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अडानी ग्रुप: हरित ऊर्जा क्रांति में योगदान
परिचय: • 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय क्षरण है। जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता इन समस्याओं का एक प्रमुख कारण है। इसलिये, हरित ऊर्जा क्रांति, यानी स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर रुख करना, आज के समय की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकताओं में से एक बन गया है। भारत भी इस वैश्विक प्रयास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, और इस दिशा में अडानी ग्रुप एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में सामने आया है।
अडानी ग्रुप का दृष्टिकोण: • अडानी ग्रुप भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है, जिसका कारोबार बुनियादी ढांचा, ऊर्जा, रसद और वस्तु क्षेत्रों में फैला हुआ है। हालाँकि, कंपनी केवल आर्थिक लाभ पर ही ध्यान केंद्रित नहीं करती, बल्कि "सस्टेनेबल डेवलपमेंट" यानी सतत विकास को अपनी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानती है। अडानी ग्रुप का लक्ष्य 2030 तक 100 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करना है। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में आत्मनिर्भर बनाने और हरित अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से बढ़ने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
Borcelle Company • अडानी ग्रुप की प्रमुख पहल: • अडानी ग्रुप ने हरित ऊर्जा क्रांति में योगदान देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश और विकास कार्य किए हैं। आइए इन प्रमुख पहलों पर एक नज़र डालें: • सौर ऊर्जा: अडानी ग्रुप भारत में सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक है। कंपनी ने गुजरात के मुंद्रा में विश्व के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्रों में से एक स्थापित किया है। इसके अलावा, तमिलनाडु के कमोर और मध्य प्रदेश के देवास सहित कई राज्यों में भी अडानी ग्रुप के बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित हैं। ये संयंत्र स्वच्छ और सस्ती बिजली प्रदान कर रहे हैं।
पवन ऊर्जा: सौर ऊर्जा के साथ-साथ अडानी ग्रुप पवन ऊर्जा क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। कंपनी ने गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में कई पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैं। ये पवन ऊर्जा संयंत्र हवा के प्रवाह का उपयोग कर बिजली उत्पन्न करते हैं, जो न केवल पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति को भी मजबूत बनाता है।