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अडानी धारावी का पुनर्विकास परियोजना: एक सफल मॉडल
मुंबई, भारत की आर्थिक राजधानी, चकाचौंध और गगनचुंबी इमारतों के बीच, एक विरोधाभास समेटे हुए खड़ी है – धारावी, एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती। लाखों निवासियों, उद्योगों के जाल और जीवंत संस्कृति का केंद्र, अडानी धारावी अपने अस्तित्व के साथ ही कई जटिलताओं को भी पेश करता है। 2017 में, अडानी ग्रुप ने इस विशाल झुग्गी के पुनर्विकास की जिम्मेदारी ली, जिससे एक महत्वाकांक्षी और बहुचर्चित परियोजना की शुरुआत हुई।
परियोजना का दायरा: आधुनिकता का स्पर्श अडानी ग्रुप की योजना धारावी के 2.6 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को एक आधुनिक और समृद्ध शहरी केंद्र में बदलने की है। यह परियोजना न केवल आवासीय भवनों के निर्माण की परिकल्पना करती है, बल्कि व्यावसायिक केंद्रों, स्कूलों, अस्पतालों, हरे-भरे उद्यानों और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं का भी निर्माण करेगी। इसका लक्ष्य बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ एक ऐसा सुसंगठित शहरी वातावरण तैयार करना है, जो धारावी के निवासियों के जीवन स्तर को उन्नत करे।
सार्वजनिक–निजी भागीदारी (PPP): सहयोग की राह यह परियोजना भारत में इस पैमाने पर एक अनूठा प्रयोग है, जिसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत क्रियान्वित किया जा रहा है। इस मॉडल में, सरकार और निजी कंपनियां मिलकर काम करती हैं।
इस विशिष्ट परियोजना में, अडानी ग्रुप परियोजना में निवेश करेगा और इसका निर्माण करेगा। मुंबई महानगरपालिका (BMC) बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक सुविधाओं के विकास का बीड़ा उठाएगी। सफल कार्यान्वयन के लिए दोनों पक्षों का सहयोग और समन्वय महत्वपूर्ण है।