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जन लोकपाल बिल. अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ राष्ट्रव्यापी मुहिम छेड़ी जन लोकपाल क़ानून लाने के लिए. आइए जन लोकपाल बिल को समझते हैं. जन लोकपाल बिल के तहत - केंद्र में लोकपाल - राज्यों में लोक़ायुक्तों की नियुक्ति
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अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़राष्ट्रव्यापी मुहिम छेड़ी जन लोकपाल क़ानून लाने के लिए
आइए जन लोकपाल बिल को समझते हैं • जन लोकपाल बिल के तहत -केंद्र में लोकपाल - राज्यों में लोक़ायुक्तों की नियुक्ति • लोकपाल केंद्र सरक़ार के विभागों की शिक़ायतें देखेगा, जबकि राज्य सरक़ार के महकमों की शिक़ायतें लोक़ायुक्तों के ज़िम्मे • दस सदस्य और एक अध्यक्ष • ये पूरी तरह स्वतंत्रहोंगे - राजनीतिज्ञ और नौकरशाह इनके क़ामक़ाज में दखल नहीं दे सकेंगे। • क़ामक़ाज सुचारू रूप से चलाने हेतु तमाम ज़रूरी चीज़ों के लिए ये सरक़ार पर निर्भर नहीं रहेंगे। इन्हें पर्याप्त फंड मुहैया कराया जाएगा। साथ ही ज़रूरत के मुताबिक कर्मचारी रखने क़ा अधिक़ार भी होगा।
उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार सबूत हैं, फिर भी सज़ा नहीं लोकपाल और लोक़ायुक्त सुनिश्चित करेंगे कि भ्रष्टाचारियों को सज़ा ज़रूर मिले: समयबद्ध जांच • जांच एक साल के भीतर पूरी की जाएगी • ज़रूरत पड़ने पर कर्मचारियों की नियुक्ति समयबद्ध ट्रायल • जांच के बाद ट्रायल कोर्ट में केस फाइल किया जाएगा • एक साल में ट्रायल पूरा करके सज़ा क़ा ऐलान • समय सीमा के भीतर जांच पूरी करने के लिए सरक़ार को अतिरिक्त कोर्ट शुरू करने के निर्देश दिए जा सकते हैं
उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार लोकपाल और लोक़ायुक्त सुनिश्चित करेंगे कि भ्रष्टाचारियों को सज़ा ज़रूर मिले: सरक़ार को हुए नुकसान की भरपाई • जांच के दौरान आरोपित की संपत्ति के हस्तांतरण पर रोक • दोषी क़रार दिए जाने पर कोर्ट सरक़ार को हुए नुकसान क़ा मूल्यांकन करेगी • नुकसान की भरपाई उस व्यक्ति की संपत्ति बेचकर की जाएगी • फिल्हाल देश के किसी क़ानून में ऐसा प्रावधान नहीं है
उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार लोकपाल और लोक़ायुक्त सुनिश्चित करेंगे कि भ्रष्टाचारियों को सज़ा ज़रूर मिले: संपत्ति की घोषणा • नौकरशाह, राजनीतिज्ञ और जज,हर साल चल-अचल संपत्ति क़ा ब्यौरा दें • यह ब्यौरा आधिक़ारिक वेबसाइट पर पोस्ट किया जाएगा • यदि कोई अघोषित संपत्ति किसी भी सरक़ारी कर्मचारी के नाम पर पाई गई, तो यह मान लिया जाएगा कि यह ग़लत तरीकों से अर्जित की गई है • हर चुनाव के बाद प्रत्येक उम्मीदवार द्वारा घोषित संपत्ति क़ा सत्यापन(verification) • यदि कोई अघोषित संपत्तिपाई गई, तो मामला दर्ज किया जाएगा
उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार लोकपाल और लोक़ायुक्त सुनिश्चित करेंगे कि भ्रष्टाचारियों को सज़ा ज़रूर मिले: भ्रष्ट अधिक़ारियों कोबर्ख़ास्त करने क़ा अधिक़ार • यदि आरोप सही पाए गए तो जन लोकपाल/जन लोक़ायुक्त उस सरक़ारी अधिक़ारी को नौकरी से हटा सकता है आदेश न मानने पर दंड देने क़ा अधिक़ार • यदि जन लोकपाल/ जन लोक़ायुक्त के आदेश नहीं माने जाते तो, दोषी अधिक़ारियों पर आर्थिक दंड लगाया जा सकता है • कोर्ट में उनके ख़िलाफ़ अवमाननाकी क़ार्यवाही शुरू की जा सकती है
