1 / 3

त्र्यंबकेश्वर मंदिर काल सर्प पूजा और उपाय

u0915u093eu0932 u0938u0930u094du092a u0926u094bu0937 u0915u0947 12 u092au094du0930u0915u093eu0930, u0906u0902u0936u093fu0915 u0915u093eu0932 u0938u0930u094du092a u0926u094bu0937 u0915u0947 u0932u0915u094du0937u0923 u0914u0930 u0924u094du0930u094du092fu0902u092cu0915u0947u0936u094du0935u0930 u092eu0902u0926u093fu0930 u092eu0947u0902 u092au0942u091cu093e u092cu0941u0915u093fu0902u0917 u092au094du0930u0915u094du0930u093fu092fu093e u091cu093eu0928u0947u0902u0964 u092au0902u0921u093fu0924 u0930u0935u093f u0936u0902u0915u0930 u0917u0941u0930u0941u091cu0940 u0938u0947 u0938u0902u092au0930u094du0915 u0915u0930u0947u0902 u2013 91 7720000702u0964 u0915u093eu0932u0938u0930u094du092a u0926u094bu0937 u0928u093fu0935u093eu0930u0923 u0915u0947 u0932u093fu090f u0936u0941u092d u092eu0941u0939u0942u0930u094du0924 u092eu0947u0902 u092au0942u091cu093e u0915u0930u093eu090fu0902u0964

Download Presentation

त्र्यंबकेश्वर मंदिर काल सर्प पूजा और उपाय

An Image/Link below is provided (as is) to download presentation Download Policy: Content on the Website is provided to you AS IS for your information and personal use and may not be sold / licensed / shared on other websites without getting consent from its author. Content is provided to you AS IS for your information and personal use only. Download presentation by click this link. While downloading, if for some reason you are not able to download a presentation, the publisher may have deleted the file from their server. During download, if you can't get a presentation, the file might be deleted by the publisher.

E N D

Presentation Transcript


  1. त्र्यंबक े श्वरमंदिरकालसर्पर्ूजाऔरउर्ाय – एकसंर्ूर्प मार्पिदशपका भारतमेंजबभीकिसीव्यक्तिि ेजीवनमेंअचानिबाधाएं, असफलताएंयापाररवाररिअशांकतआने लगतीहै, तोज्योकतषमेंइसि ेपीछेएिप्रमुखिारणमानाजाताहै–िालसपपदोष।कवशेषरृपसे यहदोषउससमयबनताहैजबकिसीिीि ुं डलीमेंसभीग्रहराहूऔरि े तुि ेबीचक्तितहोजातेहैं। इसि ेकनवारणि ेकलएत्र्यंबक े श्वरमंदिरकालसर्पर्ूजाऔरउर्ायसबसेप्रभावीमानेगएहैं। त्र्यंबक े श्वरमंदिर–कालसर्पर्ूजाकार्दित्रस्थल: महाराष्ट्रि ेनाकसिकजलेमेंक्तितत्र्यंबि े श्वरमंकदरबारहज्योकतकलिंगोंमेंसेएिहै।यहिानपकवत्र गोदावरीनदीि ेउद्गमिलि ेरृपमेंभीप्रकसद्धहैऔरिालसपपदोषकनवारणपूजाि ेकलएयह अत्यंतशुभमानाजाताहै। पंकडतरकवशंिरगुरूजीत्र्यंबि े श्वरि ेअनुभवीऔरप्रकसद्धकवद्वानहैंजोवैकदिकवकधसेिालसपपदोष कनवारणपूजािरवातेहैं।आपउनसेपूजािीबुकि ं गऔरजानिारीि ेकलएसंपि पिरसितेहैं: +91 7720000702। कालसर्पिोषक े 12 प्रकारऔरउनक ेप्रभाि: 1.अनंतकालसर्पिोष–जीवनमेंअक्तिरता 2.क ु दलककालसर्पिोष–शारीररििष्ट् 3.िासुकीकालसर्पिोष–पाररवाररिअशांकत 4.शंखर्ालकालसर्पिोष–कशक्षामेंबाधा 5.र्द्मकालसर्पिोष–कववाहमेंकवलंब 6.महार्द्मकालसर्पिोष–आकथपिनुिसान 7.तक्षककालसर्पिोष–िायपिलमेंरूिावट 8.ककोटककालसर्पिोष–स्वास्थ्यसंबंधीसमस्याएं 9.शंखचूड़कालसर्पिोष–मानकसितनाव 10.घातककालसर्पिोष–अचानिदुर्पटनाएं 11.दिषधरकालसर्पिोष–िोटप-िचहरीि ेमामले 12.शेषनार्कालसर्पिोष–जीवनभरसंर्षप इनदोषोंि ेप्रभावअलग-अलगहोतेहैंऔरइनिाकनवारणपूजाि ेमाध्यमसेहीसंभवहोताहै।

  2. आंदशककालसर्पिोषक्याहोताहै? फायिे, लक्षर्औरउर्ाय: आंदशककालसर्पिोषतबबनताहैजबसभीग्रहराहूऔरि े तुि ेबीचनहोिरि ु छग्रहआंकशि रृपसेउनि ेप्रभावक्षेत्रमेंआतेहैं।इसि ेलक्षण: •जीवनमेंअनावश्यिडर •मनमेंअक्तिरता •कनणपयलेनेमेंिकिनाई •अवसरकमलनेपरभीलाभनकमलना फायिे:यकदसहीपूजाकवकधअपनाईजाए, तोव्यक्तििाआत्मबलबढ़ताहै, ग्रहोंिीशांकतहोतीहै औररूि ेहूएिायपबननेलगतेहैं। उर्ाय: •त्र्यंबि े श्वरमेंिालसपपदोषपूजािराना •नागपंचमीपरनागदेवतािीपूजा •हरसोमवारकशवकलंगपरजलाकभषेि •महामृत्युंजयमंत्रिाजाप •राहू-ि े तुिीशांकतहेतुहवन त्र्यंबक े श्वरकालसर्पर्ूजाबुदक ं र्प्रदिया: पंकडतरकवशंिरगुरूजीपूजािीबुकि ं गप्रकियािोसरलऔरसुकवधाजनिबनातेहैं: 1.संपि पिरें: +91 7720000702 2.अपनीि ुं डलीभेजें (ऑनलाइन/व्हाट्सएप) 3.गुरूजीमुहृतपऔरदोषिीपुकष्ट्िरेंगे 4.पूजािीकतकथकनकितिरें 5.सभीपूजासामग्रीऔरव्यविापंकडतजीद्वारािीजातीहै 6.पूजापूणपहोनेपरकवशेषआशीवापदऔरपरामशपभीकदयाजाताहै दनष्कषप: यकदआपभीजीवनमेंलगातारआरहीरूिावटों, मानकसितनावयापाररवाररिक्लेशसेपरेशानहैं, तोएिबारअपनीि ुं डलीमेंकालसर्पिोषकीजांचअवश्यिराएं।त्र्यंबक े श्वरमंदिरकालसर्प र्ूजाऔरउर्ायि ेमाध्यमसेआपअपनेजीवनमेंनईसिारात्मिऊजापिाप्रवेशिरसितेहैं। र्ूजाबुदक ं र्औरजानकारीक ेदलएअभीसंर्क पकरें: र्ंदितरदिशंकरर्ुरुजी– +91 7720000702

More Related