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चीनीसेनाम?नह?ंरहादम, अब?भखार?पा?क?तानऔर नेपालक ेसहारेचीनदेरहाभारतकोधमक?। भारत – चीन का ?ववाद अपने चरम पर है । दोन? देश एक – दूसरे क े ?खलाफ लगातार नए कदम उठा रहे ह? । ऐसे म? भारत ने कई तरह क? ?यापा?रक पाबं?दया चीन पर लगानी शु? कर द? ह? । साथ ह? तीन? सेनाओं को अलट? पर रख कर यु?ध क े ?लए तैया?रयां शु? करने का आदेश भी दे ?दया गया है । ऐसे म? चीन ने भी यु?ध को लेकर ?यानबाजी तेज कर द? है । िजस तरह गल? मोह?ले क? लड़ाई क े बाद मार खाने वाला ब?चा भागते हुए अपने दो?त? को बुलाने क? बात कहता है, उसी तरह चीन भी अपनी सेना, जो?क सं?याबल म? ?व?व म? सबसे अ?धक है, उसक े बारे म? बात न करक े यह कह रहा है ?क य?द उसका भारत क े साथ यु?ध होता है तो वे पा?क?तान और नेपाल उसका साथ द?गे । यह तो भारत को पता है ?क चीन ने पा?क?तान को इसी ?दन क े ?लए पाल पोस रखा है, ता?क एक ?दन वे भारत क े ?व??ध उसका इ?तेमाल कर सक े । ले?कन नेपाल िजसक? न अपनी कोई है?सयत है और न ह? कोई अथ??यव?था और न ह? कोई सेना, चीन उसका भी इ?तेमाल भारत क े ?व??ध करने क? को?शश कर रहा है । इस बात से यह साफ पता चलता है ?क चीन यु?ध को लेकर ?कस तरह क? तैया?रयां कर रहा है । वह अपनी सेना से अ?धक पा?क?तान और नेपाल जैसे देश? क े सहारे ?टका हुआ है । जब?क भारत से कभी इस बात का बखान नह?ं ?कया ?क हमारे साथ अमर?का, जापान, द??ण को?रया, ताईवान, ?वयतनाम, ऑ??े?लयाजैसेदेशचीनक ेसाथयु?धकरनेक े?लएहमेशासेतैयारखड़ेह?। इस बयान ने तो चीन क? मी?डया और चीनी सरकार क? पोल खुद ह? खोल कर रख द? है । चीनी सरकार को यह साफ पता है ?क पहाड़? म? लड़ाई लड़ने म? उनक? सेना ?बलकुल भी स?म नह?ं है । भारत बहुत साल? से पहाड़? पर सेना तैनात करता आया है और ?सया?चन जैसी ?व?व क? सबसे ऊ ं ची चोट? पर भी हमारे सै?नक? ने मोचा? संभाला हुआ है । इसक े अलावा भारत ने पा?क?तान क े साथ पहले भी कई बार पहाड़? पर यु?ध लड़ कर खुद को सा?बत ?कया है । ले?कन चीन क? सेना क? ऐसी कोई तैयार? कभी नह?ं हुई है । जब?क भारत क े वीर सै?नक? ने ?नह?े होकर भी 45 से अ?धक चीनी सै?नक? को मार ?गराया । इसक े अलावा िजतने बा?क बचे हुए चीनी सै?नक थे, वे भागने पर मजबूर हो गए । यह? कारण है ?क चीन क? सरकार ने उनक े मारे गए सै?नक? क? सं?या बताने से साफ इंकार कर ?दया है । ?य??क वे जानते ह? ?क य?द वे यह सं?या बताएंगे तो पूर? दु?नया और यहाँ तक क? उनक? जनता को भी उनक? अस?लयत का पता चल जाएगा । ?फलहाल तो उ?ह? यह समझ म? आ गया है ?क एक भारतीय सै?नक क े बदले पाँच चीनी सै?नक ह?, ?फर भी भारत क? सेना ह? अ?धक हावी होतीहै, इसीकारणसेह?चीनीमी?डयाऔरसरकारउल – जलूलबयानदेरह?है। य?द पा?क?तान क? बात क? जाए तो भारत – चीन क े यु?ध क े समय भी पा?क?तान क? ?ह?मत नह?ं हो सकती ?क वह अपनी डरपोक सेना को भारत क े ?व??ध उतारे । इसका कारण है ?क भारत ने िजस तरह 1962
