0 likes | 16 Views
Adani Group
E N D
अडानी ग्रुप और धारावी पुनर्विकास: एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल की सफलता
मुंबई की पहचान मरीन ड्राइव, गेटवे ऑफ इंडिया और बॉलीवुड के साथ-साथ धारावी, एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी-झोपड़ी बस्ती भी है। दशकों से यह जटिल क्षेत्र गरीबी, अस्वच्छता और अवैध निर्माण का पर्याय बन चुका है। मगर 2017 में, धारावी के पुनर्विकास की एक महत्वाकांक्षी योजना सामने आई, जिसने न सिर्फ मुंबई बल्कि पूरे देश में सुर्खियां बटोरीं। इस योजना की खासियत यह है कि इसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत क्रियान्वित किया जा रहा है, जो भारत में इस पैमाने पर एक अनूठा प्रयोग है। आइए, इस ब्लॉग में हम अडानी ग्रुप और धारावी पुनर्विकास परियोजना पर चर्चा करें और समझने की कोशिश करें कि यह PPP मॉडल किस प्रकार सफलता की ओर अग्रसर है।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के लाभ: PPP मॉडल में, बुनियादी ढांचा और शहरी विकास जैसी बड़ी परियोजनाओं के लिए सरकार और निजी कंपनियां मिलकर काम करती हैं। इस मॉडल के कई महत्वपूर्ण लाभ हैं: •वित्तीय संसाधनों का बेहतर उपयोग: अक्सर बड़े पैमाने की परियोजनाओं के लिए सरकारी खजाने पर बोझ बहुत अधिक होता है। PPP मॉडल में निजी कंपनियां परियोजना में निवेश करती हैं, जिससे सरकार के वित्तीय बोझ को कम किया जा सकता है। •दक्षता और विशेषज्ञता का समावेश: निजी क्षेत्र के पास बड़े पैमाने की परियोजनाओं के क्रियान्वयन में अक्सर अधिक अनुभव और विशेषज्ञता होती है। वे नवीनतम तकनीकों और प्रबंधन प्रणालियों का उपयोग करके परियोजना को समय और बजट के अनुसार पूरा करने में सक्षम होते हैं।
धारावी पुनर्विकास परियोजना का स्वरूप: अडानी ग्रुप की महत्वाकांक्षी योजना धारावी को एक आधुनिक और समृद्ध शहरी क्षेत्र में बदलने की है। इस परियोजना के तहत लगभग 2.6 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली झुग्गी-झोपड़ियों को हटाकर उनकी जगह आधुनिक अपार्टमेंट बनाए जाएंगे। इसके अलावा, बेहतर सड़कें, नालियां, बिजली और पानी की आपूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाएगा। साथ ही, शिक्षा संस्थान, अस्पताल, क्रीड़ा स्थल और मनोरंजन केंद्रों का निर्माण भी इस परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है|
PPP मॉडल की सफलता के संकेत: धारावी पुनर्विकास परियोजना अभी भी अपने शुरुआती चरण में है, लेकिन कुछ संकेत पहले से ही इस बात की ओर इशारा करते हैं कि PPP मॉडल इस जटिल कार्य में सफल हो सकता है: •स्थानीय समुदायों का समर्थन: अधिकांश झुग्गीवासी इस परियोजना का समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि इससे उनकी जीवन-यापन की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार होगा। बेहतर आवास, स्वच्छ वातावरण और रोजगार के अवसर उन्हें एक बेहतर भविष्य की आशा देते हैं। •परियोजना की प्रगति: परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है और पहले चरण का काम 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। प्रशासन और अडानी ग्रुप मिलकर काम कर रहे हैं ताकि पुनर्वसन की प्रक्रिया सुचारू रूप से चले और स्थानीय लोगों को कम से कम परेशानी हो।