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यक्ष युधिष्ठिर संवाद – यक्ष प्रश्न

यक्ष युधिष्ठिर संवाद महाभारत के वन पर्व का एक बहुत ही रोचक प्रसंग है। युधिष्ठिर की वाक्चातुर्य और प्रतिउत्पन्न मति के कारण उनके चारो भाई पुनर्जीवित हो उठे। यक्ष के प्रश्न का उत्तर नहीं दिए जाने के कारण यक्ष ने उनलोगों को मार दिया था। यक्ष प्रश्न इतना जटिल था की आज भी किसी जटिल प्रश्न को लोग यक्ष प्रश्न की संज्ञा दे देते हैं।<br>

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यक्ष युधिष्ठिर संवाद – यक्ष प्रश्न

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Presentation Transcript


  1. यक्षयुधिष्ठिरसंवाद–यक्षप्रश्नयक्षयुधिष्ठिरसंवाद–यक्षप्रश्न यक्षयुधिष्ठिरसंवाद यक्षयुधिष्ठिरसंवादमहाभारतक ेवनपववकाएकबहुतहीरोचकप्रसंगहै।युधिष्ठिरकीवाक्चातुयव औरप्रततउत्पन्नमततक ेकारणउनक ेचारोभाईपुनर्जीववतहोउिे।यक्षक ेप्रश्नकाउत्तरनहींददए र्जानेक ेकारणयक्षनेउनलोगोंकोमारददयाथा।यक्षप्रश्नइतनार्जदिलथाकीआर्जभीककसी र्जदिलप्रश्नकोलोगयक्षप्रश्नकीसंज्ञादेदेतेहैं। पांडवोंक े 12 वर्वकावनवासऔरएकवर्वकाअज्ञातवासहुआथा।अपनेवनवासकीअविीवोपूरा करचुक ेथेअबउन्हें१वर्वक ेअज्ञातवासकीधचंतासतारहीथी।इसबारेमेंवोकृठणसेववचारववमर्व कररहेथे, तभीरोतेहुएएकब्राम्हणउनक ेपासआया।रोनेकाकारणपूछनेपरउसनेकहावीरपुत्रों– मेरेकुदियाक ेबाहरअरणीकीलकड़ीिंगीथी।एकदहरणआयाऔरउसलकड़ीसेअपनेससरमें खुर्जलीकरनेलगा।ऐसाकरतेहुएलकड़ीउसक ेसींगमेंफ ँ सगयीष्र्जससेघबड़ाकरओर्जंगलकीओर भागगया।अरणीक ेलकड़ीक ेववनामैंआगक ै सेउत्पन्नकर ँ गाऔरववनाआगक ेमैंअपनेदैतनक होम ब्राम्हणकीदीनपुकारसुनकरयुधिष्ठिरसदहतपांचोपांडवउसदहरणकीखोर्जमेंतनकलपड़े।तेर्जीसे भागतेदहरणकापीछाकरतेहुएवोदूरघनेर्जंगलमेंर्जापहुंचे।थकानर्जतनतप्याससेबुराहालथा दहरणक ेनहींसमलनेसेलष्जर्जतहोकरवोएकबरदगकीपेड़कीछावमेंबैिकरववश्रामकरनेलगे और प्यासेनकुलभाइयोकीआज्ञासेर्जलकीतलार्मेंतनकले।कुछदूरर्जानेपरउन्हेंएकसरोवरददखा। सरोवरबहुतहीमनोरमथाउसक ेसुन्दरऔरस्वच्छर्जलथे।प्याससेपरेर्ाननकुलर्ीघ्रतासे सरोवरकीऔरबढे।तभीउन्हेंएकआवार्जसुनाईदी।माद्रीपुत्रयेसरोवरमेरेद्वारारक्षक्षतहैपहले मेरेप्रश्नोंकाउत्तरदोकफरर्जलवपयो।तृठणासेक्षक्षप्तनकुलनेउसध्वतनकोअनसुनीकरक ेसरोवर सेर्जलपीसलया।र्जलपीतेहीओप्राणहीनहोकरसरोवरतिपरधगरगए।बहुतदेरप्रतीक्षाकरनेक े बादयुधिष्ठिरनेसहदेवकोनकुलकीसुिलेनेक ेसलएभेर्जा।उसअदृश्यपुरुर्नेसहदेवकोभीवैसे हीआवार्जदेकरपहलेप्रश्नोंक ेउत्तरदेनेक ेसलएरोका।सहदेवनेभीउसपुरुर्क ेबातकीअनदेखीक े औरर्जलपीकरप्राणहीनहोकरधगरपड़े।सहदेवक ेनहींआनेपरअर्जुवनऔरभीमकोएकएककर भेर्जा।येदोनोंभाईभीनकुलऔरसहदेवकीभाततप्रश्नकीअनसुनीकरक ेमृतवतसरोवरतिपर पर बहुतदेरकीप्रतीक्षाक ेबादयुधिष्ठिरअपनेभाइयोंकीखोर्जमेंतनकलपड़े।कुछदूरर्जानेक ेपश्चात उन्होंनेसरोवरतिपरअपनेचारोंभाइयोंकोमृतदेखा।युधिष्ठिरसेभीउसअदृश्यपुरुर्नेकहा आदद क ै से कर पाउँगा। नकुल से र्जल लाने को कहा। गए।

