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सा?खयाँ “सा?खयाँ” कबीरदासकीरचनाहै, जोछोटी-छोटीपंिक्तयों (सा?खयों) कासंग्रहहै।कबीरदास 15वीं शताब्दीक ेभारतीयसंतक?वथे, िजन्होंनेधा?म?करू?ढ़वादका?वरोध?कयाऔरसाव?भौ?मकप्रेमऔर करुणाकासंदेश?दया।उनकीक?वतामेंसरलता, सीधापनऔरगहनज्ञानकीझलक?मलतीहै। “सा?खयाँ” मेंकबीरदासनेसरलभाषाऔरछ?वयोंक ेमाध्यमसेअपनेआध्याित्मक?वचारोंकोव्यक्त ?कयाहै।उन्होंनेअक्सर?वरोधाभासोंऔर?वडंबनाओंकाप्रयोगकरक ेमानवीयसमझकीसीमाओंऔर आंत?रकअनुभवक ेमहत्वकोउजागर?कयाहै।उन्होंनेसांसा?रकमोहमायासेमुिक्त, सभीप्रा?णयोंकी एकताऔरईश्वरक ेप्र?तसच्चेप्रेमकासंदेश?दया।उन्होंनेअंध?वश्वासऔरबाहरीरी?त-?रवाजोंकी ?नंदाकीऔरआंत?रकअनुभवक ेमाध्यमसेईश्वरक ेदश?नकामाग?बताया। NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 7 प्रश्न- अभ्यास सा?खयाँ 1. ‘मानसरोवर’ सेक?वकाक्याआशयहै? उत्तर : कबीरदासनेअपनीक?वताओंमें ‘मानसरोवर’ शब्दकाप्रयोगअत्यंतगहनतासे?कयाहै।यहशब्द उनक े?लएक े वलएकभौगो?लकस्थलकानामनहींहै, बिल्कएकआध्याित्मकअवधारणाहै। ‘मानसरोवर’ कबीरदासक े?लएहमारेहृदयकाप्रतीकहै, जहांहमईश्वरकासाक्षात्कारकरसकतेहैं। यहज्ञानकासागरभीहै, जहांसेहमआत्मज्ञानप्राप्तकरतेहैं। ‘मानसरोवर’ हमारेअंतम?नकीभी प्र?तमू?त?है, जहांहमअपने?वचारों, भावनाओंऔरअनुभवोंकासामनाकरतेहैं।कुछ?वद्वानोंक े अनुसार, यहमोक्षप्रािप्तकामाग?भीदशा?ताहै।कबीरदासनेस्पष्ट?कयाहै?कमं?दर, मिस्जदया ?कसीअन्यधा?म?कस्थलमेंजानेसेईश्वरनहीं?मलता, बिल्कहमेंअपनेभीतर, अपने ‘मानसरोवर’ में हीईश्वरकोखोजनाचा?हए।उन्होंनेकहाहै?कजबहमअपनेमनकोशांतकरक ेध्यानलगातेहैं, तभी हमईश्वरक ेदश?नकरसकतेहैं।इसप्रकार, ‘मानसरोवर’ कबीरदासकीआध्याित्मकयात्राकाएक महत्वपूण?प्रतीकहैजोहमेंआत्मज्ञानऔरमोक्षक ेमाग?कीओरलेजाताहै। 2. क?वनेसच्चेप्रेमीकीक्याकसौटीबताईहै ? उत्तर :
