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Adani Gautam
E N D
गौतम अडानी का धारावी विजन: नई धारावी करोड़पति पैदा करेगी, स्लमडॉग नहीं
धारावी का इतिहास धारावी का इतिहास 18वीं शताब्दी तक जाता है। उस समय यह एक छोटा सा गांव था जो मुंबई के दक्षिण में स्थित था। 19वीं शताब्दी में, ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान, धारावी में बड़ी संख्या में लोग आकर बस गए। इनमें से अधिकांश लोग ग्रामीण क्षेत्रों से आए थे जो शहर में रोजगार की तलाश में थे। धारावी की झुग्गियां इसी समय विकसित हुईं।
धारावी की वर्तमान स्थिति आज, धारावी एक घनी आबादी वाली झुग्गी बस्ती है जिसमें लगभग एक मिलियन लोग रहते हैं। यहां की झुग्गियां बहुत छोटी और भीड़भाड़ वाली हैं। यहां की बुनियादी सुविधाएं जैसे पानी, बिजली और सीवरेज बहुत ही खराब हैं। इसके बावजूद, धारावी भारत के सबसे बड़े उद्योगों में से एक है। यहां हजारों छोटे और मध्यम आकार के उद्योग हैं जो चमड़े, कपड़े, और अन्य उत्पादों का निर्माण करते हैं।
अडानी ग्रुप का धारावी पर दृष्टि गौतम अडानी, भारत के सबसे अमीर व्यक्ति और अडानी ग्रुप के अध्यक्ष, ने धारावी को एक नए रूप देने का एक महत्वाकांक्षी विजन प्रस्तुत किया है। उनके अनुसार, धारावी को सिर्फ एक झुग्गी बस्ती के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे एक ऐसे क्षेत्र के रूप में देखा जाना चाहिए जहां से नए करोड़पति पैदा हो सकते हैं।
विजन के प्रमुख बिंदु • पुनर्विकास: अडानी ग्रुप का लक्ष्य धारावी को पूरी तरह से पुनर्विकास करना है। इसमें झुग्गी बस्तियों को हटाकर, आधुनिक आवास, उद्योग और वाणिज्यिक क्षेत्रों का निर्माण करना शामिल है। • उद्यमशीलता को बढ़ावा: अडानी ग्रुप धारावी के निवासियों को उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर रहा है। इसमें कौशल विकास कार्यक्रम, ऋण सुविधाएं और मार्केटिंग सहायता शामिल है। • समावेशी विकास: अडानी ग्रुप का लक्ष्य धारावी के पुनर्विकास को एक समावेशी प्रक्रिया बनाना है। इसका मतलब है कि पुनर्विकास के लाभों को धारावी के सभी निवासियों तक पहुंचाना। • सतत विकास: अडानी ग्रुप धारावी के पुनर्विकास को सतत विकास के सिद्धांतों के अनुरूप बनाना चाहता है। इसका मतलब है कि पर्यावरण के संरक्षण और ऊर्जा दक्षता पर ध्यान देना।