म? चीन क े साथ यु?ध म? अमर?का को अपने समथ?न म? लेकर उससे पा?क?तान पर दबाव बनवाया था ?क वह उस समय भारत पर हमला न करे । और अब तो भारत अमर?का क े ?र?ते दु?नया म? सबसे गहरे होते जा रहे ह? और दोन? ह? हरसंभव सहायता देने को भी तैयार ह? । साथ ह? पा?क?तान एक – एक ?पये क े ?लए अमर?का से भीख मांगने वाल? ि?थ?त पर है । य?द वह भारत क े ?व??ध कुछ भी बड़ी काय?वाह? क? को?शश करता है तो अमर?का उसे और उसक? जनता को दाने – दाने का मोहताज बना देगा । साथ ह? यु?ध लड़कर वे अपना बचा कुचापैसाभीखोद?गे।तोपतानह?ंचीन?कसपा?क?तानक ेदमपरभारतकोखोखल?धम?कयांदेरहाहै। अब य?द बात कर? नेपाल क? तो नेपाल क? सेना पहल? बात तो इतनी बड़ी है नह?ं ?क वे भारत क े साथ ?कसी भी ?कार का मुकाबला कर सक ? । साथ ह? कुछ ?दन पहले जब नेपाल क े ?धानमं?ी ने अपने सेना ?मुख को कहा था ?क वे भी भारत क े सेना ?मुख क े बयान का जवाब द? तो उनक े सेना ?मुख ने यह करने से साफ इंकार कर ?दया था । उनका कहना था ?क वे दोन? देश? क े बीच हो रहे राजनी?त क े बीच नह?ं आना चाहते । असल म? इसका कारण है ?क उनक े सेना ?मुख ने अपनी सार? पढ़ाई भारत से पूर? क? है और वे जानते ह? ?क भारत क? सरकार और जनता म? नेपा?लय? को लेकर कोई ?वेष क? भावना कभी नह?ं रह? है । वे ?वयं भी इतने साल भारत म? रहने क े प?चात भारत क े ?व??ध नह?ं जाना चाहते । वे जानते ह? ?क उनक? सरकार चीनी ?पयादा बनी हुई है और जब अगल? सरकार आएगी तो दोन? देश? क े बीच क े ?र?ते ?फर से अ?छे हो जाएंगे । ले?कन ?फर भी य?द नेपाल क? सा?यवाद? सरकार अपनी सेना को भारत क े ?व??ध लड़ने को ?ववश करती है तो यह उनक? सरकार क े ?लए ह? बुरा होगा । इससे नेपाल? सेना या तो सरकार का आदेश मानने से मना कर सकतीहैया?फरवहांत?तापलटभीहोसकताहैयावहांक?सरकार?गरभीसकतीहै। इसी?लए चीनी सेना को यह ?म अपने मन से ?नकाल देना चा?हए ?क उसक े ?म? देश उसक? सहायता क े ?लएभारतसेमोच?खोलकरअपनाह?बेड़ागक ?करवादेगी। इस समय मोद? सरकार ?वारा सेना को खुल? छूट ?मल? हुई है और भारत क े र?ा मं?ी राजनाथ ?संह , दोन? देश? क े बीच ?बगड़े हालात? पर नजर बनाए हुए ह? । साथ ह? ?व? मं?ी ?नम?ला सीतारमण और ?वदेश मं?ी सु??म?यम जयशंकर भी अपने – अपने मं?ालय? ?वारा चीन को परा?त करने क? रणनी?त पर जोर? – शोर? से काम कर रहे ह? । साथ ह? सरकार को जनता का समथ?न भी इस समय भरपूर चा?हए ता?क िजतना हो सक े , अ?धक से अ?धक चीनी सामान? और उनक े मोबाईल ऐप? का सभी ब?ह?कार कर उनको ?व?ीय चोट पहुँचा सक ? ।