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उपभोक्तावादकीसंस्कृ?तउपभोक्तावादकीसंस्कृ?त श्यामचरणदुबेद्वारा?ल?खत NCERT कक्षा 9वीं?हंदीकाअध्याय ‘उपभोक्तावादकीसंस्कृ?त’ हमारे समाजकीएकमहत्वपूण?औरबदलतीसच्चाईपरक ें ??तहै: उपभोक्तावादकाबढ़ताप्रभाव।लेखकहमें यहसमझानेकाप्रयासकरतेहैं?कक ै सेहमअनजानेमेंहीएकऐसीजीवनशैलीकोअपनारहेहैंजहाँ उपभोगहीसुखकापया?यबनताजारहाहै। यहपाठहमेंआईना?दखाताहै?कहमअक्सर?वज्ञापनोंकीचकाचौंधमेंफ ं सकरउत्पादोंकीगुणवत्ताया हमारीवास्त?वकज़रूरतकोदर?कनारकरदेतेहैं।हरनईऔरचमकदारवस्तुकोखरीदना, उसे अपनाना, आजकलप्र?तष्ठाकाप्रतीकबनगयाहै।इसहोड़मेंहमअपनीसांस्कृ?तकजड़ों, परंपराओंऔर उनमूल्योंकोकहींपीछेछोड़तेजारहेहैं, िजनपरहमारासमाजखड़ाथा। आजकल, सुबहजागनेसेलेकररातकोसोनेतक, हम?वज्ञापनोंक ेजालमें?घरेहुएहैं।ये?वज्ञापनहमें बतातेहैं?कहमेंक्याखानाचा?हए, क्यापीनाचा?हएऔरक्यापहननाचा?हए।यहिस्थ?तहमेंएकतरह सेउत्पादोंकागुलामबनारहीहै, जहाँहमारीपसंद-नापसंद, यहांतक?कहमारेच?रत्रपरभीउनका गहराअसरपड़रहाहै। लेखकयहभीबतातेहैं?कहम?कसतरहधीरे-धीरेपिश्चमीसंस्कृ?तकाअनुकरणकररहेहैं।अपनी मौ?लकताऔरस्थानीयताकोभूलकरहमपिश्चमीसभ्यताकीनकलकररहेहैं।यहएक?चंताजनक बातहैक्यों?कइससेहमअपनीपहचानखोतेजारहेहैंऔरअपनीजड़ोंसेकटतेजारहेहैं। उपभोक्तावादीसंस्कृ?तनेहमारेसामािजकसंबंधोंऔरनै?तकमूल्योंकोभीकमजोर?कयाहै।लोग अ?धकआत्मक ें ??तऔरस्वाथ?होतेजारहेहैं।समाजमेंआपसीसहयोग, सौहाद?औरनै?तकताकीकमी महसूसकीजारहीहै। गांधीजीनेहमेशाइसबातपरजोर?दयाथा?कहमेंअपनीसंस्कृ?तऔरमौ?लकबु?नयादपरअटल रहनाचा?हए।लेखकभीइसीबातकोदोहरातेहुएउपभोक्तावादीसंस्कृ?तकोएकबड़ीसामािजकचुनौती मानतेहैं।उनकामाननाहै?कयहहमेंभोगवादीऔरआत्मक ें ??तबनाकरभ?वष्यमेंएकबड़ेसामािजक संकटकोजन्मदेसकतीहै। कुल?मलाकर, यहअध्यायहमेंउपभोक्तावादक ेखतरोंक ेप्र?तसचेतकरताहै।यहहमेंसोचनेपर मजबूरकरताहै?ककहींहमइसचमक-दमकभरीदु?नयामेंअपनीवास्त?वकपहचान, अपनेमूल्यों औरअपनीजड़ोंकोतोनहींखोरहेहैं।यहएकमहत्वपूण?संदेशहै?कहमेंअपनीसंस्कृ?तऔरनै?तकता कोबचानाहोगा, वरनाइसक ेगंभीरप?रणामहोसकतेहैं।कोअपनीबु?नयादऔरअपनीसंस्कृ?तपरदृढ़ रहनेक े?लएकहाथा। NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 3 प्रश्न- अभ्यास 1. लेखकक ेअनुसारजीवनमें ‘सुख’ सेक्याअ?भप्रायहै? उत्तर :