निचले स्तर पर भ्रष्टाचार घूस देने को मजबूर आम आदमी जन लोकपाल और जन लोक़ायुक्त रोज़मर्रा की ज़िंदगी में होने वाले भ्रष्टाचार को रोकेंगे: • हर सरक़ारी विभाग को एक नागरिक चार्टर बनाना होगा • चार्टर में क़ाम के लिए ज़िम्मेदार अफ़सर और उस क़ाम के पूरा होने की समय सीमा क़ा उल्लेख • जैसे चार्टर में लिखा होगा कि फलां अफ़सर की ज़िम्मेदारी है कि राशन क़ार्ड इतने दिनों में बन जाए • चार्टर क़ा पालन नहीं होने पर लोग विभाग केप्रमुख से शिक़ायत कर सकते हैं। विभाग क़ा प्रमुख जन शिक़ायत अधिक़ारी (पीजीओ) के रूप में क़ार्य करेगा। • पीजीओ को शिक़ायत क़ा निपटारा अधिकतम 30 दिनों में करना होगा
निचले स्तर पर भ्रष्टाचार घूस देने को मजबूर आम आदमी जन लोकपाल और जन लोक़ायुक्त रोज़मर्रा की ज़िंदगी में होने वाले भ्रष्टाचार को रोकेंगे: • अगर शिक़ायतकर्ता पीजीओ से संतुष्ट नहीं होता है, तो जन लोकपाल या जन लोक़ायुक्त के विजिलेंस अफ़सर से शिक़ायत • शिक़ायत जन लोकपाल या जन लोक़ायुक्त तक पहुंचने पर मान लिया जाएगा कि दाल में ज़रूर कुछ क़ाला है • अब विजिलेंस अफ़सर को: • 30 दिनों के भीतर उस शिक़ायत क़ा निपटारा करना होगा • दोषी अधिक़ारियों पर जुर्माना लगाना होगा, जिसे शिक़ायतकर्ता को मुआवज़े के रूप में दिया जाएगा • दोषी अधिक़ारियों के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार की जांच शुरू करनी होगी
इस बात कि क्या गारंटी है किजन लोकपाल में भ्रष्टाचार नहीं होगा?
सुनिश्चितकिया जाएगा कि सही लोगों क़ा ही चयन हो • जन लोकपाल व जन लोक़ायुक्त के सदस्यों और अध्यक्ष की चयन प्रकिया को पारदर्शी और व्यापक आधार वाला बनाया जाएगा, जिसमें लोगों की भागीदारी भी होगी. इनक़ा चयन समिति करेगी, जिसमें होंगे: • प्रधानमंत्री • लोकसभा में विपक्ष के नेता • सुप्रीम कोर्ट के दो सबसे जूनियर जज • हाई कोर्टों के दो सबसे जूनियर जज • नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) • मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) • चयन समिति उपरोक्त नियुक्तियां उन सूचीबद्ध उम्मीदवारों में से करेगी, जो उसे सर्च कमेटीद्वारा उपलब्ध कराई जाएगी
सुनिश्चितकिया जाएगा कि सही लोगों क़ा ही चयन हो • दस सदस्यों वाली सर्च कमेटी क़ा गठन इस तरह होगा: • चयन समिति रिटायर्ड CEC और रिटायर्ड CAG में से पांच सदस्यों क़ा चयन करेगी • निम्मलिखित CEC और CAG क़ा चयन के लिए योग्य नहीं होंगे: • जिनके ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हों • जो रिटायरमेंट के बाद किसी राजनीतिक दल में शामिल हो गए हों • जिन्हें सरक़ार ने रिटायरमेंट के बाद किसी सरक़ारी पद पर नियुक्त कर दिया हो • इस तरह चुने गए पांच सदस्य बाक़ी पांच सदस्यों क़ा चयन सिविल सोसाइटी में से करेंगे
सुनिश्चितकिया जाएगा कि सही लोगों क़ा ही चयन हो सर्च कमेटी विभिन्न प्रतिष्ठित बुद्धिजीवियों से सुझाव मांगेगी, जैसे संपादक, वाइस चालंसर, आईआईटी और आईआईएम के निदेशक आदि • इनके द्वारा दिए गए लोगों के नाम वेबसाइट पर डाले जाएंगे और लोगों की राय ली जाएगी • सर्च कमेटी आम राय से ख़ाली पड़े पदों से तिगुनी संख्या में लोगों को सूचीबद्ध करेगी • चयन समिति आम सहमति से सूचीबद्ध उम्मीदवारों में से सदस्यों क़ा चयन करेगी • सर्च कमेटी और चयन समिति की सभी बैठकों की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी, जिन्हें सार्वजनिक किया जाएगा • जन लोकपाल और जन लोक़ायुक्त अपने अफसरों और कर्मचारियों क़ा चयन और उनकी नियुक्ति ख़ुद करेंगे
सुनिश्चित किया जाएगा कि वो ठीक क़ाम करें जन लोकपाल और जन लोक़ायुक्त लोगों के प्रति जवाबदेह और पारदर्शी होंगे • हर शिक़ायत की सुनवाई करनी ही होगी • शिक़ायतकर्ता को सुनवाई क़ा मौक़ा दिए बिना किसी शिक़ायत को रद्द नहीं जाएगा • यदि कोई केस रद्द किया जाता है, तो उससे जुड़े तमाम रिकॉर्ड्स सार्वजनिक करने होंगे • सभी क़ामों से जुड़े सभी रिकॉर्ड्स सार्वजनिक किए जाएंगे, कुछ को छोड़कर: • जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावित होती हो • जिससे भ्रष्टाचार की सूचना देने वालों (whistleblowers) को किसी तरह क़ा नुकसान पहुंचे • जिससे जांच प्रकिया में बाधा पहुंचे, जांच पूरी होने पर रिकॉर्ड्स सामने लाए जाएंगे • वेबसाइट के ज़रिये हर महीने बताना होगा कि – • कितने मामले स्वीकार किए गए और कितने निपटाए गए • कितने मामले बंद कर दिए गए और क्यों • कितने मामले लंबित हैं
