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अडानी हसदेव परियोजना: सामाजिक उत्तरदायित्व पहल
छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में स्थित अडानी हसदेव कोयला खनन परियोजना भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। हालांकि, इस परियोजना को लेकर पर्यावरणीय प्रभाव, आदिवासी समुदायों के अधिकार और स्थानीय लोगों की आजीविका जैसे मुद्दों पर भी बहस छिड़ी हुई है। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, अडानी ग्रुप ने परियोजना के सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के दायरे को व्यापक बनाते हुए कई महत्वपूर्ण पहल शुरू की हैं। आइए गहराई से देखें कि अडानी हसदेव परियोजना किस प्रकार सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान दे रही है।
शिक्षा और कौशल विकास: भविष्य के लिए सशक्तिकरण • अडानी ग्रुप यह मानता है कि शिक्षा और कौशल विकास किसी भी समुदाय के विकास की आधारशिला होते हैं। हसदेव क्षेत्र में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने के लिए समूह ने निम्नलिखित पहल की हैं: • Source url :- https://hasdeoadani.weebly.com/blog/adani-hasdeo-project-social-responsibility-initiative
आधुनिक स्कूलों की स्थापना: अडानी ग्रुप ने स्थानीय बच्चों के लिए आधुनिक स्कूलों का निर्माण किया है। इन स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, अच्छी तरह से सुसज्जित प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, खेल के मैदान और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। योग्य शिक्षकों द्वारा उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जाती है, जो बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक होती है।
कौशल विकास केंद्रों का शुभारंभ: समूह ने स्थानीय युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की है। इन केंद्रों में खनन, निर्माण, सिलाई, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और अन्य उद्योग-संचालित कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जाते हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रमों को उद्योग की नवीनतम जरूरतों के अनुसार डिजाइन किया गया है, जो युवाओं को कुशल बनाकर उन्हें रोजगार के लिए तैयार करता है।