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हसदेव वन और अडानी ग्रुप का क्या है संबंध
अडानी ग्रुप ने देश में जिस प्रकार से औद्योगिक विकास के स्तर को ऊपर उठाया है वह तारीफ के लायक है। अलग अलग क्षेत्रों में अपनी औद्योगिक गतिविधि से इंडियन इकॉनमी को मजबूत बनाने का काम अडानी ग्रुप करता आया है।
आज भी देश की प्रगति में इस उद्योग समूह का प्रमुख रूप से योगदान जारी है। परन्तु अडानी हसदेव मामले को लेकर फैली अफवाह के कारण अडानी ग्रुप को छत्तीसगढ़ की आदिवासी जनजाति के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। अभी अडानी हसदेव मामला न्यायिक जाँच के अंतर्गत है जिसका निर्णय सभी पक्षों की सुनवाई के बाद दिया जाएगा।
जाने हसदेव अरंड वन की विशेषता और इससे जुड़े मामले को छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित हसदेव अरंड वन का क्षेत्रफल काफी बड़ा है और यह घना वन मुख्यतः हाथियों के लिए प्रसिद्ध है। हसदेव अरंड वन में कई प्रकार के दुर्लभ वन्य प्राणी और अलग अलग प्रकार की खदानें मौजूद हैं।
इस वनक्षेत्र से गुजरने वाली नदी आसपास के रहवासियों के साथ अन्य जीवों का भी प्रमुख जल स्त्रोत है। हसदेव वन की जैव संपदा की छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक वातावरण को बेहतर बनाए रखने में अहम भूमिका है।