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अडानी ग्रुप की हरित परियोजनाएँ: पर्यावरण पर प्रभाव
भारत में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में अडानी ग्रुप एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। समूह की हरित परियोजनाएँ न केवल ऊर्जा क्षेत्र में विविधता ला रही हैं बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पण को भी दर्शाती हैं। इस लेख में हम अडानी ग्रुप की प्रमुख हरित परियोजनाओं और उनके पर्यावरणीय प्रभावों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
अडानी ग्रुप की हरित पहल: भारत में स्वच्छ ऊर्जा का भविष्य अडानी ग्रुप भारत में सौर और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरा है। समूह का लक्ष्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना और भारत को एक स्वच्छ और हरित अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान देना है।
सौर ऊर्जा में अग्रणी भूमिका • बड़े पैमाने पर निवेश: अडानी ग्रुप ने देश के विभिन्न राज्यों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैं। इन संयंत्रों की स्थापित क्षमता काफी अधिक है और ये संयंत्र लाखों घरों को बिजली प्रदान करने में सक्षम हैं। • राष्ट्रीय ग्रिड से जुड़ाव: इन संयंत्रों से उत्पादित बिजली को राष्ट्रीय ग्रिड में जोड़ा जाता है, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित होती है।
• ग्रीनहाउस गैसों में कमी: सौर ऊर्जा एक स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा स्रोत है। इसके उपयोग से कोयले और अन्य जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम होती है, जिससे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम होता है और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद मिलती है।