कबीरदासनेसच्चेप्रेमीक ेगुणोंको?वस्तारसेबतायाहै।उनक ेअनुसार, सच्चाप्रेमी?नष्कामभावसे भिक्तकरताहै, अथा?त्वह?कसीस्वाथ?याफलकीआशाक े?बनाईश्वरकीभिक्तकरताहै।वहसभी प्रा?णयोंमेंईश्वरकोदेखताहैऔरजा?त-पांतसेऊपरउठकरसभीक ेकल्याणकीकामनाकरताहै। सच्चाप्रेमीसत्य?नष्ठहोताहै, झूठऔरकपटसेदूररहताहै।वहसांसा?रकसुखोंसे?वरक्तरहकरईश्वर क ेअना?दआनंदकीतलाशमेंरहताहै।क?ठनाइयोंऔर?वप?त्तयोंमेंभीउसका?वश्वासडगमगातानहीं है।वहदूसरोंकीसेवाकोअपनाधम?मानताहैऔरउनक ेदुख-दद?मेंशा?मलहोताहै।इसप्रकार, सच्चा प्रेमीवहहैजोइनसभीगुणोंकोअपनेजीवनमेंधारणकरताहैऔरईश्वरक ेप्र?तअटूटप्रेमऔर समप?णरखताहै। 3. तीसरेदोहेमेंक?वने?कसप्रकारक ेज्ञानकोमहत्व?दयाहै? उत्तर : कबीरदासक ेतीसरेदोहेमेंसहजज्ञानकोसवा??धकमहत्व?दयागयाहै।यहवहज्ञानहैजो?कसी ?वशेषप्रयासयाअध्ययनक े?बना, सहजहीप्राप्तहोताहै।यहआंत?रकअनुभवऔरअनुभू?तपर आधा?रतहोताहै, न?कबाहरीग्रंथोंया?शक्षकोंपर।कबीरदासमानतेहैं?कयहज्ञानव्यिक्तगत अनुभवोंक ेमाध्यमसेआताहैऔरहरव्यिक्तक े?लएअलग-अलगहोसकताहै।उन्होंनेबाहरीग्रंथों और?शक्षकोंपर?नभ?ररहनेक ेबजाय, स्वयंअनुभवकरक ेसत्यकोजाननेकीबातकही।सहजज्ञान आंत?रकशां?तऔरमुिक्तकामाग??दखाताहै।यहव्यिक्तकोअपनेभीतरिस्थतईश्वरकोखोजनेमें मददकरताहै।इसप्रकार, कबीरदासनेइसदोहेक ेमाध्यमसेहमेंयहसंदेश?दयाहै?कहमेंज?टल धा?म?कग्रंथोंऔररी?त-?रवाजोंमेंउलझेरहनेकीबजाय, अपनेभीतरझांककरसत्यकोखोजनाचा?हए। 4. इससंसारमेंसच्चासंतकौनकहलाताहै? उत्तर : कबीरदासक ेअनुसार, सच्चासंतवहहोताहैजोसभीमेंईश्वरकोदेखताहै।जा?त-पांत, धम?-मजहबसे ऊपरउठकरवहसभीप्रा?णयोंक ेप्र?तसमानभावरखताहै।वह?नस्वाथ?भावसेदूसरोंकीसेवाकरताहै और?कसीभीप्रकारकास्वाथ?नहींरखता।सच्चासंतसत्यकापालनकरताहैऔरझूठ, कपटसेदूर रहताहै।वहसांसा?रकसुखोंसे?वरक्तरहताहैऔरमोह-मायासेमुक्तहोकरआत्मज्ञानकीप्रािप्त करताहै।वहअपनेभीतरहीईश्वरकोखोजताहैऔरसभीप्रा?णयोंक ेकल्याणकीकामनाकरताहै। 5. अं?तमदोदोहोंक ेमाध्यमसेकबीरने?कसतरहकीसंकीण?ताओंकीओरसंक े त?कयाहै? उत्तर : कबीरदासनेअपनेदोहोंक ेमाध्यमसेसमाजमेंव्याप्त?व?भन्नप्रकारकीसंकीण?ताओंकीओरसंक े त ?कयाहै।उन्होंनेधा?म?क, जा?तगत, औरअन्यप्रकारक ेभेदभावका?वरोध?कया।कबीरदाससभी
