90 likes | 104 Views
"The love problem solution specialist astrologers solve the issues of hundreds of clients every day. People suffer from messed-up heartbreaks, frequent marriage problems, cases of lost love, and messed-up relationships of love. The growing aspirations and expectations rise the love issues dramatically.
E N D
Best Astrologist in Tricity Best astrologer in Tricity Gurvinder Shastri provides best solutions for Love, Marriage , Business, Career , Black magic problems through pooja and rituals.
महामृत्युंजय पाठ भगवान शिव क े ‘महामृत्युंजय मुंत्र’ सववदोष नािक मुंत्र है।बीमारी हो या दयर्वटना आशद से मृत्य का भय यह मुंत्र सब दूर करता है।इसका जाप िारीररक एवुं मानशसक पीडा को भी दूर करता है। इस शिव मुंत्र जाप से िरीर रक्षा क े साथ बयद्धि, शवद्या, यि और लक्ष्मी भी बढ़ती है। पूरे श्रावण मास में इसका जाप कभी भी कर सकते है। ज्योशतषी असाध्य रोगोुं, मृत्यपरक कष्ोुं और अचानक आने वाली शवपदाओुं से बचने क े शलए महामृत्युंजय मुंत्र का जप करना ही सववश्रेष्ठ बताते हैं। शियजनोुं क े शवयोग, भाई बुंधयओ से शवद्रोह, कलुंक, धनाभाव, कोटव-कचहरी क े मयक़दमे आशद कष्ोुं में यह मुंत्र बहूत ही कारगर है। शववाह मेल में लडक े और लडकी क े नाडी दोष, भक ू ट दोष और माुंगशलक दोष शनवारण में भी यह उपयोगी है।
नवग्रह शाुंति पाठ ज्योशतष िास्त्र क े अनयसार सौर मुंडल में द्धथथत 9 ग्रहोुं को नवग्रह की सुंज्ञा दी गयी है, शजस िकार ब्रह्ाुंड में होनी वाली हलचल का िभाव पृथ्वी पर पडता है, चन्द्रमा क े िभाव से समयद्र में ज्वार -भाटे आते है ठीक उसी िकार से सौर मुंडल में द्धथथत ग्रहोुं का मावन जीवन पर सीधे-सीधे िभाव पडता है नवग्रह सूयव ,िशन ,ियक्र, ब्रहस्पशत ,चुंद्रमा, बयध ,मुंगल ,राहृ और क े तय शकसी भी जातक की क युं डली में सकारात्मक और नकारात्मक दोनोुं िभाव शदखाते है, जातक की लग्न क युं डली में शक कौन सा गृह कौन से भाव में बैठा है, क युं डली में नकारात्मक िभाव देने वाले ग्रहोुं को ही गृहदोष कहा जाता है ।
वास्तय पूजा वास्तय िाद्धि क े शलए अनयष्ठान, भूशम पूजन, नीुंव खनन, क य आुं खनन, शिलान्रास, द्वार थथापन व गृह िवेि आशद अवसरोुं पर वास्तय देव पूजा का शवधान है। र्र क े शकसी भी भाग को तोड कर दोबारा बनाने से वास्तय भुंग दोष लग जाता है। इसकी िाुंशत क े शलए वास्तय देव पूजन शकया जाता है। इसक े अशतररक्त भी यशद आपको लगता है शक शकसी वास्तय दोष क े कारण आपक े र्र में कलह, धन हाशन व रोग आशद हो रहे हैं तो आपको नवग्रह िाुंशत व वास्तय देव पूजन करवा लेना चाशहए। शकसी ियभ शदन या रशव पयण्य योग को वास्तय पूजन कराना चाशहए।
गुंडमूल शाुंति पाठ ज्योशतष िास्त्र में गुंडमूल नक्षत्रोुं को दोषकारी माना जाता है। वैशदक ज्योशतष क े अनयसार जब शकसी शििय का जन्य गण्डमूल नक्षत्र में हो तो इसको गुंडमूल दोष कहा जाता है। इसक े कारण बालक और उसक े माता-शपता एवुं भाई-बशहनोुं क े जीवन पर कष्कारी िभाव पडता है इसशलए इस नक्षत्र में पैदा हूए शििय और उसक े पररजनोुं की भलाई क े शलए गुंडमूल िाुंशत क े उपाय कराना अशत आवश्यक है। इसे शकसी शवद्वान तथा योग्य पुंशडत द्वारा ही करवाना चाशहए