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जहाँ चाह वहाँ राह. प्रस्तुतकर्त्ता- राधेश्याम गुप्ता.
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जहाँ चाह वहाँ राह प्रस्तुतकर्त्ता- राधेश्याम गुप्ता
खंड लेखन: इला ने वह सब अपने पैरों से करना सीखा जो हम हाथों से करते हैं। दाल-भात खाना, दूसरों के बाल संवारना,फर्श बुहारना, कपड़े धोना, तरकारी काटना ;यहाँ तक कि तख्ती पर लिखना भी। उसने एक स्कूल में दाखिला ले लिया। दाखिला मिलने में भी उसे परेशानी हुई। कहीं तो उसकी सुरक्षा को लेकर चिंता थी,कहीं उसके काम करने की गति को लेकर। किसी काम को तो वह इतनी फुरती से कर जाती कि देखने वाले दंग रह जाते। पर किसी-किसी काम में थोड़ी बहुत परेशानी तो आती ही थी। वह परेशानियों के आगे घुटने टेकने वाली नहीं थी।
इला सचानी ने कशीदाकारी का काम अपनी माँ और दादी से सीखी है|वह अपने पैरों के अंगूठों से सुई पकड़ कर तरह- तरह का नमूना जैसे काठियावाड़ी, लखनोउ की चिकनकारी, बंगाल की कांथा आदि टांको के इस्तेमाल करने लगी | उनकी डिजाइनों में यह नवीनता सभी को भाई | इला ने अपने धैर्य और विश्वास के साथ अपनी सफ़लता को हासिल की | इला की जीवनी से ह्में यह प्रेरना मिलती है कि अगर ह्ममें इच्छा और लगन हो तो ह्म भी सफ़लता को छू सकते हैं
खंड को ध्यान से पढ़कर प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दें- 1) इला अपने पैरों से क्या-क्या कर सकती है? उत्तर- 2) उसे स्कूल में दाखिला मिलने में परेशानी क्यों हुई? उत्तर- 3) दंग रह जाना और घुटने टेकना,मुहावरों से वाक्य बनाएं- उत्तर- 4) स्कूल और दाखिला शब्द के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें- उत्तर- 5) खंड से तीन स्त्रीलिंग शब्दों को छाँटकर लिखें- उत्तर-
प्रश्नों के उत्तर लिखें- क) इला की कशीदाकारी में खास बात क्या थी? उत्तर- इला ने अपनी कशीदाकारी में काठियावाड़ी टाँकों के साथ-साथ और कई टाँके भी इस्तेमाल किए थे। पंक्तियों को चिकनकारी से सजाया था। डंडियों को कांथा से उभारा था। पशु-पक्षियों की ज्यामितीय आकृतियों को कसूती और जंजीर से उठा रखा था। ख) इला को लेकर स्कूल वाले चिंतित क्यों थे? क्या उनका चिन्ता करना सही था या नहीं? अपने उत्तर के कारण लिखो। उत्तर- इला को लेकर स्कूल वालों की चिंता यह थी कि उसकी सुरक्षा कैसे की जाए। वह हाथ से अपगं थी। उसके काम करने की गति को लेकर चिंता थी। लेकिन इस तरह का उनका चिन्ता करना सही नहीं था। सभी को पढ़ने-लिखने का अवसर मिलना चाहिए। हर इंसान में कोई-न-कोई विशेषता होती है। ईश्वर किसी न किसी क्षेत्र में उसे आगे रखता ही है।
कशीदाकारी 1) इस पाठ में सिलाई-कढ़ाई से संबंधित कई शब्द आए हैं। उनकी सूची बनाओ। अब देखो कि इस पाठ को पढ़कर तुमने कितने नए शब्द सीखे। उत्तर- मलमली,किनारा,कसूती,टाँका,पिरोना,बेल-बूटे,पल्लू,भरवाँ टाका ,सुई, धागा, रेशम,उकेरना, परिधान,पत्तियाँ,चिकनकारी,डांडिया,कांथा,ज्यामितीय-आकृतियाँ,जंजीर। कुल लगभग बीस नए शब्द।
2)नीचे दी गई सूची में से किन्हीं दो से संबंधित शब्द (संज्ञा और क्रिया दोनों ही) इकट्ठा करो।