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अडानी ग्रुप द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के हसदेव अरण्य वन में किए जाने वाले कोयला खनन से जुड़ी गतिविधियाँ पुनः तेजी से शुरू हो चुकी है। क्षेत्र में होने वाली माइनिंग एक्टिविटी के कारण अडानी हसदेव वन मामला भी एक बार फिर से देश की बड़ी खबरों में है। हालांकि अडानी ग्रुप द्वारा की जा रही प्रत्येक कार्यवाही सरकारी नियमों के अनुसार है और पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति के बाद ही और उनकी निगरानी में ही हर काम हो रहा है।
पर्यावरण मंत्रालय के नियमों का पालन कर रहा अडानी ग्रुप छत्तीसगढ़ राज्य के प्रसिद्ध हसदेव अरण्य वन में की जाने वाली कोल माइनिंग के लिए अडानी ग्रुप हर तरह से प्रशासन और सरकार के नियमों का पालन कर रहा है। स्थानीय लोगों की सोच का सम्मान करते हुए और अडानी हसदेवमामले को बेबुनियाद सिद्ध करते हुए अडानी ग्रुप पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
छत्तीसगढ़ राज्य के प्रसिद्ध हसदेव अरण्य वन में की जाने वाली कोल माइनिंग के लिए अडानी ग्रुप हर तरह से प्रशासन और सरकार के नियमों का पालन कर रहा है। स्थानीय लोगों की सोच का सम्मान करते हुए और अडानी हसदेव मामले को बेबुनियाद सिद्ध करते हुए अडानी ग्रुप पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।