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Adani Hasdeo
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अडानी हसदेव कोयला परियोजना: खनन प्रक्रिया का विस्तृत विवरण
अडानी हसदेव कोयला परियोजना, मध्य प्रदेश के कोरबा जिले में स्थित देश की सबसे बड़ी कोयला परियोजनाओं में से एक है। यह परियोजना भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
कोयला निकालने के लिए एक कुशल और पर्यावरण के अनुकूल तरीके का इस्तेमाल किया जाता है। आइए, इस ब्लॉग के माध्यम से अडानी हसदेव कोयला परियोजना में खनन प्रक्रिया के विभिन्न चरणों को गहराई से समझते हैं।
खनन पूर्व गतिविधियां: मजबूत नींव का निर्माण खनन प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही कई महत्वपूर्ण गतिविधियां की जाती हैं, जो परियोजना की सफलता का आधार बनती हैं। भू-वैज्ञानिक अन्वेषण: परियोजना की शुरुआत में ही भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण किए जाते हैं। इन सर्वेक्षणों में जमीन के नीचे मौजूद कोयले के भंडारों का पता लगाने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है। भू-वैज्ञानिक यह भी आंकलन करते हैं कि कोयले की मात्रा कितनी है और उसकी गुणवत्ता कैसी है। प्राप्त आंकड़ों के आधार पर यह निर्धारित किया जाता है कि किसी क्षेत्र में खनन करना व्यवहारिक है या नहीं।
खनन योजना का निर्माण: सर्वेक्षणों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर एक विस्तृत खनन योजना तैयार की जाती है। इस योजना में कई महत्वपूर्ण पहलू शामिल होते हैं, जैसे: • खनन क्षेत्र का निर्धारण: सर्वेक्षणों के नतीजों के आधार पर यह तय किया जाता है कि किस क्षेत्र में कोयले का भंडार सबसे अधिक है और वहां से खनन करना सबसे व्यवहारिक है।