मनुष्योंकोसमानमानतेथेऔरउन्होंनेजा?त-पांत, धम?-मजहबक ेआधारपर?कसीभीप्रकारक े भेदभावकोखा?रज?कया।उन्होंनेसभीप्रा?णयोंमेंईश्वरकोदेखाऔरसभीक ेकल्याणकीकामनाकी। कबीरदासनेबाहरी?दखावेऔररी?त-?रवाजोंक ेबजाय, आंत?रकगुणोंकोमहत्व?दया।उन्होंनेकहा?क सच्चीसुंदरताआंत?रकहोतीहै, बाहरीरूपमात्रक्ष?णकहै। कबीरदासक ेदोहेहमेंइनसभीसंकीण?ताओंसेमुक्तहोकरएकसमानसमाजबनानेक े?लएप्रे?रतकरते हैं।उन्होंनेहमें?सखाया?कसभीमनुष्यएकहैंऔरहमेंसभीक ेसाथसमानताऔरसम्मानक ेसाथ व्यवहारकरनाचा?हए। NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 7 6. ?कसीभीव्यिक्तकीपहचानउसक ेकुलसेहोतीहैयाउसक ेकम?से? तक ?स?हतउत्तरदीिजए। उत्तर : कबीरदासक ेअनुसार, ?कसीव्यिक्तकीपहचानउसक ेकुलयाजन्मसेनहीं, बिल्कउसक ेकम?सेहोती है।उन्होंनेइसबातकोकईदोहोंमेंस्पष्ट?कयाहै। कबीरदासक े?वचार: कबीरदासमानतेथे?कव्यिक्तकामूल्यांकनउसक ेकुल, जा?तयाधम?क ेआधारपरनहीं?कयाजाना चा?हए।उन्होंनेकहा?कएकसोनेक ेबत?नमें?वषभीहोसकताहै, औरएक?मट्टीक ेबत?नमेंअमृत भी।इसीतरह, उच्चकुलमेंजन्माव्यिक्तभीनीचकम?करसकताहै, और?नम्नकुलमेंजन्माव्यिक्त भीमहानकाय?करसकताहै। कम?कामहत्व:कबीरदासक ेअनुसार, व्यिक्तक ेकम?हीउसकीअसलीपहचानहोतेहैं।अच्छेकम? करनेवालाव्यिक्तहमेशासम्मा?नतरहेगा, चाहेवह?कसीभीकुलमेंजन्माहो। कुलकामहत्वनहीं:उन्होंनेकहा?ककुलयाजन्मसेव्यिक्तक ेगुणोंका?नधा?रणनहींहोता।एकही प?रवारमेंजन्मेलोगभीअलग-अलगस्वभावऔरगुणोंक ेहोसकतेहैं। समाजमेंसमानता:कबीरदासनेसभीमनुष्योंकोसमानमानाऔरजा?त-पा?तक ेभेदभावका?वरोध ?कया।उन्होंनेकहा?कसभीमनुष्यएकहीईश्वरकीसंतानहैं। 7. काव्यसौंदय?स्पष्टकीिजए- हस्तीच?ढ़एज्ञानकौ, सहजदुलीचाडा?र।
स्वानरूपसंसारहै, भूँकनदेझखमा?र। Ans : कबीरदासक ेइसदोहेमेंअद्?वतीयकाव्यसौंदय??न?हतहै।उन्होंनेज्ञानकोहाथीसेऔरसंसारकोकुत्ते सेजोड़करएकअद्भुतरूपककासृजन?कयाहै।यहरूपकज्ञानकीमहत्ताकोसहजतासेउजागरकरता है, जहांज्ञानएक?वशालहाथीकीतरहहै, जोमनुष्यकोसंसारक ेमोह-माया (कुत्ते) सेऊपरउठाताहै। “सहजदुलीचाडा?र” मेंउत्प्रेक्षाअलंकारकासुंदरप्रयोगहुआहै, जहांज्ञानप्रािप्तकीसहजताकोगलीचा ?बछानेजैसासरलबतायागयाहै। इसदोहेमेंयमकअलंकारकाभीसुंदरप्रयोगहुआहै, “भूँकनदेझखमा?र” में ‘भूँकन’ और ‘झख’ शब्दों कीपुनरावृ?त्तसेध्व?नसौंदय?उत्पन्नहोताहै।यहदोहानक े वलज्ञानक ेमहत्वकोरेखां?कतकरताहै, बिल्कसंसारक ेमोह-मायासेमुिक्तपानेकामाग?भीदशा?ताहै।क?वनेसरलभाषाकाप्रयोगकरतेहुए गहनतम?वचारोंकोव्यक्त?