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Maharishi Gautam की जीवन गाथा और SRISOL कैसे मौन साधना से मिला उन्हें दिव्य ज्ञान

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Maharishi Gautam की जीवन गाथा और SRISOL कैसे मौन साधना से मिला उन्हें दिव्य ज्ञान

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Presentation Transcript


  1. महर्षि गौतम (Maharishi Gautam): ऋषि परंपरा के महान स्तंभ महर्षि गौतम (Maharishi Gautam) वैदिक युग के महानतम ऋषियों में से एक थे। वे सप्तर्षियों में गिने जाते हैं और उनका योगदान वेद, दर्शन, और संस्कृति में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्हें "न्याय दर्शन" के प्रवर्तक और "गौतम धर्मसूत्र" के रचयिता के रूप में भी जाना जाता है।

  2. जीवन परिचय महर्षि गौतम का जन्म त्रेता युग में एक शुभ-(Shubh) मुहूर्त में हुआ था हुआ माना जाता है। उन्होंने घोर तपस्या और साधना के माध्यम से आध्यात्मिक ऊंचाई प्राप्त की। उनकी पत्नी का नाम अहिल्या था, जिन्हें इंद्र द्वारा छल से शापित होने की कथा रामायण में मिलती है।

  3. SRISOL: Sacred Realization In Silence Of Life उस आध्यात्मिक यात्रा का प्रतीक है, जिसमें साधक शांति, मौन और आत्मचिंतन से जीवन के परम सत्य को प्राप्त करता है। यह वही मार्ग है जिस पर प्राचीन ऋषि-मुनियों ने चलकर मोक्ष और ज्ञान की प्राप्ति की। जैसे हमारे महर्षि गौतम (Maharishi Gautam)

  4. महर्षि गौतम द्वारा रचित "न्याय सूत्र" भारतीय दर्शन की षड्दर्शन परंपरा में से एक है। इसमें तर्क (Logic), प्रमाण (Proof), और ज्ञान के साधनों की विस्तृत व्याख्या की गई है। "न्याय दर्शन" का मुख्य उद्देश्य है – जैसा की अभी आपको SRISOL शब्द का अर्थ बताया गया की मोक्ष की प्राप्ति के लिए सत्य ज्ञान का अन्वेषण।

  5. महर्षि गौतम (Maharishi Gautam) का आश्रम त्र्यंबकेश्वर (नासिक, महाराष्ट्र) के पास स्थित है जो कि एक बहुत ही (Shubh) स्थान माना जाता है । वे एक महान आचार्य और शिक्षक भी थे। कई शिष्य उनके पास वेद और शास्त्रों की शिक्षा लेने आते थे। ???? Gautam और अहिल्या कथा अहिल्या, उनकी पत्नी, इंद्र देव द्वारा छलपूर्वक स्पर्श की गईं। जब महर्षि गौतम को यह ज्ञात हुआ, उन्होंने अहिल्या को शाप दे दिया। बाद में भगवान श्रीराम के चरण स्पर्श से अहिल्या का उद्धार हुआ—यह कथा रामायण में प्रसिद्ध है।

  6. धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व महर्षि गौतम को ऋषियों के राजा कहा गया है। उनके नाम पर "गौतमी गंगा" नदी है, जिसे नर्मदा का रूप भी माना जाता है। त्र्यंबकेश्वर में आज भी उनका मंदिर स्थित है, जहाँ Gautam Rishi और अहिल्या माता की पूजा होती है।

  7. नैतिक शिक्षाएँ विषय Maharishi Gautam की जिवनि ज्ञान तर्क और प्रमाण से युक्त धर्म अनुशासन और सत्यनिष्ठा संयम तप और साधना से सिद्धि क्षमा अहंकार नहीं, विवेक ज़रूरी SRISOL: Sacred Realization In Silence Of Life

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