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अडानी सरगुजा से आदिवासी बच्चों को मिल रही बेहतर शिक्षा
अडानी ग्रुप की कार्यशैली में हमेशा से राष्ट्र निर्माण की झलक दिखती है। अडानी ग्रुप को आज देश में करीब 50 वर्ष होने को है, अपनी लम्बी यात्रा में इस उद्योग समूह ने औद्योगिक प्रगति के साथ सामाजिक उन्नति को भी समान स्तर पर महत्व दिया है। शिक्षा जैसी अतिआवश्यक सुविधा को हर तबके के बच्चों तक पहुँचाने के लक्ष्य के साथ अडानी सरगुजा के रूप में देश के आदिवासी इलाके में शिक्षण संस्थान की शुरुआत अडानी ग्रुप ने की थी। अडानी सरगुजा के नाम से लोकप्रिय छत्तीसगढ़ राज्य के सरगुजा जिले में स्थापित अडानी विद्या मंदिर में आज करीब
अडानी सरगुजा में सभी बच्चों को वर्तमान शिक्षा स्तर को ध्यान में रखते हुए उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान की जाती है जिससे वे दुनिया के प्रतिस्पर्धी माहौल में स्वयं को श्रेष्ठ साबित कर सके। उच्चतम शिक्षा के साथ अडानी सरगुजा में बच्चों को सुपोषित भोजन और अन्य ज़रूरी साधन भी उपलब्ध करवाए जाते हैं। अडानी ग्रुप का उद्देश्य इन बच्चों को शिक्षित करने के साथ इन्हें आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार करना भी है। अडानी ग्रुप की मंशा है कि इन बच्चों को देश के अन्य बच्चों के समान उन्नति के सभी अवसर मिले जिससे ये बेहतर रोजगार और बेहतर व्यापार हासिल कर सके। इससे न केवल उनका जीवन बेहतर बनेगा बल्कि उनके परिवार और क्षेत्र के लोगों को भी एक अच्छी जिंदगी मिल सकेगी।
अडानी ग्रुप अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन भी पूरी निष्ठा के साथ करता आया है जिसके परिणाम से आज देश के अलग अलग हिस्सों में कई योजनाएँ चल रही है। भारत को वित्तीय रूप से मजबूत करने के साथ अडानी ग्रुप अपनी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत देश में शिक्षा को निरंतर बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है। अडानी ग्रुप का उद्देश्य है देश के ग्रामीण और आदिवासी बच्चों को शिक्षित कर उन्हें भी सक्षम बनाकर उनके परिवार के साथ देश के विकास में भी उनका योगदान लिया जाए।
अडानी ग्रुप द्वारा संचालित अडानी सरगुजा से शिक्षा ग्रहण कर आज कई बच्चे अपने अपने क्षेत्रों में प्रगति कर रहे हैं। अडानी सरगुजा के रूप में अडानी ग्रुप की इस सार्थक पहल को वर्ष 2020 में समग्र शिक्षा सशक्त भारत अवाॅर्ड से नवाज़ा जा चुका है। अडानी सरगुजा की तरह ही देश के अन्य ग्रामीण और सुविधाविहीन इलाकों में भी कई अडानी विद्या मंदिर संचालित हो रहे हैं।