लेखककामाननाहै?कजीवनमेंसुखक े वलभौ?तकसुखतकसी?मतनहींहै।मान?सकशां?त, शारी?रक स्वास्थ्यऔरआध्याित्मकसंतुिष्टभीसुखक ेमहत्वपूण?पहलूहैं।परंतुआजकललोगभौ?तकवस्तुओंक े उपभोगकोहीसुखमाननेलगेहैं। 2. आजकीउपभोक्तावादीसंस्कृ?तहमारेदै?नकजीवनको?कसप्रकारप्रभा?वतकररहीहै ? उत्तर : उपभोक्तावादीसंस्कृ?तनेहमारेदै?नकजीवनकोगहराईसेप्रभा?वत?कयाहै।आजव्यिक्तउपभोगको हीसुखकामापदंडमाननेलगाहै।इसक ेचलतेलोगअ?धकसेअ?धकवस्तुओंकाउपभोगकरनेकीचाह रखतेहैं।लोगअबबहुप्रचा?रतवस्तुएंखरीदकरक े वल?दखावाकरनेलगेहैं।इससंस्कृ?तक ेकारण मानवीयसंबंधकमजोरहोतेजारहेहैं।अमीरऔरगरीबक ेबीचबढ़तीखाईसेसमाजमेंअशां?तऔर आक्रोशमेंइजाफाहोरहाहै। 3. लेखकनेउपभोक्तासंस्कृ?तकोहमारेसमाजक े?लएचुनौतीक्योंकहाहै? उत्तर : गाँधीजीसामािजकमया?दाओंऔरनै?तकताक ेप्रबलसमथ?कथे।वेसादाजीवनऔरउच्च?वचारमें ?वश्वासकरतेथे।उनकामाननाथा?कसमाजमेंआपसीप्रेमऔरसंबंधोंकोबढ़ावा?मलनाचा?हए।लोग संयमऔरनै?तकताकापालनकरें।ले?कनउपभोक्तावादीसंस्कृ?तइनमूल्योंक े?वपरीतकाय?करतीहै। यहभोगवादीप्रवृ?त्तकोबढ़ावादेतीहैऔरनै?तकतावमया?दाकोदर?कनारकरदेतीहै।गाँधीजीचाहते थे?कहमभारतीयअपनीजड़ोंसेजुड़ेरहें, यानीअपनीसंस्कृ?तकोनत्यागें।?कंतुआज, उपभोक्तावादी संस्कृ?तक ेप्रभावमें, हमअपनीसांस्कृ?तकपहचानकोखोतेजारहेहैं।इस?लएगाँधीजीने उपभोक्तावादीसंस्कृ?तकोहमारेसमाजक े?लएएकगंभीरचुनौतीमानाहै। NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 3 4. आशयस्पष्टकीिजए- (क) जाने-अनजानेआजक ेमाहौलमेंआपकाच?रत्रभीबदलरहाहैऔरआपउत्पादकोसम?प?तहोते जारहेहैं। (ख) प्र?तष्ठाक ेअनेकरूपहोतेहैं, चाहेवेहास्यास्पदहीक्योंनहो। उत्तर :
(क) यहवाक्यबतारहाहै?कहमआजक ेसमाजमेंरहतेहुएअनजानेमेंहीअपनेव्यवहारऔरसोच कोबदलरहेहैं।हमउत्पादोंक ेप्र?तअ?धकआक?ष?तहोरहेहैंऔरउनकीओरझुकरहेहैं।इसकामतलब यहहै?कहमारीप्राथ?मकताएँबदलरहीहैंऔरहमारीपहचानअबउत्पादोंसेजुड़तीजारहीहै। (ख) यहवाक्यबतारहाहै?कप्र?तष्ठायासम्मानपानेक ेकईतरीक ेहैं।कुछतरीक ेतोइतनेअजीबया हास्यास्पदभीहोसकतेहैं। NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 3 रचनाऔरअ?भव्यिक्त 5. कोईवस्तुहमारे?लएउपयोगीहोयानहो, ले?कनटी.वी. पर?वज्ञापनदेखकरहमउसेखरीदनेक े ?लएअवश्यलाला?यतहोतेहैं? क्यों? उत्तर : ?वज्ञापनआजकलहमारीिजंदगीकाएकअ?भन्न?हस्साबनचुक ेहैं।हमटीवीदेखतेहों, इंटरनेटसफ ? करतेहोंयारे?डयोसुनतेहों, ?वज्ञापनहरजगहहमेंघेरतेहैं।ये?वज्ञापनमनोवैज्ञा?नकतकनीकोंका उपयोगकरक ेहमेंप्रभा?वतकरतेहैं।आकष?करंग, संगीत, औरमज़ेदारस्लोगनकाइस्तेमालकरक ेवे हमेंउनक ेउत्पादोंक ेप्र?तआक?ष?तकरतेहैं।?वज्ञापनहमेंयहभीमहसूसकरातेहैं?कअगरहमारेपास यहउत्पादनहींहैतोहमदूसरोंसेपीछेरहजाएंगे।वेहमारीभावनाओंपरखेलतेहैं, हमेंहंसातेहैं, रुलाते हैं, औरहमेंडरातेहैं।इसतरहवेहमेंऐसीचीजेंखरीदनेक े?लएमजबूरकरतेहैंिजनकीहमेंवास्तवमें जरूरतनहींहोतीहै।उदाहरणक े?लए, एकमोबाइलफोनका?वज्ञापनहमेंयह?दखाताहै?कअगरहमारे पासयहफोननहींहैतोहमअपनेदोस्तोंसेसंपक ?