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Explore Class 9 Hindi Chapter 8 "u0935u093eu0916" with summary, meanings, and questionsu2013answers for clear understanding and revision.
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वाख “वाख” महादेवीवमा?कीएकमा?म?कक?वताहैजोजीवनकीक्षणभंगुरताकोदशा?तीहै।क?वतामेंजीवन कोसपनेकीतरहक्षणभंगुर, कमलक ेपत्तेपर?टकीहुईओसकीबूंदोंजैसानाशवानबतायागयाहै। समयका?नरंतरप्रवाहऔरउसकीअनवरतग?तजीवनकोप्रभा?वतकरतीहै, इसतथ्यकोक?वतामें सुंदरतासेव्यक्त?कयागयाहै।क?वतामेंजीवनमेंअथ?औरउद्देश्यकीखोजकीभीझलक?मलतीहै, मनुष्यमृत्युकीअ?निश्चतताक ेसामनेजीवनमेंअथ?खोजनेकाप्रयासकरताहै, यहतथ्यभीक?वता मेंउजागरहुआहै। “वाख” मेंसरलऔरसहजभाषाकाप्रयोग?कयागयाहै, िजससेपाठकआसानीसे क?वताक ेभावकोग्रहणकरसकतेहैं।यहक?वतापाठकोंकोजीवनक ेक्षणभंगुरताकोसमझनेऔर वत?मानक्षणकोसराहनेक े?लएप्रे?रतकरतीहै। प्रश्न- अभ्यास 1. ‘रस्सी’ यहाँ?कसक े?लएप्रयुक्तहुआहैऔरवहक ै सीहै? उत्तर : क?वतामें ‘रस्सी’ कीप्रकृ?तकोअत्यंतनाजुकऔरक्षणभंगुरबतायागयाहै।यहएकऐसीचीजहैिजसे हमअपनेहाथोंमेंनहींरखसकतेऔरजो?कसीभीक्षणटूटसकतीहै।यहजीवनकीअ?निश्चतताऔर मृत्युकी?निश्चतताकीओरइशाराकरताहै। 2. कव?यत्रीद्वारामुिक्तक े?लए?कएजानेवालेप्रयासव्यथ?क्योंहोरहेहैं? उत्तर : “वाख” क?वतामेंकव?यत्रीद्वारामुिक्तक े?लए?कएजारहेप्रयासव्यथ?प्रतीतहोनेक ेकईकारणहैं। सबसेमहत्वपूण?कारणउनकीआंत?रकअिस्थरताहै।कव?यत्रीखुदकोएककच्ची?मट्टीक ेबत?नकी तरह?च?त्रतकरतीहैं, जोआसानीसेटूटसकताहै।यहउनकीआंत?रककमजो?रयों, अशां?तऔर अिस्थरताकोदशा?ताहै।उनकीमनःिस्थ?तअभीपूरीतरहसेिस्थरनहींहै, उनक ेमनमेंअभीभीकई तरहकीबेचै?नयाँ, भयऔरआसिक्तयाँहैंजोउन्हेंमुिक्तक ेमाग?परिस्थररहनेसेरोकतीहैं।बचपन कीबेचै?नयाँऔरउथल-पुथलभीउनकीआंत?रकशां?तमेंबाधाबनरहीहैं। 3. कव?यत्रीका ‘घरजानेकीचाह’ सेतात्पय?है? उत्तर :
“वाख” क?वतामें ‘घरजानेकीचाह’ एकगहराआध्याित्मकअनुभवहै।यहकव?यत्रीकीआंत?रकयात्रा काप्र?त?न?धत्वकरतीहै, िजसमेंवहअपनेवास्त?वकस्वरूपकोखोजनेऔरएकउच्चतरसत्यक ेसाथ जुड़नेकाप्रयासकरतीहै। 4. भावस्पष्टकीिजए- (क) जेबटटोलीकौड़ीनपाई। (ख) खा-खाकरकुछपाएगानहीं, नखाकरबनेगाअहंकारी। Certainly! Here’s the answer in Hindi: “जेबटटोलीकौड़ीनपाई।” इसपंिक्तमेंकव?यत्रीनेगहरा?नराशाव्यक्तकीहै।उन्होंनेअपनेजीवनमेंसं?चतधन-दौलत, भौ?तक सुखोंऔरसांसा?रकउपलि?धयोंको ‘जेब’ कीसंज्ञादीहै।इस ‘जेब’ कोखंगालनेपरउन्हेंकोईसच्ची संतुिष्टयाआंत?रकशां?तनहीं?मली। “खा-खाकरकुछपाएगानहीं, नखाकरबनेगाअहंकारी।” इसपंिक्तमेंजीवनमेंसंतुलनकामहत्वबतायागयाहै। ‘खाना’ यहांक े वलभोजनहीनहीं, बि?क जीवनक ेभोगों, सुखोंकाप्रतीकहै।अ?धकभोग-?वलासमें?लप्तरहनेसेभीसंतुिष्टनहीं?मलती, वहीं पूण?त्यागभीअहंकारकोजन्मदेताहै।इसप्रकार, क?वतासंतु?लतजीवनजीनेकासंदेशदेतीहै। 5. बंदद्वारकीसाँकलखोलनेक े?लएललद्यदनेक्याउपायसुझायाहै? उत्तर : ललद्यदने “वाख” मेंबंदद्वारकीसाँकलखोलनेक े?लएसंतुलनकामाग?सुझायाहै।नतोअ?धकभोग औरनहीपूण?त्याग, बि?कदोनोंक ेबीचएकमध्यमाग?अपनानाआवश्यकहै।इससंतुलनसेहीमन शांतहोताहै, सांसा?रकबंधनटूटतेहैंऔरआंत?रकद्वारखुलताहै। 6. ईश्वरप्रािप्तक े?लएबहुतसेसाधकहठयोगजैसीक?ठनसाधनाभीकरतेहैं, ले?कनउससेभीलक्ष्य प्रािप्तनहींहोती।यहभाव?कनपंिक्तयोंमेंव्यक्तहुआहै ?