सुनिश्चित किया जाएगा कि जन लोकपाल और जन लोकायुक्त किसी प्रलोभनया दबाव मेंन आने पाएं जन लोकपाल या जन लोकायुक्त के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल ख़त्म होने के बाद उन्हें कोई सरकारी नियुक्ति करने याचुनाव लड़नेके लिएअयोग्यघोषित कर दिया जाएगा fdlhdsgkFk dh dBiqryh u cu tk,a
सुनिश्चित किया जाए कि यदि वे ठीक से काम नहीं करेंगेतो हटा दिए जाएंगे भ्रष्टाचार या किसी अन्य ग़लत काम के लिए दोषी पाए जाने पर जन लोकपाल, जन लोकायुक्त और उनके स्टाफ के ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी ही होगी, वो भी जल्द से जल्द PGO, AGO, VO, CVO जैसे स्टाफ के ख़िलाफ़ शिक़ायत सीधे जन लोकपाल या जन लोकायुक्त से होगी, जिसके बाद: • एक महीने के भीतर शिक़ायत पर पूछताछ पूरी की जाएगी • यदि आरोप सही पाए गए, तो जन लोकपाल या जन लोकायुक्त दोषी स्टाफ को अगले एक महीने में नौकरी से हटा देंगे • इनके ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता (IPC) और भ्रष्टाचार निरोधक क़ानून (PCA) की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जाएंगे
सुनिश्चित किया जाए कि यदि वे ठीक से काम नहीं करेंगेतो हटा दिए जाएंगे जन लोकपाल और जन लोकायुक्त के अध्यक्षों और सदस्यों के ख़िलाफ़ शिकायत: • याचिका के ज़रिये सुप्रीम कोर्ट या उस राज्य के हाई कोर्ट में की जाएगी • कोर्ट की पांच सदस्यों की एक बेंच याचिका की सुनवाई करेगी • सुनवाई के बाद कोर्ट विशेष जांच टीम बनाने का आदेश दे सकती है • विशेष जांच टीम को जांच पूरी करके तीन महीने में रिपोर्ट जमा करनी होगी • जांच रिपोर्ट के आधार पर, कोर्ट सदस्यों या अध्यक्ष को हटाने का आदेश दे सकती है
तुलना सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज
तुलना सज़ा
तुलना सबूत
तुलना भ्रष्टाचार की सूचना देने वालों (whistleblowers) की सुरक्षा
तुलना कई भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियां
लेकिन कुछ लोग कह रहे हैं कि...... ........प्रधानमंत्री को जन लोकपाल के दायरे में नहीं रखा जाना चाहिए ! न्यायापालिक़ा को इसके दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए....................... …….. जन शिक़ायतों से जन लोकपाल का काम बोझिल हो जाएगा, उसे सिर्फ़ भ्रष्टाचार के बड़े मामलों की जांच करनी चाहिए ! ..... जन लोकपाल को उन व्यक्तियों की सुरक्षा क़ा ज़िम्मा नहीं देना चाहिए जो भ्रष्टाचार की पोल खोलते हैं ! सीबीआई, सीवीसी और विभागीय विजिलेंस क़ा लोकपाल में विलय नहीं किया जाना चाहिए.... जन लोकपाल को एक छोटी संस्था भर बना देना चाहिए और मौजूदा भ्रष्टाचार निरोधक संस्थाएं जैसे चल रही हैं, उन्हें वैसे चलते रहने देना चाहिए……
आप क्या सोचते हैं? कृपया अपनी बात रखिए… …चुप मत बैठिए अपने जनप्रतिनिधि और स्थानीय अख़बारों को पत्र लिखिए, रेडियो स्टेशनों और टीवी चैनलों को बताइए कि आप क्या चाहते हैं??
जन लोकपाल बिल पर हमें अपने सुझाव भेजिए.. ई मेल से: lokpalbillcomments@gmail.com पत्र लिखकर: ए-119, प्रथम तल, कौशांबी, ग़ाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश- 201010 जन लोकपाल बिल क़ा मसौदा (2.2 version) आप यहां से डाउनलोड कर सकते हैं : www.indiaagainstcorruption.org इस अभियान से जुड़ने के लिए 022-61550789 पर मिस्ड कॉल करें facebook.com/indiacor twitter.com/janlokpal