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गठिया रोग के बारे में सटीक जानकारी ला सकता है जीवन मे बड़ा बदलाव।

गठिया रोग हड्डियों का बड़ा विकृत रोग के रूप में जाना जाता है। इसका सीधा संबंध जोड़ों से होता है। मुख्य रूप से यह समस्या हाथों और पैरों के जोड़ को प्रभावित करती है।

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गठिया रोग के बारे में सटीक जानकारी ला सकता है जीवन मे बड़ा बदलाव।

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Presentation Transcript


  1. गठिया रोग के बारे में सटीक जानकारी ला सकता है जीवन मे बड़ा बदलाव। • गठिया रोग हड्डियों का बड़ा विकृत रोग के रूप में जाना जाता है। इसका सीधा संबंध जोड़ों से होता है। मुख्य रूप से यह समस्या हाथों और पैरों के जोड़ को प्रभावित करती है। एक अंतरराष्ट्रीय हेल्थ सर्वे के मुताबिक भारत जैसे विशाल देश मे हर चौथे से पांचवां इंसान आज इस रोग की चपेट में आ रहा है। यह ऐसा मर्ज होता है जो अंदर ही अंदर इंसान की हड्डियों में घुन की तरह काम करता है। जानकारी के अभाव में अक्सर बड़ी संख्या में लोग इसका दंश झेलते हुए असमय काल के गाल में समा जाते हैं। वैसे यह समस्या पुराने जमाने मे बूढ़े बुजुर्गों को हुआ करती थी जिसकी बड़ी वजह बढ़ती हुई उम्र माना जाता था। आज के दौर में हर उम्र वर्ग इसकी जद में आ चुका है।

  2. गठिया रोग को अर्थराइटिस और गठिया बाई के रूप में भी जाना जाता है। यह समस्या उम्र ढलने के साथ तो असर करती ही है बल्कि खान पान की विकृतियों ने भी इसका जन्म दे दिया है। बदलती जीवनशैली और अवसाद जैसी समस्याओं ने विकराल होती इस मर्ज को नया जीवन देने जैसा काम किया है। इस लेख के माध्यम से हम कुछ ऐसे पहलुओं पर प्रकाश डालने की कोशिश करेंगे जिन्हें अपनाकर काफी हद तक इस समस्या से बचा जा सकता है ।

  3. गठिया रोग के मुख्य कारण। • लेकिन इसके कुछ अन्य कारण भी होते हैं जिनके चलते कई बार यह लाइलाज हो जाती है। मोटापा इस रोग का बड़ा कारण माना जाता है। शरीर मे मोटापा बढ़ने के साथ ही कई तरह की विसंगतियों का सामना करना पड़ता है जिसमें हड्डी रोग प्रमुख है। इसके चलते इंसान की हड्डियां वजन बर्दाश्त नही कर पाती हैं और हड्डियों के जोड़ में घर्षण होना शुरू हो जाता है। मधुमेह या शुगर होने की स्थित में खून की गंदगी हड्डियों को कमजोर बना देती है। इसकी वजह से भी गठिया का रोग होने की संभावना प्रबल हो जाती है। पुरानी चोट का यदि समय से इलाज ना किया जाय तो समय परिवर्तन के साथ यह इस तरह की समस्या को जन्म दे देती है। एक बड़ा कारण जिसे हम आनुवंशिकता कहते हैं इसके चलते यह मर्ज ज्यादा तकलीफ पहुंचता है। उसे विरासत में मिले रोग के चलते समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

  4. गठिया रोग हो जाने पर मुख्य लक्षण। • वैसे तो गठिया रोग आम दर्द की तरह ही नजर आता है लेकिन इसकी स्थितियां उम्र के लिहाज से अलग-अलग हो सकती हैं। मसलन हड्डियों के जोड़ों में चटकने की आवाज का आना, रह रहकर जोड़ों में दर्द के साथ खिंचाव का अनुभव होना, जोड़ों में सूजन के साथ लाल चकत्तों का उभार जाना, सामान्य परिस्थितियों वाले दर्द में कुछ दवा लेने के बाद दर्द समाप्त हो जाता है लेकिन इसमें जब तक दवा का असर रहता है तब तक दर्द में आराम रहता है फिर दर्द शुरू हो जाता है। इसके अलावा अक्सर बुखार होना भी इसका प्रमुख लक्षण माना जाता है।

  5. खान पान में लाएं सुधार। • इस मर्ज को काफी हद तक खान पान में सुधार लाकर कम किया जा सकता है। अपने दैनिक जीवन मे कैल्शियम की मात्रा को शामिल करें। जंक फूड से पूरी तरह परहेज करें। पानी की मात्रा को कम से कम 5 लीटर उपयोग करें। अपने भोजन में दूध की मात्रा को शामिल करें। यदि मांसाहार का सेवन करते हैं तो लाल मीट का प्रयोग उत्तम होता है। चावल और खट्टे पदार्थों का सेवन ना के बराबर करें। खड़े होकर पानी ना पियें। फ्रीज के पानी का सेवन बिल्कुल भी ना करें। ऐसे कुछ तथ्य अपनाकर गठिया रोग से बचा जा सकता है।

  6. डॉक्टर की सलाह और दवाइयों से करें गठिया का इलाज • चोट लगने पर तुरंत स्थाई इलाज कराएं। यदि किसी कारण से या रोग हो जाता है तब चिकित्सक की सलाह लेना आवश्यक हो जाता है। गठिया रोग हो जाने पर चिकित्सक की सलाह पर जांच कराकर बताई गई दवाओं का सेवन करें। मसलन ऐसी समस्या में यूनानी पद्धति की दवाएं शरीर पर बेहद असरदार होती हैं। चिकित्सक की सलाह पर हर्बल दवाओं का नियमित सेवन और परहेज करके काफी हद तक इसपर नियंत्रण किया जा सकता है।

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