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नारायण बली पूजा, विधी और लाभ

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नारायण बली पूजा, विधी और लाभ

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Presentation Transcript


  1. 1. नारायणनागबलीपूजा, विधी और लाभ

  2. 2. नारायण नागबली पूजा नारायण नागबली पूजा दो अलग-अलग कारणों से किए जाने वाले दो अलग-अलग अनुष्ठान हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार, नारायण बली पूजा मुख्यतः पूर्वजों की असंतुष्ट आत्माओं को मुक्त करने के लिए की जाती है, और नागबली पूजा को साँप को मारने के पाप को खत्म करने के लिए किया जाता है। ये दोनों अनुष्ठान केवल त्र्यंबकेश्वर मंदिर में ही की जाते है क्योंकि त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग अधिक पवित्र स्थान है, जहा शिवलिंग के रूप में तीन चेहरे भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान महेश का प्रतिनिधित्व करते है। नारायण नागबली पूजा वर्णन: नारायण नागबली अनुष्ठान के लिए सर्वप्रथम क्रमशः "देहशुद्धि विधी" और "प्रायश्चित्त विधी" शरीर को पवित्र बनाने के लिए की जाते है। "देहशुद्धि विधी" करने वाले "कुशावर्त कुंड" या "कुशावर्त तीर्थ" नामक पवित्र तालाब में स्नान करके नए वस्त्र प्रधान करते हैं, और अनुष्ठान करने वाले नागबली पूजा फल के प्राप्ति के लिए भगवान श्री शिवा की पूजा करते हैं। नारायण बली अनुष्ठान पितृ श्राप और पापों से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है।

  3. 3. नारायण बली पुजाके प्रकार • नारायण बली पुजा • नागबली पुजा • नारायण बली पुजा : • यदि कोई व्यक्ति का पीड़ित मृत्यु होता है, तो उस व्यक्ति की आत्मा भूत जीवन में प्रवेश करती है। यह नारायण बलि पूजा अनुष्ठान असंतुष्ट आत्माओ के मोक्ष के लिए की जाती है, जिससे जीवन का जन्म-मृत्यु चक्र की प्रगति होती है, और हमारे मृत, असंतुष्ट पूर्वजों के आत्माओ को मोक्ष मिलता है। • यह अनुष्ठान करते समय मृत व्यक्ति का "नाम" और "गोत्र" का उच्चार करना वर्जित है, इससे पूर्वजों के आत्माओ को पितृविहीन जीवन के रूप में भूत से मोक्ष की प्राप्ति होती है। • यह पूजा करने से, संबंधित व्यक्ति को पुर्वजो के आशिर्वाद से पारिवारिक खुशी, वित्तीय वृद्धि, शादी और आदि प्रकार के सुख (स्वास्थ्य, शिक्षा, मन की शांति और लंबे जीवन) की प्राप्ति होती है। नारायण बली अनुष्ठान किसी भी व्यक्ति को आनंदमय और स्वस्थ जीवन जीने का और सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति पाने का एक प्रभावी तरीका है।

  4. 4. नारायण बली पुजाके प्रकार • नागबली पुजा : • नागबली अनुष्ठान प्राथमिकतः सांप को मारने के पाप से मुक्ति पाने के लिए की जाती है। यदि कोई भी व्यक्ति सांप को मारने के पाप का भागीदार है, तो उसे बहुत समस्याओ का सामना करना पड़ता है, जैसे की संतति प्राप्ति, स्वास्थ संबंधित समस्याएं, आदि। • कहा जाता है की, कुल चौरासी लाख जीवन और उसके चार महत्वपूर्ण अंग प्राणी जीवन में होते है, सांप / कोब्रा जीवन भी उनमेसे ही एक है। मानवी जीवन और सांप जीवन एक दूसरे से संबंधित है, जैसे महाभारत में दर्शाया गया है। (जब भगवान ब्रह्मदेव ने सात तपस्वियो की निर्मिति की उनमे से तपस्वी कश्यप को दो पत्निया थी, जिनमे से पत्नी काद्रु ने सांप को जन्म दिया और पत्नी विनीता ने बाज़ पक्षी को जन्म दिया, यह दृश्य मानवी जीवन और सांप जीवन का संबंध प्रदर्शित करता है)।

