0 likes | 0 Views
Adani Supreme Court
E N D
अडानी ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत: हिंडनबर्ग के आरोप खारिज
अडानी ग्रुप और अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के बीच विवाद ने न केवल भारतीय बल्कि वैश्विक वित्तीय बाजारों में भी बड़ी हलचल मचाई थी। जनवरी 2023 में, हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें अडानी ग्रुप पर टैक्स हेवन का दुरुपयोग, अत्यधिक कर्ज, और शेयर बाजार में हेरफेर करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। इस रिपोर्ट के जारी होने के तुरंत बाद, अडानी ग्रुप की विभिन्न कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई, जिससे ग्रुप का बाजार पूंजीकरण लगभग 150 बिलियन डॉलर तक गिर गया।
हालांकि, अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया और इसे “आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण” करार दिया। ग्रुप ने यह भी कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का उद्देश्य अडानी ग्रुप की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना और भारतीय निवेशकों का भरोसा तोड़ना था। इस विवाद के कारण भारतीय शेयर बाजार में अनिश्चितता बढ़ गई, जिससे खुदरा निवेशकों और विदेशी संस्थागत निवेशकों के बीच चिंता उत्पन्न हुई।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला • जनवरी 2024 में, सुप्रीम कोर्ट ने अडानी ग्रुप के पक्ष में फैसला सुनाया, जिससे ग्रुप को बड़ी राहत मिली। अदालत ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के आधार पर मामले को विशेष जांच टीम (SIT) को सौंपने की कोई आवश्यकता नहीं है। अडानी सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) पहले से ही इस मामले की जांच कर रहा है और वही इसके लिए सबसे उपयुक्त निकाय है।
निष्कर्ष • अडानी सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न केवल अडानी ग्रुप के लिए राहतभरा रहा, बल्कि यह भारतीय वित्तीय प्रणाली की विश्वसनीयता को भी मजबूत करने वाला एक महत्वपूर्ण निर्णय साबित हुआ। इस फैसले ने बाजार में स्थिरता लाने और निवेशकों के विश्वास को फिर से बहाल करने में अहम भूमिका निभाई। • अडानी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए आरोपों के चलते शेयर बाजार में अस्थिरता और अनिश्चितता बढ़ गई थी, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए इस स्पष्ट और निष्पक्ष निर्णय ने दिखाया कि भारत की न्याय प्रणाली स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से कार्य करती है।