कयाहै, जोइसदोहेकीसौंदय?औरप्रभावशीलताकोऔरभीबढ़ादेताहै। NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 7 सबद 8. मनुष्यईश्वरकोकहाँ-कहाँढूँढ़ता?फरताहै ? उत्तर : मनुष्यस?दयोंसेईश्वरकीखोजमेंरहाहै।इसखोजमेंउसनेकईरास्तेअपनाएहैं।वहमं?दरों, मिस्जदों, गुरुद्वारोंऔरचच?जैसेधा?म?कस्थलोंपरजाताहै।तीथ?स्थलजैसेकाशी, मथुरा, वैष्णोदेवी, अमरनाथआ?दकीयात्राएंभीकरताहै।प्रकृ?तकीगोदमेंभीवहईश्वरकीखोजकरताहै – पहाड़ों, न?दयों, समुद्रोंऔरजंगलोंमें।योग, ध्यानऔर?व?भन्नअनुष्ठानोंक ेमाध्यमसेभीवहआध्याित्मक अनुभवप्राप्तकरनेकाप्रयासकरताहै।वेद, कुरान, बाइबलजैसेधम?ग्रंथोंकाअध्ययनकरताहैऔर गुरुओंक ेमाग?दश?नमेंआध्याित्मकज्ञानप्राप्तकरनेकाप्रयासकरताहै। हालां?क, कबीरदासक ेअनुसार, ईश्वरकोइनबाहरीस्थानोंपरनहीं, बिल्कअपनेभीतरढूंढनाचा?हए। उन्होंनेकहाहै?कईश्वरमं?दरमेंनहीं, मिस्जदमेंनहीं, नकाबामेंहै, नक ै लाशआ?दतीथ?यात्रामें; वह नकम?कांडकरनेमें?मलताहै, नयोगसाधनासे, नवैरागीबननेसे।येसबऊपरी?दखावेहैं, ढोंगहैं। कबीरदासनेकहा?कईश्वरसबक ेअंदरहैऔरउसेसच्चेमनसेखोजाजासकताहै।उन्होंनेकहा?क ईश्वरकोढूँढनेक े?लएहमेंअपनेभीतरकीयात्राकरनीहोगी। 9. कबीरनेईश्वरप्रािप्तक े?लए?कनप्रच?लत?वश्वासोंखंडन?कयाहै?
उत्तर : कबीरदासनेईश्वरप्रािप्तक े?लएप्रच?लतकई?वश्वासोंकोखा?रज?कया।उन्होंनेकहा?कमं?दर, मिस्जद, तीथ?यात्रा, योग, वैराग्य, कम?कांडआ?दबाहरी?दखावेमात्रहैं।इनसेईश्वरकासाक्षात्कारनहीं होता।उन्होंनेकहा?कईश्वरमं?दरमेंनहीं, मिस्जदमेंनहीं, नकाबामेंहै, नक ै लाशआ?दतीथ?यात्रामें; वहनकम?कांडकरनेमें?मलताहै, नयोगसाधनासे, नवैरागीबननेसे।येसबऊपरी?दखावेहैं, ढोंग हैं। कबीरदासनेजा?त-पा?त, धम?-मजहबक ेआधारपरभेदभावकोभीखा?रज?कया।उन्होंनेकहा?क ईश्वरसबक ेअंदरहैऔरसभीएकसमानहैं।उन्होंनेकहा?कईश्वरकोपानेक े?लएसच्चेमनसेउसकी भिक्तकरनीचा?हए।बाहरीरी?त-?रवाजोंसेनहीं, बिल्कआंत?रकशुद्?धसेहीईश्वरकासाक्षात्कारहोता है। 10. कबीरनेईश्वरको ‘सबस्वाँसोंकीस्वाँसमें’ क्योंकहाहै? उत्तर : कबीरदासनेईश्वरको “सबस्वाँसोंकीस्वाँसमें” कहकरएकगहराऔरसाव?भौ?मकसत्यप्रकट?कया है।इसकथनकाअथ?है?कईश्वरहरजी?वतप्राणीक ेअंदरव्याप्तहै।