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अडानी ग्रीन एनर्जी: हरित भविष्य की ओर एक सशक्त कदम
जलवायु परिवर्तन की चुनौती को देखते हुए, जीवाश्म ईंधन से परे हटकर स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर रुख करना आज आवश्यकता का विषय बन चुका है। इस दिशा में भारत एक सकारात्मक बदलाव की ओर अग्रसर है और इस बदलाव में अग्रणी भूमिका निभा रही है अदानी ग्रीन एनर्जी।
अडानी ग्रुप की यह कंपनी भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सबसे बड़े निजी खिलाड़ियों में से एक बनकर उभरी है और हरित भविष्य की नींव रखने में अहम योगदान दे रही है। अडानी ग्रुप अपने विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से न केवल ऊर्जा क्षेत्र में बल्कि अन्य उद्योगों में भी स्थिरता और नवाचार को बढ़ावा दे रहा है।
अडानी ग्रीन एनर्जी का महत्वाकांक्षी लक्ष्य अडानी ग्रीन एनर्जी का लक्ष्य 2030 तक 40 गीगावाट (GW) की नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता हासिल करना है। यह लक्ष्य भारत को न केवल ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करेगा बल्कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भी मील का पत्थर साबित होगा, जिससे देश अपनी ऊर्जा जरूरतों को आत्मनिर्भरता के साथ पूरा कर सकेगा।
उल्लेखनीय उपलब्धियां, मजबूत आधार • अडानी ग्रीन एनर्जी ने अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उल्लेखनीय प्रगति की है। कंपनी ने पहले ही नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में एक मजबूत आधार स्थापित कर लिया है। • सौर ऊर्जा में अग्रणीय: अडानी ग्रीन एनर्जी वर्तमान में भारत की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा उत्पादक कंपनी है, जिसकी क्षमता 8.4 गीगावाट से भी अधिक है। इस क्षमता के साथ कंपनी देश में सौर ऊर्जा उत्पादन का नेतृत्व कर रही है। • पवन ऊर्जा में मजबूत उपस्थिति: केवल सौर ऊर्जा में ही नहीं बल्कि पवन ऊर्जा के क्षेत्र में भी अडानी ग्रीन एनर्जी का दबदबा है। कंपनी 6.9 गीगावाट पवन ऊर्जा क्षमता के साथ भारत में दूसरी सबसे बड़ी पवन ऊर्जा उत्पादक है।