शजसे मूल िाुंशत कराने का पूणव ज्ञान हो। ज्योशतष क े अनयसार नक्षत्र, लग्न और राशि क े सुंशध काल को अियभ माना जाता है और गुंड मूल नक्षत्र सुंशध नक्षत्र होते हैं, इसशलए जातक पर इसक े अियभ िभाव पडना स्वाभाशवक है। ये नक्षत्र मेष, कक व , शसुंह, वृशिक, धनय व मीन रािी क े आरम्भ व अुंत में आते हैं। काल पयरूष चक्र क े अनयसार इन राशियोुं का िभाव जातक क े िरीर, मन, बयद्धि, आयय, भाग्य आशद पर पडता है और गुंडमूल का िभाव भी इन्ीुंक े ऊपर देखने को शमलता है।
कालसपप दोष तनवारन पूजा क य ण्डली में राहू और क े तय की शविेष द्धथथशत से बनने वाले योग को कालसपव दोष कहते है, यह एक ऐसा योग है जो जातक क े पूवव जन्य क े शकसी जर्न्र अपराध क े दुंड या श्राप क े फलस्वरृप उसकी क युं डली में बनता है ।वैसे तो कालसपव दोष िाुंशत की पूजा करने का अचूक काल सावन माह क े ियक्ल पक्ष की पुंचमी नाग पूजा का शविेष काल कहा गया है, और अगर कोई जातक इस शदन कालसपव दोष शनवारण करता हैं तो उसका दोष नष् हो ही जाता हैं । ज्योशतष िास्त्र क े अनयसार पुंचमी शतशथ क े देवता िेषनाग हैं । इसशलए यह शदन बहूत ियभ फल देने वाला माना जाता है । नागपुंचमी क े शदन कालसपव दोष िाुंशत क े शलए नाग और शिव की शविेष पूजा और उपासना जीवन में आ रही समस्त िारीररक, मानशसक और आशथवक परेिाशनयोुं और बाधाओुं को दूर कर सयखी और िाुंत जीवन की राह आसान बना देती हैं
मााँ बगलामयखी पाठ देवी क े दस महाशवद्या स्वरूप में से एक स्वरूप मााँ बगलामयखी का है. इन्ें पीताम्बरा और ब्रह्ास्त्र भी कहा जाता है. ये स्वयुं पीली आभा से ययक्त हैं और इनकी पूजा में पीले रुंग का शविेष ियोग होता है. इनको स्तम्भन िद्धक्त की देवी माना जाता है. सौराष्र में िकट हूये महातूफ़ान को िान्त करने क े शलये भगवान शवष्णय ने तपस्या की थी और इसी तपस्या क े फलस्वरूप मााँ बगलामयखी का िाकट्य हूआ था. ित्रय और शवरोशधयोुं को िाुंत करने क े शलये तथा मयकदमे में शवजय क े शलये इनकी उपासना अचूक है| इनकी पूजा तुंत्र की पूजा है अतः शबना शकसी गयरू क े शनदेिन क े नही करनी चाशहए|
About Us A Renowned Astrologer based out at TRICITY Chandigarh. ॐ हौुं जूुं सः ॐ भूभयववः स्वः ॐ त्र्यम्बक ुं यजामहे सयगद्धधुं पयशष्वधवनम् उवावरूकशमव बधनान्यृ त्ोमयवक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भयवः भूः ॐ सः जूुं हौुं ॐ। ASTROLOGER Problem solution, Business Problem Solution, Job Or Career Problem solution,Health Problem Solution, Black magic problem solution. Astrologer Gurvinder Shastri also a Specialist in Gurvinder Shastri Marriage Solution, childless provides services of Problem Love Solution, Love महामृत्युंजय पाठ , नवग्रह िाुंशत पाठ , मााँ बगलामयखी पाठ , गुंडमूल िाुंशत पाठ , गायत्री जप पूजा , काल भैरव पूजा , कालसपव दोष शनवारन पूजा , मुंगल दोष शनवृशि पूजा , नक्षत्र पूजा , रूद्राशभषेक पूजा , सुंतोषी माता पूजा ,सरस्वती पूजा , सयुंदरकाुंड पाठ , वास्तय पूजा| Astrologer Gurvinder Shastri will help you with solutions to the above-mentioned doosh.
Thank you Phone (WA/CALL) :- 7206235104 Email ID :- gurvindershastri@gmail.com Mon - Sun 8:00AM - 10:00PM