  5. 5. नारायण नागबली पूजाविधी प्रथमः नारायण नागबली पूजा करने के लिए "प्रधान संकल्प" और न्यास लिया जाता है, उसके बाद में कलश पूजा , धुप, दिप और भगवान श्री विष्णु की पूजा की जाती है।प्रथम विधी के बाद, विष्णु तर्पण किया जाता है, जिसका अर्थ ये है की भगवान श्री ब्रह्मा , भगवान श्री विष्णु, भगवान श्री रूद्र, यमा और तत्पुरुषा की आराधना करना, उसके पहले पाँच देवताओं के जीवन को पाँच धातु मूर्तियोंमें स्थापित किया जाता है उसे हम "प्राणप्रतिष्ठा" कहते है । पूजा विधी करते समय प्राणप्रतिष्ठा , फिर अग्निस्थापन, पुरुषसूक्त हवन , एकादशा श्राद्ध , पंचदेवता श्राद्ध बलिदान , पलाश विधी , परं शर ,दशान्त कर्मकीये जाते है, उसके बाद एकोद्दिष्टा श्राद्ध, मासिक श्राद्ध, सपिण्डी श्राद्ध, नागबली प्रायश्चित्त संकल्प, नागदहन,अष्टबलिदान ऐसे विधी क्रमशः कीये जाते है।हिंदू परंपरा के अनुसार, नागबली पूजा करते समय एक दिन के लिए अनुष्ठान करने वाले को छूने की अनुमति नहीं है, उसे "अशौच" या "सूतक" कहते है। भगवान श्री गणेश की पूजा अंतिम रूप से अशुभता को समर्पित करने के लिए "स्वस्तिपुन्यवचन" के रूप में की जाती है। सांप की सुवर्ण मूर्ति की पूजा की जाती है और पुजारियों को दान दिया जाता है। अंतिम विधी त्र्यंबकेश्वर मंदिर में भगवान त्र्यंबकेश्वर की पूजा करके की जाती है, इस तरह नारायण नागबली पूजा भगवान शिवा और पंडितो के आशिर्वाद के साथ पूरी होती है।

  6. 6. नारायण नागबली पूजा के लाभ • हिंदू धर्म के अनुसार, अन्य सेवों की तुलना में पितृसेवा को अधिक महत्वपूर्ण स्थान है। यदि किसी व्यक्ति को अपने पितृ आत्मा के मुक्ति के लिए इस नारायण बली पूजा करता है, तो उन्हें अपने पूर्वजों का आशिर्वाद प्राप्त होता है।: • नारायण बली पूजा करनेकेसभीलाभ नीचे दिए गए हैं। • अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति। • पितृ दोष / शाप से छुटकारा। • पितृ दोष के हानिकारक प्रभावों को खत्म होना। • व्यवसाय और घरेलू इच्छाओ की पूर्ति। • संतान प्राप्ति संबंधित समस्याए दूर होना। • सांप के बुरे सपनों से छुटकारा। • मृत पूर्वजों द्वारा बनी समस्याएं दूर होना। • इस नागबलि अनुष्ठानों को करने वाले लोग सांप या कोबरा को मारने के पाप से मुक्त हो जाते हैं।

  7. 7. नारायण नागबली पूजा मूल्य • नारायण नागबली पूजा अनुष्ठान करने के लिए लगने वाला निधी निचे दिए गए मुद्दों पे निर्भर है। • कुल निधी मुख्यतः नारायण नागबली पूजा करने के लिए लगने वाले अवधी (जैसे २ दिन विधी, ३ दिन विधी) और पूजा में आवश्यक सामग्री, होम सामग्री और आदि पूजा प्रकार (ऑनलाइन / ऑफलाइन) पर निर्भर है।

  8. 8. CONTACT US त्र्यंबकेश्वर के पवित्र स्थान पर "पुरोहित संघ" संस्थान आपका स्वागत करता है।सभी भक्तों और प्रशंसकों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने का एकमात्र उद्देश्य रखकर "पुरोहित संघ" काम कर रहा है। नाम और रूप को आवश्यकता के अनुसार बदल कर यह संस्थान पिछले १२००वर्षों से काम कर रहा है, लेकिन अभी भी संस्था का उद्देश्य सभी भक्तों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए समान है। सभी अधिकृत पुरोहित, "पुरोहित संघ" संस्थान के लिए काम कर रहे हैं और वे ७०० साल पुराने शास्त्रों, छत्रपति शिवाजी महाराज द्धारा लेख, हस्तलेख, धर्मग्रंथ और अन्य क्षेत्रों के वैदिक, उद्योगपति, और प्रतिष्ठित व्यक्तियों की हस्तलेख के लिए एक विशिष्ट पहचान है। पता : श्री गंगा गोदावरी मंदिर, पहली मंजिल, कुशावर्त तीर्थ चौक,त्रिंबकेश्वर - 422212. जिला: नासिक (महाराष्ट्र)पंडितजी Contact Us:info@purohitsangh.org Website: www.purohitsangh.org

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