वहहरसांसमें, हरकणमेंमौजूद है।ईश्वरक े वलमं?दरों, मिस्जदोंयाधा?म?कस्थलोंमेंनहींहै, बिल्कवहजीवनकास्रोतहै, हरप्राणीकी आत्मामें?नवासकरताहै।कबीरदासनेइसकथनक ेमाध्यमसेहमेंबताया?कईश्वरकोपानेक े?लए हमेंबाहरी?दखावोंऔररी?त-?रवाजोंक ेपीछेनहींपड़नाचा?हए, बिल्कअपनेभीतरकीयात्राकरनी चा?हए।उन्होंनेकहा?कईश्वरकोढूंढनेक े?लएहमेंमं?दरों, मिस्जदोंमेंनहीं, बिल्कअपनेहीहृदयमें देखनाचा?हए।यहकथनसभीजीवोंकीएकताऔरईश्वरकीसव?व्यापकताकोदशा?ताहै।यहहमेंसभी प्रा?णयोंक ेप्र?तकरुणाऔरदयाकाभावरखनेक े?लएप्रे?रतकरताहै, क्यों?कसभीजीवोंमेंईश्वरका वासहै। 11. कबीरनेज्ञानक ेआगमनकीतुलनासामान्यहवासेनकरआँधीसेक्योंकी? उत्तर : कबीरदासनेज्ञानक ेआगमनकीतुलनासामान्यहवासेनहीं, बिल्कआँधीसेकीहै।यहतुलनाज्ञान क ेतीव्रऔरव्यापकप्रभावकोदशा?तीहै।सामान्यहवाधीरे-धीरेबहतीहैऔर?कसीचीजमेंज्यादा बदलावनहींलातीहै, जब?कआँधीतेजग?तसेचलतीहैऔरअपनेरास्तेमेंआनेवालीहरचीजको प्रभा?वतकरतीहै।यहपेड़ोंकोउखाड़सकतीहै, घरोंको?गरासकतीहैऔरपूरेप?रदृश्यकोबदलसकती है।
इसीप्रकार, ज्ञानभीव्यिक्तक ेजीवनमेंएकक्रां?तकारीप?रवत?नलाताहै।यहअज्ञानताक ेअंधकारको दूरकरताहैऔरव्यिक्तकोएकनईदृिष्टप्रदानकरताहै।ज्ञानव्यिक्तक े?वचारों, भावनाओंऔर व्यवहारकोबदलसकताहै।ज्ञानमेंइतनीशिक्तहोतीहै?कयहव्यिक्तकोएकनयाजीवनदेसकता है।यहव्यिक्तकोअपनेआपकोऔरदु?नयाकोएकनएनज?रएसेदेखनेमेंमददकरताहै। 12. ज्ञानकीआँधीकाभक्तक ेजीवनपरक्याप्रभावपड़ताहै ? उत्तर : कबीरदासनेज्ञानकोआँधीकीतरहप्रस्तुत?कयाहै, िजसकाप्रभावभक्तक ेजीवनपरगहराऔर प?रवत?नकारीहोताहै।ज्ञानकीयह ‘आँधी’ भक्तक ेमनमेंव्याप्तअज्ञानता, शंकाओंऔरभ्रमोंकोदूर करतीहै, मानोअंधकारकोचीरकरप्रकाशलातीहो।यहउसेसंसारक ेमोह-मायाक ेबंधनोंसेमुक्त करतीहै, सांसा?रकसुख-दुखोंसेऊपरउठातीहैऔरईश्वरकीभिक्तमेंलीनकरदेतीहै।ज्ञानकीइस आँधीसेभक्तक ेमनकाप?व?त्रकरणहोताहै, वह?नष्कलंकहोजाताहैऔरउसेकोईभीसांसा?रक ?वकारप्रभा?वतनहींकरपाता।यहआँधीभक्तमेंआत्मज्ञानकाउदयकरतीहै, वहअपनेआपकोऔर ईश्वरकोएकहीसमझनेलगताहै।इसप्रकार, ज्ञानकीआँधीभक्तक ेजीवनमेंएकक्रां?तकारी प?रवत?नलातीहै।वहएकसाधारणमनुष्यसेएकसंतबनजाताहै, मोक्षप्राप्तकरलेताहै।