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पाठ -दुनिया की छत कक्षा - पाँचवीं विषय-हिन्दी विषय-शिक्षिका-श्रीमती इन्दु शर्मा. परिचय: -. तिब्बत के पड़ोसी देश. तिब्बत का पठार. तिब्बत चीन के अधीन एक स्वशासित क्षेत्र है.यह बहुत ऊँचे पठार पर सिथत है,इसलिए इसे दुनिया का छत कहाजाता है.
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पाठ -दुनिया की छत कक्षा - पाँचवीं विषय-हिन्दी विषय-शिक्षिका-श्रीमती इन्दु शर्मा
परिचय:- तिब्बत के पड़ोसी देश तिब्बत का पठार
तिब्बत चीन के अधीन एक स्वशासित क्षेत्र है.यह बहुत ऊँचे पठार पर सिथत है,इसलिए इसे दुनिया का छत कहाजाता है. लहासातिब्बत का सबसे बड़ा शहर है.यह ३६५० मीटर की ऊँचाई पर स्थित है इस कारणइसे दुनिया का सबसे ऊँचाई का शहर माना जाता है.
तिब्बत में तिब्बतीयन बर्मन परिवार बड़ी संख्या में मिलते हैं. इसके अतिरिक्त एक और परिवार है, जिसे सिनो तिब्बतीयन परिवार कहते हैं. इसके आस-पास के क्षेत्र जैसे:- नेपाल,सिक्किम,लद्धाख,खाम, अम्दो, दोज़खा,शेरपा सभी तिब्बत से प्रभावित क्षेत्र है.
तिब्बत के प्रारंभिक इतिहास के अनुसार तिब्बत में जांग जूंग संस्कृति प्रचलित है.लगभग सातवीं शताब्दी तक जांग जूंग संस्कृति की ही परंपरा प्रचलित रही. सांगवसैन गांपो यहाँ के बत्तीसवें राजा थे. सांगवसैन गांपो
यारलूंग की घाटी में इनका शासन था.कहा जाताहै कि इनकी पहली पत्नी नेपाल की राजकुमारी थी. इनका नाम था-भृकुटि. तिब्बत में बौद्भ धर्म की स्थापना में अपनी अह्म भूमिका अदा की थी.बाद में ६४० ई.वीं. में सांगवसैन ने चीन के शक्तिशाली राजा ताइजोंग की भतिजी से दूसरी शादी कर ली. आगे चलकर चीन ने इस पर अपना कब्जा जमा लिया. संसार का सबसे ऊँचा पहाड़ माउंट एवरेस्ट इसके सीमा पर स्थित है.
माउंट एवरेस्ट की ऊँचाई ८,८४८ मीटर है.यह तिब्बत की सीमा पर स्थित है.यहाँ के सभी पठार हिमालय का हिस्सा है. यहाँ लगभग १५०० झीलें हैं,जिनमें मानसरोवर सबसे प्रमुख झील है.
मानसरोवर झील तिब्बत के पठार पर जमे बर्फ के पिघलने से बनी है. काफी ऊँचाई पर बसे होने के कारण तिब्बत बहुत ठंडा प्रदेश है. कैलश पर्वत मानसरोवर झील
तिब्बत के पठार से अनेक नदियाँ निकली हैं.यहाँ की सबसे प्रमुख नदी सांगपो है. यहाँ निकलकर यह भारत में पहुँचती है, यहाँ इसे ब्रह्मपुत्र के नाम से जाना जाता है. इसके अतिरिक्त यांगतेज,पीली नदी, यारलूंग, सालून आदि अनेक नदियाँ इस पठार से निकलती है. तिब्बत में सांगपो
तिब्बत में ऊँचे-ऊँचे पहाड़ है,जो हिमालय का हिस्सा है.यहाँ के पहाड़ों की खासियत यह है कि ये कई रंग के हैं-भूरे,लाल ,पीले, बैंगनी,गुलाबी, गेरुआ,और हरे. यहाँ के पत्थरीले पहाड़ों में तरह-तरह की मिट्टी और खनिज पदार्थहैं.
तिब्बत की जलवायु तिब्बत की हवा में नमी बहुत कम है. इसलिए यहाँ बरसात और बर्फबारी कम होती है.खुश्क मौसम होने के कारण यहाँ पेड़- कम होते हैं. तिब्बत क पूर्वी भाग ही ऐसा है, जहाँ घने जंगल पाए जाते हैं.इन जंगलों में दुर्लभ किस्म के पेड़-पौधे और पशु-पक्षी मिलतेहैं
तिब्बत के दुर्लभ पशु-पक्षी पशु
तिब्बत की वास्तुकला यहाँ की वास्तुकला तिब्बतीयन लोगों के लगन और मेहनत का अनोखा नमुना है. पोताला महल और नॉर बुलिंगका वहाँ के प्रमुख धर्मप्रवर्तक दलाई लामा का निवIस स्थान है. पोताला महल यहाँ की वास्तुकला का अनोखा नमुना है. यह ११७ मीटर ऊँचा ३६० मीटर चौड़ा है. नॉरबुलिंगका महल पोताला महल
तिब्बत का सबसे बड़ा शहर ल्हासा है. यह तिब्बत की राजधानी भी है. यहाँ कई मंदिर है,जिनमें जोंखांग और रामॉक मंदिर प्रमुख हैं. रामॉक मंदिर ल्हासा जोंखांग मंदिर
तिब्बत के लोगों के जीविका कI मुख्य आधार खेती तथा पशुपालन है. जौ,गेहूँ, आलू,सब्जियाँ,और फल यहाँ के मुख्य फसल है. मोथी (buck-wheat) जौ ल्हासा का किसान बाजार
हस्तकला एवं वास्तुकला हस्तकला एवं वास्तुकला तिब्बत के लोगों के आय के मुख्य स्रोत हैं. तिब्बतीयन टोपी, सोने- चाँदी से बने गहने लकड़ी से बनी सजावट की वस्तुएँ, गदा,रजाई आदि यहाँ आने वाले पर्यटकों को मुख्य रूप से आकर्षित करती है.
तिब्बत के लोगों का परंपरागत गहनें
तिब्बत के लोगों का प्रमुख भोजन:- जौ का आटा जिसे सांपा कहा जाता है,उससे नूडलस,मोमोज,गुथुक आदि बनता है. कई तरह का पकवान भी बनता है. बेफे तसमपा
तिब्बत की कला एवं संस्कृति तिब्बतीयन भूटान और नेपाल में मिलता है.इनका संगीत मुख्य रूप से भक्ति संगीत होता है.गौतम बुद्ध के जन्मोत्सव पर,नए साल के आने पर ये लोग मोनलामप्रार्थना त्योहार मनाते हैं.
तिब्बत के लोगों का परंपरागत पहनावा:- तिब्बत की महिला प्रहरी ल्हासा बाज़ार मस्जिद
तिब्बत के धर्मगुरू लामा तिब्बत में बौद्ध,इस्लाम और ईसाई धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं. तिब्ब्तीयन धर्म गुरू लामा कहलाते हैं. ये गौतम बुद्ध और अपने पवित्र चिह्न धौम की पूजा करते हैं. धर्म
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