मेंनहींरहपाएंगे।इसतरहसे?वज्ञापनहमेंअपनी जरूरतोंसेअ?धकखच?करनेक े?लएप्रे?रतकरतेहैं। 6.आपक ेअनुसारवस्तुओंकोखरीदनेकाआधारवस्तुकीगुणवत्ताहोनीचा?हएया?वज्ञापन ? तक ?देकर स्पष्टकरें। उत्तर : हालां?क?वज्ञापनहमारेखरीददारीक ेफ ै सलेकोप्रभा?वतकरतेहैं, ले?कनहमेंहमेशागुणवत्ताको प्राथ?मकतादेनीचा?हए।हमें?वज्ञापनोंपरआंखबंदकरक ेभरोसानहींकरनाचा?हएबिल्कउत्पादक ेबारे मेंखुद?रसच?करनीचा?हए।हमेंयहदेखनाचा?हए?कउत्पादकीगुणवत्ताक्याहै, इसकीकीमतक्याहै औरक्यायहहमारे?लएउपयोगीहै। अंतमें, हमेंयहयादरखनाचा?हए?कहमारीखुशीऔरसंतुिष्ट?कसीचीजकोखरीदनेसेनहींबिल्क उसकाउपयोगकरनेसे?मलतीहै।
7. पाठक ेआधारपरआजक ेउपभोक्तावादीयुगमेंपनपरही ‘?दखावेकीसंस्कृ?त’ पर?वचारव्यक्त कीिजए। उत्तर : आजक ेसमयमें?दखावेकीसंस्कृ?ततेजीसेपनपरहीहै, औरयहबातपूरीतरहसत्यहै।लोगअबवही चीज़ेंअपनानेलगेहैं, जोदूसरोंकीनजरोंमेंअच्छी?दखें।सभीसौंदय?प्रसाधनक े वलमनुष्योंकोसुंदर ?दखानेक ेप्रयासमेंजुटेहुएहैं।पहलेयहप्रवृ?त्तक े वलम?हलाओंतकसी?मतथी, ले?कनआजपुरुषभी इसदौड़मेंआगे?नकलगएहैं।नए-नएप?रधानऔरफ ै शनेबलवस्त्रइस?दखावेकीसंस्कृ?तकोऔर बढ़ावादेरहेहैं। आजलोगघड़ीसमयदेखनेक े?लएनहींखरीदते, बिल्कअपनीहै?सयत?दखानेक े?लएलाखोंरुपएखच? करमहंगीघ?ड़याँपहनतेहैं।हरचीज़अबपाँच?सतारासंस्कृ?तका?हस्साबनचुकीहै।खानेक े?लए पाँच-?सताराहोटल, इलाजक े?लएपाँच-?सताराअस्पताल, औरपढ़ाईक े?लएपाँच-?सतारासु?वधाओं वाले?वद्यालय—हरजगह?दखावेकाहीबोलबालाहै।यहाँतक?कलोगमरनेक ेबादअपनीकब्रक े?लए भीलाखोंरुपएखच?करनेलगेहैं, ता?कदु?नयामेंउनकीहै?सयतकोयादरखाजासक े । यह?दखावासंस्कृ?तइंसानकोइंसानसेदूरकररहीहै।लोगोंक ेसामािजकसंबंधकमजोरहोरहेहैं।मन मेंअशां?तऔरआक्रोशकाजन्महोरहाहै।तनावबढ़रहाहै, औरहमअपनेवास्त?वकलक्ष्यसेभटक रहेहैं।यहिस्थ?तअशुभहैऔरइसेरोकनाआवश्यकहै। 8. आजकीउपभोक्तासंस्कृ?तहमारेरी?त-?रवाजोंऔरत्योहारोंको?कसप्रकारप्रभा?वतकररहीहै? अपनेअनुभवक ेआधारपरएकअनुच्छेद?ल?खए। उत्तर : आजकीउपभोक्तावादीसंस्कृ?तक ेप्रभावसेहमारेरी?त-?रवाजऔरत्योहारभीअछूतेनहींरहेहैं।पहले हमारेरी?त-?रवाजऔरत्योहारसामािजकसमरसताबढ़ानेवाले, वग?भेदको?मटानेवाले, औरसभीको उल्लासवआनंदसेभरनेवालेहोतेथे।ले?कनउपभोक्तावादीसंस्कृ?तक ेअसरसेइनमेंबदलावआगया है।अबत्योहारअपनेमूलउद्देश्यसेभटकगएहैं।रक्षाबंधनक ेपावनअवसरपरअबबहनअपनेभाई द्वारा?दएगएउपहारकामूल्यआँकनेलगीहै।दीपावलीक ेत्योहारपरपहले?मट्टीक ेदीयेनक े वल प्रकाशफ ै लातेथे, बिल्कसमानताकाप्रतीकभीथे।ले?कनअब?बजलीकील?ड़योंऔरसजावटीवस्तुओं नेअमीर-गरीबक ेबीचकाअंतरऔरस्पष्टकर?दयाहै।यहीिस्थ?तअन्यत्योहारोंकीभीहोगईहै।