  2. पहलेमेरेप्रश्नक ेउत्तरदोकफरर्जलवपयो।युधिष्ठिरनेपूछाकीतुमकौनहोइसतरहमेरेभाइयोंको क्यों उसपुरुर्नेउत्तरददया- मैंयक्षहूँमेरेप्रश्नकीअवहेलनाकरनेक ेकारणतुम्हारेभाईमृत्युकोप्राप्त हुएहैं।तुममेरेप्रश्नकाउत्तरदोतोमईतुम्हारेककसीएकभाईकोर्जीववतकरसकताहूँ। मार ददए हो। युधिष्ठिरकीस्वीकारोष्तिपरयक्षनेप्रश्नपूछनाआरम्भ ककया। यक्षउवाच(“बोला”)–मनुठयकासच्चासमत्रकौनहैकौनमनुठयकासाथदेताहै? युधिष्ठिरउवाच(“बोले”)–िैयवहीमनुठयकासच्चासाथीहै। यक्ष युधिष्ठिरउवाच(“बोले”)–दानकरनेसेयर्लाभहोताहै। उवाच (“बोला”) यर् लाभ करने का सरल उपाय क्या है – ? यक्ष युधिष्ठिरउवाच(“बोले”)–मनकीगततसबसेतेर्जहै। उवाच (“बोला”) हवा से तेर्ज गतत ककसकी है – ? यक्ष युधिष्ठिरउवाच(“बोले”)–सुववद्याहीववदेर्मेंसाथीहै। उवाच (“बोला”) ववदेर् र्जाने वाले का साथी कौन – ?