उत्तर : “जेबटटोलीकौड़ीनपाई।”इसपंिक्तसेयहपताचलताहै?ककव?यत्रीनेधन-दौलतऔरभौ?तकसुखों मेंबहुतकुछखो?दयाहै। “खा-खाकरकुछपाएगानहीं, नखाकरबनेगाअहंकारी।”इसपंिक्तसेयहपताचलताहै?कक े वल भोग-?वलासमें?लप्तरहनेसेभीईश्वरप्रािप्तनहींहोती। 7. ‘ज्ञानी’ सेकव?यत्रीक्याअ?भप्रायहै? उत्तर : आध्याित्मकज्ञान: “ज्ञानी” संभवतःउसव्यिक्तकोसंद?भ?तकरताहैिजसनेआत्मज्ञानप्राप्तकर?लया है, िजसनेअपनेभीतरकीओरदेखाहैऔरसत्यकोजान?लयाहै। जीवनअनुभव: “ज्ञानी” उसव्यिक्तकोभीसंद?भ?तकरसकताहैिजसनेजीवनक ेअनुभवोंसेबहुतकुछ सीखाहै, िजसनेजीवनक ेउतार-चढ़ावदेखेहैंऔरउनसेसबकसीखेहैं। आंत?रकशां?त: “ज्ञानी” वहव्यिक्तभीहोसकताहैिजसनेआंत?रकशां?तप्राप्तकरलीहै, िजसनेअपने मनकोशांत?कयाहैऔरमोह-मायासेमुक्तहोगयाहै। रचनाऔरअ?भव्यिक्त 8. हमारेसंतो, भक्तोंऔरमहापुरुषोंनेबार-बारचेतायाहै?कमनुष्योंमेंपरस्पर?कसीभीप्रकारकाकोई भेदभावनहींहोता, ले?कनआजभीहमारेसमाजमेंभेदभाव?दखाईदेताहै- (क) आपकीदृिष्टमेंइस कारणदेशऔरसमाजकोक्याहा?नहोरहीहै ? (ख) आपसीभेदभावको?मटानेक े?लएअपनेसुझाव दीिजए। उत्तर : हमारेसंतों, भक्तोंऔरमहापुरुषोंनेहमें?सखायाहै?कसभीमनुष्यसमानहैं, ?फरभीआजभीहमारे समाजमेंजा?त, धम?, ?लंग, रंगऔरअन्यआधारोंपरभेदभावव्याप्तहै।यहएकगंभीरसमस्याहै िजसक ेदूरगामीप?रणामहोतेहैं। (क) भेदभावसेदेशऔरसमाजकोहोनेवालीहा?न
● सामािजकएकताकमजोरहोतीहै:भेदभावसमाजमेंअ?वश्वासऔरद्वेषपैदाकरताहै, िजससेसामािजकएकताकमजोरहोतीहै। ● ?वकासमेंबाधा:भेदभावक ेकारणसमाजक ेकुछवग??वकाससेवं?चतरहजातेहैं, िजससे समग्र?वकासबा?धतहोताहै। ● अशां?तऔर?हंसा:भेदभावअक्सरसांप्रदा?यकदंगोंऔर?हंसाकाकारणबनताहै। ● मानवा?धकारोंकाहनन:भेदभावमानवा?धकारोंकाहननहैऔरयहव्यिक्तक ेसम्मानऔर ग?रमाकोठेसपहुंचाताहै। ● देशकीछ?वखराबहोतीहै:भेदभावसेदेशकीअंतरराष्ट्रीयछ?वखराबहोतीहै। (ख) भेदभाव?मटानेक े?लएसुझाव ● ?शक्षाकाप्रसार:?शक्षाक ेमाध्यमसेलोगोंमेंजागरूकतापैदाकरनासबसेमहत्वपूण?है। लोगोंकोयहसमझानाहोगा?कसभीमनुष्यसमानहैंऔर?कसीभीप्रकारकाभेदभावगलत है। ● समाजमेंसकारात्मकबदलाव:समाजमेंसकारात्मकबदलावलानेक े?लएसभीवग?क े लोगोंकोसाथ?मलकरकामकरनाहोगा। ● कानूनकाप्रभावीकाया?न्वयन:भेदभावक े?खलाफबनेकानूनोंकोकड़ाईसेलागू?कयाजाना चा?हए। ● मी?डयाकीभू?मका:मी?डयाकोसमाजमेंसद्भावनाफ ै लानेमेंमहत्वपूण?भू?मका?नभानी चा?हए। ● धा?म?कनेताओंकीभू?मका:धा?म?कनेताओंकोभेदभावक े?खलाफआवाजउठानीचा?हए औरलोगोंकोएकताकासंदेशदेनाचा?हए। ● सरकारीनी?तयां:सरकारकोऐसीनी?तयांबनानीचा?हएजोभेदभावकोखत्मकरनेमेंमदद करें।