पा कोप्राप्तकरसकतेहैं।र्िवपूजाकाआयोजनकरक ेहमअपनेर्दनर्यािमेंसुधारलासकतेहैं, अपनेमनकोऔरआिाकोपर्वत्रताऔरऊजािसेपूर्िकरसकतेहैं।यहएकआध्यात्मिक अनुभवहैजोहमेंिांर्त, त्मस्थरताऔरप्रगर्तकाअनुभवकराताहै।इसर्लए,वििपूजाका आयोजनकरेंऔरअपनेजीवनमेंआनंदऔरसमृत्मिकाआनंदलें।
र्िवपूजाआपक ेमन, िरीरऔरआिाकोसंतुष्ट, ित्मििालीऔरसमृिबनाएगी।यहएक अर्द्वतीयअनुभवहैजोहमेंअंतरंगिांर्तऔरसंयमकाअनुभवकराताहै।इसर्लए, र्िवपूजा कोर्नयर्मतरृपसेअपनेजीवनमेंिार्मलकरेंऔरआपक ेजीवनकोप्रकािमयबनाएं। ध्यानदेंर्कयहर्वर्धक े वलअवधारर्ाक ेर्लएहैऔरआपअपनीआस्थाऔरअपनेआदििवाद क ेअनुसारर्िवपूजाकाआयोजनकरसकतेहैं।पूजाक ेदौरानश्रिा, र्वश्वासऔरसमपिर्क े साथमनकोएकाग्ररखेंऔरभगिानवििकीआरािनाकरें।र्िवपूजाआपक ेजीवनको धार्मिकता, मानवीयताऔरआध्यात्मिकताकीओरप्रगटकरेगीऔरआपकोसभीपररत्मस्थर्तयों मेंधैयि, ित्मिऔरसमताकासामर्थ्िप्रदानकरेगी।इसर्लए, र्िवपूजाकाआयोजनकरेंऔर भगवानर्िवक ेआिीवािदसेअपनेजीवनकोसुंदर, सफलऔरपूर्िबनाएं। वििपूजाएकपवित्औरआंतररकयात्ाहै, जोहमेंआनंद, िांर्तऔरसमृत्मिकाअनुभव करातीहै।इसेआपक ेजीवनमेंत्मस्थरता, संतुर्ष्टऔरआि-प्रकािकास्रोतबनानेक ेर्लए र्नयर्मतरृपसेअपनाएं।इसपर्वत्रकायििमक ेद्वाराहमअपनेअन्तरंगआिाक ेसाथसंयम बढासकतेहैंऔरभगवानक ेसार्नध्यकोप्राप्तकरसकतेहैं। र्िवपूजाकाआयोजनकरनेसेहमारामन, िरीरऔरआिासंयुिरृपसेिुिहोतेहैंऔर हमआनंद, िांर्तऔरसंतुर्ष्टकाआनंदलेतेहैं।र्िवपूजाएकऐसासाधनहैजोहमेंअपनेजीवन कोिुि, स्वच्जऔरपर्वत्रबनानेमेंसहायताकरताहै।इसर्लए, र्िवपूजाकोर्नयर्मतरृपसे अपनेजीवनमेंसमार्हतकरेंऔरभगिानवििकीक ृ पाऔरआिीिाददकोप्राप्तकरें। ALSO READ अल्लूरीसीतारामराजूआर्दवासीिांर्तकारी - This Year Educate Yourself and Develop Your Skill with EasyShiksha Online Courses with Certificate - Authorised certificate recognized everywhere TAGS:वििपूजाआध्यान्िकताआनंदिांवतसमृन्िवदव्यतासंयम