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Adani Godda
E N D
अडानी गोड्डा पॉवर प्लांट से मिली भारत बांग्लादेश संबंधों को मजबूती
अडानी ग्रुप आज कई सेक्टर्स में अपना बिजनेस बड़ी सफलता के साथ चला रहा है। बिजली निर्माण क्षेत्र में भी अडानी पॉवर लिमिटेड द्वारा भारी मात्रा में बिजली का उत्पादन किया जा रहा है जिससे भारत के साथ साथ अन्य पड़ोसी देशों को भी बिजली आपूर्ति की जा रही है। इस वर्ष अडानी गोड्डा पॉवर प्लांट खास ख़बरों में रहा, यहाँ से बांग्लादेश की बिजली आवश्यकता के लिए पॉवर सप्लाई की जा रही है। झारखण्ड के गोड्डा जिले में यह लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से तैयार किया गया पॉवर प्लांट देश का अपनी तरह का पहला पॉवर प्लांट होगा। करोड़ों की लागत से बने इस प्रोजेक्ट से क्षेत्र में भी काफी विकास होगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सामने आयेंगे। अडानी ग्रुप के इस प्रोजेक्ट से राज्य स्तर पर, राष्ट्रीय स्तर पर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव पड़ेगा जिससे भारत-बांग्लादेश संबंध और बेहतर बनेंगे।
जानें देश में कहाँ कहाँ है अडानी पॉवर प्लांट अडानी ग्रुप आज लगभग पूरे देश में बिजली की सप्लाई दे रहा है। अलग अलग राज्यों में स्थित पॉवर प्लांट के माध्यम से अडानी पॉवर लिमिटेड (APL) आज करीब 15,000 मेगा वाट से अधिक बिजली का उत्पादन कर रहा है। फिलहाल मुंद्रा (गुजरात), तिरोड़ा (महाराष्ट्र), कवई (राजस्थान), उडुपी (कर्नाटक), बिट्टा (गुजरात), रायगढ़ (छत्तीसगढ़), रायपुर(छत्तीसगढ़), सिंगरौली (मध्य प्रदेश) और गोड्डा (झारखण्ड) में चल रहे पॉवर प्लांट को मिलाकर गौतम अडानी के 9 थर्मल पॉवर जनरेशन प्लांट है। इनमें से बिट्टा, गुजरात का पॉवर प्लांट सोलर एनर्जी आधारित प्लांट है बाकि सभी पॉवर प्लांट को कोल एनर्जी से संचालित किया जाता है।
अडानी गोड्डा प्लांट से कैसे मिली बांग्लादेश को बिजली अडानी गोड्डापॉवर प्लांट दो इकाइयों में संचालित होता है| 2023 अप्रैल माह में इसकी पहली इकाई में उत्पादन की अनुमति प्रदान की गई इसके बाद जून 2023 में दूसरी इकाई में भी बिजली उत्पादन की अनुमति सरकार द्वारा प्रदान की गई। दोनों ही इकाइयों में 800 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है। कुल मिलाकर गोड्डा पॉवर प्लांट में 1600 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा सकता है। बांग्लादेश पॉवर डेवलपमेंट बोर्ड (बीपीडीबी) के साथ हुए पाॅवर परचेस एग्रीमेंट (पीपीए) के तहत अडानी गोड्डा पॉवर प्लांट से बांग्लादेश को 1000 मेगावाट से अधिक बिजली प्रदान की जाएगी। इस एग्रीमेंट के अनुसार बांग्लादेश को 25 साल तक पॉवर सप्लाई की जाएगी। इस एग्रीमेंट की शुरुआत 2015 में हुई थी, उस दौरान अडानी और बांग्लादेश पर डेवलपमेंट बोर्ड ने मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) के दस्तावेज साइन किए थे। उसके बाद 2017 में बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत दौरे के समय, नई दिल्ली इस प्रोजेक्ट के इम्पलीमेंटेशन एग्रीमेंट को स्वीकृति मिली थी। अब करीब 5 साल बाद यह प्रोजेक्ट अपने वास्तविक रूप में आ चुका है और पूर्ण रूप से शुरू हो चुका है। बांग्लादेश में कोयला एवं अन्य संसाधनों का अभाव है और इलेक्ट्रिसिटी जनरेशन प्रोजेक्ट की भी संभावनाएँ नहीं है जिसके चलते बांग्लादेश को बिजली आयात करने की खास आवश्यकता रहती है।
डेडिकेटेड ट्रांसमिशन सिस्टम द्वारा बांग्लादेश की बिजली आपूर्ति के लिए अडानी गोड्डा पॉवरप्लांट से पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद तक इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन के लिए करीब 100 किलोमीटर की ट्रांसमिशन लाइन का विकास भी अडानी ग्रुप द्वारा किया जाएगा। बांग्लादेश को बिजली सौंपने के साथ ही अडानी गोड्डा पॉवरप्लांट की कुल उत्पादन क्षमता का 25% झारखंड राज्य को दिया जाएगा । भारत के अडानी ग्रुप और बांग्लादेश पॉवर डेवलपमेंट बोर्ड के बीच हुए इस 25 साल के एग्रीमेंट से बांग्लादेश की बिजली आपूर्ति तो होगी ही इसके अलावा दोनों ही देशों के बीच बेहतर रिलेशन्स भी बने रहेंगे।