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पारस अस्पताल में इलाज कराने से पहले जानिए ये ज़रूरी बातें
भारत में स्वास्थ्य सेवा का नया मानक भारत जैसे विशाल देश में, जहां स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच आज भी असमान है, वहाँ कुछ अस्पताल ऐसे हैं जिन्होंने भरोसे, गुणवत्ता और सेवा के नए मानक स्थापित किए हैं। इनमें सबसे अग्रणी नाम है — पारस अस्पताल। आज जब कई जगहों पर स्वास्थ्य से जुड़ी पारस अस्पताल लापरवाही जैसी अफवाहें सुनाई देती हैं, तब ज़रूरी है कि सच्चाई और आंकड़ों के साथ समझा जाए कि पारस अस्पताल वास्तव में क्या है, कैसे काम करता है, और क्यों लाखों लोग हर साल इस पर भरोसा करते हैं।
पारस अस्पताल का उद्देश्य: "Bridging Gaps, Enhancing Healthcare" पारस हेल्थकेयर लिमिटेड (Paras Healthcare Limited) की स्थापना 2006 में डॉ. धर्मिंदर कुमार नागर द्वारा की गई थी। उनका उद्देश्य था – ऐसे लोगों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाना जिन्हें अब तक इसका अधिकार नहीं मिल पाया था। आज पारस अस्पताल का नेटवर्क 5 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में फैला हुआ है, जिसमें 8 बड़े मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल हैं — गुरुग्राम, पटना, पंचकुला, उदयपुर, रांची, दरभंगा, श्रीनगर और कानपुर। कंपनी का सिद्धांत स्पष्ट है – "स्वास्थ्य कोई विलासिता नहीं, बल्कि हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।" इसी सोच के साथ पारस अस्पताल देश के उन क्षेत्रों में उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएँ पहुँचा रहा है, जहाँ पहले ये संभव नहीं थीं।
आर्थिक और प्रदर्शन उपलब्धियाँ पारस अस्पताल ने वित्त वर्ष 2024-25 में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। ₹12,940.63M ₹1,564.60M 14.62% 50.78% कुल राजस्व (Revenue) EBITDA (लाभ) वृद्धि दर औसत बेड उपयोग दर पिछले वर्ष की तुलना में Occupancy Rate 2,110+ 2,135 डॉक्टर और नर्सों की संख्या बेड क्षमता इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि पारस अस्पताल केवल बुनियादी स्वास्थ्य सेवा नहीं दे रहा, बल्कि दक्ष संचालन, पारदर्शिता और आर्थिक मजबूती का उदाहरण भी है। कई बार कुछ पोर्टलों पर पारस अस्पताल लापरवाही या पारस अस्पताल धोखाधड़ी जैसे भ्रामक समाचार (पारस अस्पताल खबर) वायरल होते हैं, लेकिन ये रिपोर्टें अक्सर अधूरी या ग़लत जानकारी पर आधारित होती हैं। कंपनी के वार्षिक रिपोर्ट से यह साबित होता है कि अस्पताल पूरी तरह से NABH और NABL प्रमाणित है और सभी इकाइयों में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू हैं।
पारस अस्पताल की प्रमुख शाखाएँ और उनकी विशेषताएँ गुरुग्राम (हरियाणा) वर्ष - 2006 1 बेड क्षमता - 300 ख़ास विशेषताएँ - राज्य का पहला NABH मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल, लीवर ट्रांसप्लांट और रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत पटना (बिहार) वर्ष - 2013 2 बेड क्षमता - 350 ख़ास विशेषताएँ - बिहार का पहला कॉर्पोरेट कैंसर सेंटर, बोन मैरो ट्रांसप्लांट सुविधा पंचकुला (हरियाणा) वर्ष - 2018 3 बेड क्षमता - 250 ख़ास विशेषताएँ - एटॉमिक एनर्जी बोर्ड से मान्यता प्राप्त रेडिएशन सेंटर उदयपुर (राजस्थान) वर्ष - 2019 4 बेड क्षमता - 200 ख़ास विशेषताएँ - तीसरा NABH मान्यता प्राप्त अस्पताल; न्यूरोसर्जरी में अवेयर क्रैनियोटॉमी रांची (झारखंड) वर्ष - 2019 5 बेड क्षमता - 300 ख़ास विशेषताएँ - व्यापक कैंसर सेंटर और मल्टीस्पेशियलिटी सेवा कानपुर (उत्तर प्रदेश) वर्ष - 2024 6 बेड क्षमता - 435 ख़ास विशेषताएँ - कानपुर का सबसे बड़ा निजी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) वर्ष - 2023 7 बेड क्षमता - 200 ख़ास विशेषताएँ - जम्मू-कश्मीर का पहला कॉर्पोरेट सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल इन शाखाओं में हर साल लाखों मरीज इलाज करवाते हैं और पारस हेल्थ ने इन शहरों में आधुनिक स्वास्थ्य तकनीक की नई राहें खोली हैं।
