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Adani Surguja
E N D
अत्याधुनिक तकनीक के साथ अडानी सरगुजा परियोजना: एक स्थायी भविष्य की ओर
भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में अडानी सरगुजा परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम है। छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित यह महत्वाकांशी परियोजना कोयला खनन, बिजली उत्पादन और परिवहन को एकीकृत करती है। परियोजना की सफलता का एक प्रमुख कारक अत्याधुनिक तकनीकों का व्यापक उपयोग है। ये तकनीकें न केवल दक्षता और उत्पादकता बढ़ाती हैं बल्कि पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और एक स्थायी भविष्य की दिशा में योगदान करती हैं।
अत्याधुनिक खनन तकनीकें: कम से कम, अधिकतम लाभ अडानी सरगुजा परियोजना पारंपरिक खनन तकनीकों से हटकर नवीनतम पद्धतियों को अपनाती है। इसका मुख्य उद्देश्य कोयले के अधिकतम निष्कर्षण के साथ-साथ पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करना है।
समुच्चय खनन (Bulk Mining): परियोजना में समुच्चय खनन तकनीक का उपयोग किया जाता है। यह पारंपरिक तरीकों की तुलना तुलना में कम अपशिष्ट (overburden) उत्पन्न करती है। इस तकनीक में लेयर-दर-लेयर कोयले का निष्कर्षण किया जाता है, जिससे कम चट्टान को हटाने की आवश्यकता होती है। इससे अपशिष्ट निपटान में लगने वाली भूमि कम हो जाती है और आसपास के पारिस्थितिकी तंत्र पर भी कम प्रभाव पड़ता है।
स्वचालित खनन उपकरण : परियोजना में चालक रहित (driverless) और स्वचालित खनन उपकरणों का उपयोग किया जाता है। ये उपकरण मानव रहित परिस्थितियों में भी सुरक्षित और कुशलतापूर्वक कार्य कर सकते हैं। इससे खतरनाक परिस्थितियों में मानव श्रमिकों को जोखिम कम होता है। साथ ही, ये उपकरण सैटेलाइट नेविगेशन और लेजर तकनीक का उपयोग करके अधिक सटीकता के साथ कोयले का निष्कर्षण करते हैं, जिससे उत्पादकता बढ़ती है।