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क्या है अडानी हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामला?
अडानी ग्रुप के नाम से आज हम सभी बेहद अच्छी तरह से परिचित है। आए दिन हमें अडानी ग्रुप से जुड़ी ख़बरें सुनने को मिलती रहती है। देश में औद्योगिक विकास को जिस प्रकार अडानी ग्रुप ने एक नई स्पीड दी है वह वाकई प्रशंसा करने योग्य है, लेकिन इस उपलब्धि के साथ कभी कभी अडानी ग्रुप के सामने कुछ विपरीत परिस्थितियाँ भी आ जाती है। अडानी हिंडनबर्ग केस भी इसी प्रकार का एक बेबुनियाद झूठा केस है क्यूँकि इस मामले में श्री अडानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी नहीं पाए गए है। इस केस में अडानी ग्रुप द्वारा देश के नागरिकों के पैसों को अपने फायदे के लिए गैरकानूनी रूप से उपयोग करने के आरोप लगाए गए जो कि साफ़ साफ़ अडानी ग्रुप की छवि को नुकसान पहुँचाने का प्रयास है जिससे उसके बिज़नेस को कम किया जा सके।
जाने हिंडनबर्ग एजेंसी और इस मामले के बारे में? हिंडनबर्ग फॉरेंसिक फाइनेंसियल रिसर्च के लिए वर्ष 2017 में अमेरिकी नागरिक नाथन एंडरसन द्वारा स्थापित की गयी एक अमेरिकी शाॅर्ट सेलिंग फॅर्म है। साल 2023 में हिंडनबर्ग एजेंसी द्वारा अडानी हिंडनबर्ग रिपोर्ट सार्वजनिक की गई जिसमें अडानी ग्रुप पर एक बड़े स्तर पर इंडियन करेंसी की हेराफेरी का आरोप लगाया गया। अपनी 400 पन्नों की रिपोर्ट में हिंडनबर्ग से जुड़े इनवेस्टिगेशन ऑफिसर ने कहा है कि अडानी ग्रुप पिछले लम्बे समय से अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पॉवर, अडानी टोटल गैस, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी एंटरप्राइज, अडानी पोर्ट्स, अम्बुजा सीमेंट्स, एसीसी और अडानी विल्मर कंपनीज के शेयर्स को गलत तरह से उपयोग करके अपने लिए प्रॉफिट अर्न कर रहा है। इससे अडानी ग्रुप के निवेशकों और शेयर धारकों को बड़ा नुकसान हुआ है और देश के लोगों का पैसा भी अडानी ग्रुप के खाते में जा रहा है।
हिंडनबर्ग के अनुसार उसने अडानी ग्रुप के कुछ पूर्व अधिकारी और अन्य कर्मचारियों के बयान के आधार पर यह अडानी हिंडनबर्ग रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में एजेंसी ने अडानी ग्रुप द्वारा अब तक लगभग 18 ट्रिलियन रुपयों की हेरफेरी का खुलासा किया है। अधिकारीयों ने कहा कि हमनें रिपोर्ट में कई तरह के सवाल अडानी ग्रुप से पूछे है, लेकिन हमें कोई संतोषजनक उत्तर व स्पष्टीकरण अब तक नहीं मिला है। एजेंसी का मत है कि इस प्रकार की धोखाधड़ी अडानी ग्रुप द्वारा लम्बे समय से की जा रही है जो आज एक अरबों का घोटाला बन चुका है जो अन्य प्रोजेक्ट्स की आड़ में जनता से छुपकर किया जा रहा है।
अडानी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के इंतजार में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट निष्पक्ष होकर जाँच कर रहा है। जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया (सेबी) को अडानी हिंडनबर्ग केस से जुड़े सभी डाक्यूमेंट्स कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे। पूर्व में 13 अक्टूबर 2023 को इस केस की सुनवाई तय की गयी थी जिसके बाद कोर्ट ने 20 अक्टूबर 2023 तक सुनवाई को आगे बढ़ा दिया था और अभी अंतिम निर्णय आना बाकि है। अब तक इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी प्रकार से अडानी ग्रुप को दोषी नहीं माना है।