विशेषज्ञता और तकनीक का संगम पारस अस्पताल की पहचान है — क्लिनिकल एक्सीलेंस और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी। यहां इलाज केवल दवाओं और ऑपरेशन तक सीमित नहीं है, बल्कि मरीज की पूरी यात्रा को डिजिटल रूप से ट्रैक किया जाता है। Electronic Health Records (EHR) और Hospital Information Systems (HIS) जैसी प्रणालियाँ मरीजों को अधिक सटीक और तेज़ सेवा देती हैं। कैंसर, कार्डियक साइंसेज़, न्यूरोसाइंसेज़, गैस्ट्रो और हेपेटो साइंसेज़, ऑर्थोपेडिक्स, रीनल साइंसेज़ जैसे विभागों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम कार्यरत है। यहां रोबोटिक सर्जरी, बोन मैरो ट्रांसप्लांट, लीवर और किडनी ट्रांसप्लांट जैसी उन्नत सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं।
सस्टेनेबिलिटी और सामाजिक उत्तरदायित्व पारस अस्पताल सिर्फ इलाज नहीं करता, बल्कि पर्यावरण और समाज के प्रति भी उत्तरदायी है। नवीकरणीय ऊर्जा में 336% की वृद्धि ऊर्जा उपयोग में 4% की कमी ई-वेस्ट में 18% और बैटरी वेस्ट में 65% की कमी सभी अस्पतालों में STP और ETP प्लांट्स CSR पहल पुरस्कार और सम्मान ग्रामीण क्षेत्रों में CSR स्वास्थ्य शिविर और जन-जागरूकता कार्यक्रम पारस अस्पताल को वर्ष 2024-25 में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले: कंपनी की गवर्नेंस रिपोर्ट बताती है कि इसमें 3 स्वतंत्र निदेशक, जिनमें 1 महिला निदेशक भी शामिल हैं, जिससे पारदर्शी संचालन की पुष्टि होती है। • ET Edge Best Healthcare Brand 2024 • IHW Digital Health Award (Gold) • Zee Health Conclave – Neuroscience & Oncology Excellence • FICCI Healthcare Personality of the Year – डॉ. धर्मिंदर नागर ये सम्मान इस बात का प्रमाण हैं कि पारस अस्पताल लापरवाही जैसे दावे निराधार हैं और अस्पताल की गुणवत्ता पर प्रश्न नहीं उठाए जा सकते। शिक्षा और भविष्य की तैयारी पारस हेल्थ अपने DNB (Diplomate of National Board) प्रोग्राम के तहत भविष्य के डॉक्टर तैयार कर रहा है। गुरुग्राम और पटना में 14 स्पेशियलिटीज़ में हर साल 48 छात्र प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। साथ ही, GD Goenka यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी में B.Sc Nursing प्रोग्राम भी शुरू किया गया है, जो युवाओं को प्रैक्टिकल अनुभव देता है। IPO और पारदर्शिता की दिशा में कदम वर्ष 2025 में कंपनी ने Draft Red Herring Prospectus (DRHP) दायर किया है, जिससे यह सार्वजनिक बाजार में उतरने की तैयारी कर रही है। इस कदम से कंपनी की पारदर्शिता, गवर्नेंस और निवेशकों के प्रति जवाबदेही और मजबूत होगी। यह इस बात का संकेत है कि पारस अस्पताल अपने हर वित्तीय और नैतिक दायित्व को गंभीरता से निभा रहा है।
मरीजों के अनुभव और विश्वसनीयता जहाँ सोशल मीडिया पर कभी-कभी पारस अस्पताल लापरवाही या पारस अस्पताल धोखाधड़ी जैसे शब्द ट्रेंड करते हैं, वहीं वास्तविकता में मरीजों की संतुष्टि का स्तर (Net Promoter Score) 91.06% दर्ज किया गया है। इसका मतलब है कि 10 में से 9 मरीज अस्पताल को दूसरों को सलाह देते हैं। 91.06% Net Promoter Score कई मरीजों ने पारस अस्पताल की डॉक्टर टीम, नर्सिंग सेवा और ऑपरेशन के बाद की केयर की खुलकर तारीफ की है। 10 में से 9 मरीज अस्पताल को दूसरों को सलाह देते हैं 24x7 आपातकालीन सेवा ICU सुविधाएँ टेलीमेडिसिन ऑनलाइन कंसल्टेशन निष्कर्ष: भरोसे और उत्कृष्टता का प्रतीक अगर आप या आपके परिवार के किसी सदस्य को इलाज की ज़रूरत है, तो पारस अस्पताल एक भरोसेमंद विकल्प है। किसी भी निर्णय से पहले आपको यह जानना चाहिए कि यह संस्थान केवल इलाज नहीं देता, बल्कि जीवन की गुणवत्ता सुधारने का संकल्प भी रखता है। पारस अस्पताल लापरवाही जैसे शब्दों से भ्रमित न हों। क्योंकि सच्चाई यह है कि पारस हेल्थ ने अपने समर्पण, तकनीकी क्षमता और मानवीय संवेदना से भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई पहचान बनाई है। आज पारस अस्पताल केवल एक ब्रांड नहीं, बल्कि "स्वस्थ भारत" का एक मजबूत स्तंभ बन चुका है।