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गुरु नानक जन्मोत्सव गुरुपर्व (“14 november 2016”) गुरुपर्व के रूप में जाना जाता है, सिख धर्मावलंबियों का प्रकाश उत्सव है। यह पहले सिख गुरु, गुरु नानक के जन्म का उत्सव है। [3] सिख धर्म में सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है।
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गुरुनानकजयंती गुरूनानकजन्मोत्सवगुरूपवव(“14 november 2016”) गुरूपववक ेरृपमेंजानाजाताहै, ससख धमाववलंबियोंकाप्रकाशउत्सवहै।यहपहलेससखगुरू, गुरूनानकक ेजन्मकाउत्सवहै। [3] ससख धमवमेंसिसेपववत्रत्योहारोंमेंसेएकहै। ससखधमवक ेअनुयाययओंमेंउत्सवमुख्यतः 10 ससखगुरूओंकीवर्वगााँठक ेइर्वगगर्वघूमताहै।येसभी गुरूससखोंक ेववश्वासोंकोआकारर्ेनेक ेसलएजजम्मेर्ारथे।उनक ेजन्मदर्न, गुरपुरि (यागुरूपवव) क े रृपमेंजानाजाताहै, ससखोंक ेिीचमेंप्राथवनाऔरउत्सवक ेसलएखासअवसरहै।ससखधमवक े संस्थापकगुरूनानककाजन्मपाककस्तानक ेवतवमानशेखुपुराजजलेमेंराय-भोई-र्ीतलवंडीमें 15 अप्रैल, 1469 [3] कोहुआथाजजसेअिननकानासादहिक ेनामसेजानाजाताहै।उनकाजन्म
उत्सवकायतवकपूर्णवमाकोमनायाजाताहै, ग्रेगोररयनक ै लेंडरमेंयहकायतवकक ेमहीनेमेंपूर्णवमाका दर्नहै।यहउत्सवआमतौरपरनवंिरक ेमहीनेमेंहोताहैलेककनइसकीतारीखभारतीयक ै लेंडरक े पारंपररकयतगथयोंपरआधाररतहै, सालर्रसालिर्लतारहताहै।यहभारतमेंएकराजपबत्रत अवकाशहै। गुरुनानकजन्मोत्सवगुरुपवव उत्सवआमतौरपरसभीगुरपुरिइसीतरहकीहै; क े वलभजनअलगहैं।समारोहआमतौरपरप्रभात फ े रीक ेसाथशुरृहोताहै।प्रभातफ े रीसुिहगुरूद्वारोंपरजुलूससेशुरृहोऔरिजस्तयोंमेंभजन गायनसेचारोंओरआगेिढ़ताहै।आमतौरपरजन्मदर्नसेपहलेर्ोदर्न, अखंडपथ (एक अड़तालीसघंटे (ससखोंक ेपववत्रपुस्तक) गुरूग्रंथसादहिकीअववरामपाठगुरूद्वारेमेंआयोजजत ककयाजाताहै।
जन्मदर्नसेपहलेदर्न, एकजुलूसक ेरृपमें , नगरकीतवनयनकलताहै।यहजुलूसपंजपयरस (पांच वप्रयलोगों) क ेनेतृत्वमेंहै।वेससखझंडा, यनशानसादहिऔरगुरूग्रंथसादहिकीपालकी (डोली) क े रृपमेंजानाजाताहैलेजानेक ेजुलूसकानेतृत्वकरतेहै।इसमेंपीतलिैंडसेववसभन्नधुनोंिजाये जातेहैं।‘गतका’ टीमववसभन्नमाशवलआटवक ेमाध्यमसेऔरपारंपररकहगथयारोंकाउपयोगनकली लड़ाईक ेरृपमेंउनकीतलवारप्रर्सशवतकरतेहैं।इसववशेर्अवसरक ेसलए, िैनरऔरझंडेतथा फाटकोंकोसजायाजाताहैऔरइन्हेंफूलोंक ेसाथकवरककयाजाताहै। गुरपुरिक ेदर्न, समारोहसुिहमें 4 से 5 िजेशुरृहोताहै।दर्नक ेइससमयअमृतवेलाक ेरृपमें जानाजाताहै।दर्नआसा-र्ी-वार (सुिहभजन) क ेगायनक ेसाथशुरृहोताहै।इसभजनगायनक े िार्कथाकाभीसंयोजनककयाजाताहै।इसक ेिार्लंगरकाआयोजनककयाजाताहै, लंगरएक र्ोपहरकाववशेर्समुर्ायभोजनहै, जोस्वयंसेवकोंद्वारागुरूद्वारोंमेंआयोजजतककयाजाताहै। मुक्तसांप्रर्ाययकर्ोपहरक ेभोजनक ेपीछेववचारयहहैककहरकोई, जायत, वगवयापंथकीपरवाह ककएिगैर, [9] खाद्यसेवा (सेवा) औरभजक्त (भजक्त) कीभावनामेंकीपेशकशकीजानीचादहए। कुछगुरूद्वारोंमेंरातप्राथवनासत्रकाभीआयोजनककयाजाताहै।इसकीशुरृआतसूयावस्तक े आसपासशुरृरहरास (शामक ेप्राथवना) पाठसेशुरृहोतीहै।मण्डलीद्वारारातमें 01:20 िजेगुरिानी गानाशुरृहोताहैजजसेगुरूनानककाजन्मसमयभीमानाजाताहै।समारोहकालगभग 2 िजे समापनहोताहै। गुरूनानकगुरपुरिपूरीर्ुयनयामेंससखसमुर्ायद्वारामनायाऔरससखक ै लेंडरमेंसिसेमहत्वपूणव त्योहारोंमेंसेएकहै।समारोहमेंपंजाि, हररयाणाऔरचंडीगढ़मेंववशेर्रृपसेरंगीनमाहौलिना र्ेताहै।यहांतककककुछससंधीभीइसत्योहारकोमनातेहैं। गुरूनाकजन्मोत्सवगुरूपववगुरूनानकजयंती