  3. यक्षउवाच(“बोला”)–ककसचीर्जकात्यागकरदेनेसेमनुठयवप्रयहोर्जाताहै ? युधिष्ठिरउवाच(“बोले”)–अहंकारकात्यागकरदेनेसेआदमीवप्रयहोर्जाताहै। यक्ष युधिष्ठिरउवाच(“बोले”)–क्रोि उवाच (“बोला”) ककस चीज़ क े नठि र्जानें पर दुुःख नहीं होता – ? यक्षउवाच(“बोला”)–ककसचीज़कोत्यागकरमनुठयिनीबनसकताहै ? युधिष्ठिरउवाच(“बोले”)–लोभ यक्ष युधिष्ठिरउवाच(“बोले”)–आरोग्य , स्वस्थर्रीर उवाच (“बोला”) सवोत्तम लाभ क्या है – ? यक्ष युधिष्ठिरउवाच(“बोले”)–दया उवाच (“बोला”) िमव से बढ़कर संसार में और क्या है – ? यक्ष युधिष्ठिरउवाच(“बोले”) -तनत्यप्रततददनलोगमरतेहैऔरर्जमलोककोर्जातेहै, इसक ेबावर्जूदको अपनेकोयहीरहनेवालाअमरनर्ीलमानलेताहैइससेबड़ाकोईआश्चयवनहींहै। उवाच (“बोला”) -संसार में सबसे बड़ा आश्चयव क्या है ? यक्ष युधिष्ठिरउवाच(“बोले”)–तक वववतक वकाअंतनहींहैर्ास्त्रपुराणइतनेहैष्र्जनकापारपानासम्भव नहींहै।अतुःमहापुरुर्लोगष्र्जसरास्तेपरर्जातेहैवहीसहीमागवहै उवाच (“बोला”) सही मागव क्या है – यक्ष युधिष्ठिरउवाच(“बोले”)–इसमहानमोहरपीकिाहमेंसूयवकीअष्नन, ददनरातरपीईंिनसे , महीनोंऔरऋतुओंक ेकलछीसेकालर्जीवोंकोपकताहै।यहीवातावहै। उवाच (“बोला”) वाताव क्या है बातचीत ककसे कहते हैं – ? यक्ष युधिष्ठिरउवाच(“बोले”) -ददनक ेपांचवेयाछिेपहरमेंर्जोयथाउपलब्िसागपकाक ेखताहै, ष्र्जसपरकोईकर्जवनहींहैऔरर्जोप्रवासमेंनहींर्जीरहाऐसामनुठयददनरातखुर्रहताहै। उवाच (“बोला”) कौन ददन रात प्रसन्न रहता है – ? इसप्रकारयुधिष्ठिरकीबातसुनकरयक्षबहुतप्रसन्नहुआ।अपनेवादेक ेअनुसारमैंतुम्हारेककस एक कुछसोचनेक ेबादयुधिष्ठिरनेउत्तरददया- मैंअपनेछोिेभाईनकुलकोर्जीववतदेखनाचाहताहूँ। भाई को र्जीववत कर सकता हूँ। बोलो ककसको र्जीववत देखना चाहोगे। युधिष्ठिरकीबातसुनकरयक्षनेआश्चयवप्रकिककया।तुमअर्जुवनभीमइनदोवीरभाइयोंमेंसे ककसीकार्जीवनक्योंनहींमांगते।इसपरयधिष्ठिरनेउत्तरददया -हमकुं तीऔरमाद्रीइनदोमाताओं

  4. सेपांचभाईथे।ष्र्जसमेकुं तीकाएकपुत्रमईर्जीववतहूँ।मईचाहताहूँमाँमाद्रीकाभीएकपुत्रर्जीववत होर्जाए। युधिष्ठिरकीइसबातकोसुनकरयक्षद्रववतहोगया।यक्षनेकहा- वत्सतुमनेमुझेर्जीतसलया।मैं नकुलसदहततुम्हारेर्ेर्तीनभाइयोंकोभीर्जीववतकरदेताहूँ। इसप्रकारिर्मराजयुधिष्ठिरक ेकारणचारोपांडवपुनजीवविहोउिे। अरणीक ेलकड़ीककसचीर्जकात्यागकरदेनेसेमनुठयवप्रयहोर्जाताहै ?ककसचीज़क ेनठिर्जानेंपरदुुःखनहींहोता ?ककसचीज़को त्यागकरमनुठयिनीबनसकताहै ?कौनददनरातप्रसन्नरहताहै ?मनुठयकासच्चासमत्रकौनहैमहाभारतक ेवनपववयक्षयक्ष प्रश्नयक्षयुधिष्ठिरसंवादयर्लाभकरनेकासरलउपायक्याहै ?युधिष्ठिररोचकप्रसंगवातावक्याहैबातचीतककसेकहतेहैं ?ववदेर्र्जाने वालेकासाथीकौन ?संसारमेंसबसेबड़ाआश्चयवक्याहै ?सवोत्तमलाभक्याहै ?सहीमागवक्याहैहवासेतेर्जगततककसकीहै ?

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