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u0915u093eu0932 u0938u0930u094du092a u0926u094bu0937 u0915u0947 12 u092au094du0930u0915u093eu0930, u0906u0902u0936u093fu0915 u0915u093eu0932 u0938u0930u094du092a u0926u094bu0937 u0915u0947 u0932u0915u094du0937u0923 u0914u0930 u0924u094du0930u094du092fu0902u092cu0915u0947u0936u094du0935u0930 u092eu0902u0926u093fu0930 u092eu0947u0902 u092au0942u091cu093e u092cu0941u0915u093fu0902u0917 u092au094du0930u0915u094du0930u093fu092fu093e u091cu093eu0928u0947u0902u0964 u092au0902u0921u093fu0924 u0930u0935u093f u0936u0902u0915u0930 u0917u0941u0930u0941u091cu0940 u0938u0947 u0938u0902u092au0930u094du0915 u0915u0930u0947u0902 u2013 91 7720000702u0964 u0915u093eu0932u0938u0930u094du092a u0926u094bu0937 u0928u093fu0935u093eu0930u0923 u0915u0947 u0932u093fu090f u0936u0941u092d u092eu0941u0939u0942u0930u094du0924 u092eu0947u0902 u092au0942u091cu093e u0915u0930u093eu090fu0902u0964
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त्र्यंबक े श्वरमंदिरकालसर्पर्ूजाऔरउर्ाय – एकसंर्ूर्प मार्पिदशपका भारतमेंजबभीकिसीव्यक्तिि ेजीवनमेंअचानिबाधाएं, असफलताएंयापाररवाररिअशांकतआने लगतीहै, तोज्योकतषमेंइसि ेपीछेएिप्रमुखिारणमानाजाताहै–िालसपपदोष।कवशेषरृपसे यहदोषउससमयबनताहैजबकिसीिीि ुं डलीमेंसभीग्रहराहूऔरि े तुि ेबीचक्तितहोजातेहैं। इसि ेकनवारणि ेकलएत्र्यंबक े श्वरमंदिरकालसर्पर्ूजाऔरउर्ायसबसेप्रभावीमानेगएहैं। त्र्यंबक े श्वरमंदिर–कालसर्पर्ूजाकार्दित्रस्थल: महाराष्ट्रि ेनाकसिकजलेमेंक्तितत्र्यंबि े श्वरमंकदरबारहज्योकतकलिंगोंमेंसेएिहै।यहिानपकवत्र गोदावरीनदीि ेउद्गमिलि ेरृपमेंभीप्रकसद्धहैऔरिालसपपदोषकनवारणपूजाि ेकलएयह अत्यंतशुभमानाजाताहै। पंकडतरकवशंिरगुरूजीत्र्यंबि े श्वरि ेअनुभवीऔरप्रकसद्धकवद्वानहैंजोवैकदिकवकधसेिालसपपदोष कनवारणपूजािरवातेहैं।आपउनसेपूजािीबुकि ं गऔरजानिारीि ेकलएसंपि पिरसितेहैं: +91 7720000702। कालसर्पिोषक े 12 प्रकारऔरउनक ेप्रभाि: 1.अनंतकालसर्पिोष–जीवनमेंअक्तिरता 2.क ु दलककालसर्पिोष–शारीररििष्ट् 3.िासुकीकालसर्पिोष–पाररवाररिअशांकत 4.शंखर्ालकालसर्पिोष–कशक्षामेंबाधा 5.र्द्मकालसर्पिोष–कववाहमेंकवलंब 6.महार्द्मकालसर्पिोष–आकथपिनुिसान 7.तक्षककालसर्पिोष–िायपिलमेंरूिावट 8.ककोटककालसर्पिोष–स्वास्थ्यसंबंधीसमस्याएं 9.शंखचूड़कालसर्पिोष–मानकसितनाव 10.घातककालसर्पिोष–अचानिदुर्पटनाएं 11.दिषधरकालसर्पिोष–िोटप-िचहरीि ेमामले 12.शेषनार्कालसर्पिोष–जीवनभरसंर्षप इनदोषोंि ेप्रभावअलग-अलगहोतेहैंऔरइनिाकनवारणपूजाि ेमाध्यमसेहीसंभवहोताहै।
आंदशककालसर्पिोषक्याहोताहै? फायिे, लक्षर्औरउर्ाय: आंदशककालसर्पिोषतबबनताहैजबसभीग्रहराहूऔरि े तुि ेबीचनहोिरि ु छग्रहआंकशि रृपसेउनि ेप्रभावक्षेत्रमेंआतेहैं।इसि ेलक्षण: •जीवनमेंअनावश्यिडर •मनमेंअक्तिरता •कनणपयलेनेमेंिकिनाई •अवसरकमलनेपरभीलाभनकमलना फायिे:यकदसहीपूजाकवकधअपनाईजाए, तोव्यक्तििाआत्मबलबढ़ताहै, ग्रहोंिीशांकतहोतीहै औररूि ेहूएिायपबननेलगतेहैं। उर्ाय: •त्र्यंबि े श्वरमेंिालसपपदोषपूजािराना •नागपंचमीपरनागदेवतािीपूजा •हरसोमवारकशवकलंगपरजलाकभषेि •महामृत्युंजयमंत्रिाजाप •राहू-ि े तुिीशांकतहेतुहवन त्र्यंबक े श्वरकालसर्पर्ूजाबुदक ं र्प्रदिया: पंकडतरकवशंिरगुरूजीपूजािीबुकि ं गप्रकियािोसरलऔरसुकवधाजनिबनातेहैं: 1.संपि पिरें: +91 7720000702 2.अपनीि ुं डलीभेजें (ऑनलाइन/व्हाट्सएप) 3.गुरूजीमुहृतपऔरदोषिीपुकष्ट्िरेंगे 4.पूजािीकतकथकनकितिरें 5.सभीपूजासामग्रीऔरव्यविापंकडतजीद्वारािीजातीहै 6.पूजापूणपहोनेपरकवशेषआशीवापदऔरपरामशपभीकदयाजाताहै दनष्कषप: यकदआपभीजीवनमेंलगातारआरहीरूिावटों, मानकसितनावयापाररवाररिक्लेशसेपरेशानहैं, तोएिबारअपनीि ुं डलीमेंकालसर्पिोषकीजांचअवश्यिराएं।त्र्यंबक े श्वरमंदिरकालसर्प र्ूजाऔरउर्ायि ेमाध्यमसेआपअपनेजीवनमेंनईसिारात्मिऊजापिाप्रवेशिरसितेहैं। र्ूजाबुदक ं र्औरजानकारीक ेदलएअभीसंर्क पकरें: र्ंदितरदिशंकरर्ुरुजी– +91 7720000702