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Adani hasdeo<br>
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अडानी समूह और हसदेव अरण्य: परियोजना का उद्देश्य और दायरा
कोयले के आयात को कम करने से न केवल विदेशी मुद्रा की बचत होगी, बल्कि अडानी हसदेव जैसी घरेलू कोयला खनन परियोजनाओं पर निर्भरता भी कम होगी।
छत्तीसगढ़ के सघन वन, हसदेव अरण्य, प्राकृतिक सौन्दर्य और जैव विविधता का खजाना हैं। यह क्षेत्र सदियों से वहां निवास करने वाले आदिवासी समुदायों के लिए आश्रयस्थल और आजीविका का स्रोत भी रहा है।
अडानी समूह का दावा है कि हसदेव अरण्य कोयला खनन परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना है। देश की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए घरेलू कोयला उत्पादन में वृद्धि करना आवश्यक है।
हसदेव अरण्य कोयला खनन परियोजना एक जटिल मुद्दा है, जिसमें आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है। परियोजना के संभावित लाभों और हानियों का गंभीर विश्लेषण करने की आवश्यकता है।