ज्ञानकी यहआँधीउसेएकनयाजीवनप्रदानकरतीहै, जहांवहसभीप्रा?णयोंक ेप्र?तकरुणाऔरदयाकाभाव रखताहै। NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 7 13. भावस्पष्टकीिजए- (क) ?ह?त?चत्तकीद्वैयूँनी?गराँनी, मोहब?लंडातूटा | (ख) आँधीपीछैजोजलबूठा, प्रेमह?रजनभींनाँ। उत्तर : (क) ?ह?त?चत्तकीद्वैयूँनी?गराँनी, मोहब?लंडातूटा ● अथ?:इसपंिक्तकाअथ?है?कज्ञानप्रािप्तहोनेपरमनुष्यक ेहृदयमेंजोद्वैतभावयानी दोहरीभावनाएँहोतीहैं, जैसे?कप्रेमऔरद्वेष, सुखऔरदुःख, वोध्वस्तहोजातीहैं।मोह काबंधनटूटजाताहै। ● भाव:जबव्यिक्तकोज्ञानप्राप्तहोताहैतोउसकामनशुद्धहोजाताहै।वहद्वैतभावसे ऊपरउठजाताहैऔरउसेक े वलएकहीसत्य?दखाईदेताहै।मोहक ेबंधनटूटनेकाअथ?है ?कव्यिक्तअबसंसारक ेभौ?तकसुखोंसेलगावनहींरखताहै।
(ख) आँधीपीछैजोजलबूठा, प्रेमह?रजनभींनाँ ● अथ?:इसपंिक्तकाअथ?है?कज्ञानप्रािप्तक ेबादमनुष्यक ेहृदयमेंप्रेमकीवषा?होतीहै। वहईश्वरक ेप्र?तप्रेमसेभरजाताहै। ● भाव:यहपंिक्तज्ञानप्रािप्तक ेबादव्यिक्तमेंआनेवालेप?रवत?नकोदशा?तीहै।ज्ञानकी आँधीक ेबादमनशांतहोजाताहैऔरप्रेमकीवषा?होतीहै।व्यिक्तअबईश्वरक ेप्र?तप्रेम सेओत-प्रोतहोजाताहै। NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 7 रचनाऔरअ?भव्यिक्त 14. संक?लतसा?खयोंऔरपदोंक ेआधारपरकबीरक ेधा?म?कऔरसांप्रदा?यकसद्भावसंबंधी?वचारों परप्रकाशडा?लए। उत्तर : कबीरदासएकमहानसंतऔरक?वथेिजन्होंनेधा?म?कऔरसांप्रदा?यकसद्भावकाप्रबलसंदेश?दया। उन्होंनेजा?त-पा?त, धम?-मजहबक ेआधारपरभेदभावका?वरोध?कया।कबीरदासनेसभीमनुष्योंको एकसमानमानाऔरसभीमेंईश्वरकावासदेखा।उन्होंनेकहा?कसच्चाधम?हृदयमेंहोताहै, न?क मं?दरोंऔरमिस्जदोंमें।उन्होंनेबाहरीरी?त-?रवाजोंऔर?दखावोंक ेबजायआंत?रकशुद्?धऔरसच्चे हृदयसेकीजानेवालीभिक्तकोमहत्व?दया। कबीरदासनेसभीधम?कासम्मान?कयाऔरसभीकोएकप?रवारक ेसदस्यक ेरूपमेंदेखा।उन्होंने एकताऔरभाईचारेकासंदेश?दया।उन्होंनेअंध?वश्वासोंऔरकुरी?तयोंका?वरोध?कयाऔरसमाजसेवा कोधम?काएकमहत्वपूण?अंगमाना। 15. ?नम्न?ल?खतशब्दोंक ेतत्समरूप?ल?खए- पखापखी, अनत, जोग, जुग?त, बैराग, ?नरपख उत्तर : ● पखापखी:पक्ष-?वपक्ष ● अनत:अन्यत्र ● जोग:योग ● जुग?त:युिक्त
● बैराग:वैराग्य ● ?नरपख:?नष्पक्ष